नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वॉन्ग यी ने गुरुवार दोपहर को फोन से बातचीत की. यह बातचीत करीब 75 मिनट तक चली. दोनों मंत्रियों ने एलएसी के पास पूर्वी लद्दाख की परिस्थितियों और भारत-चीन के संबंधों के बारे में बात की.
दोनों मंत्रियों ने अब उनके बीच हॉटलाइन के साथ संपर्क साधे रखने का भी फैसला किया है.
भारतीय विदेश मंत्री ने बातचीत के दौरान चीन के विदेश मंत्री से पिछले साल सितंबर में मॉस्को में हुई अपनी वार्ता का जिक्र किया जब भारत ने चीन के एकतरफा उकसावेपूर्ण व्यवहार और यथास्थिति को बदलने के प्रयास की आलोचना की थी.
उन्होंने कहा कि पिछले साल से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर काफी प्रभाव पड़ा है. विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा विवाद का हल निकलने में समय लग सकता है लेकिन शांति भंग और हिंसा होने से निश्चित रूप से दोनों देशों के संबंधों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.
विदेश मंत्री ने कहा, ‘पिछले साल मॉस्को की मीटिंग में दोनों देशों के मंत्रियों के बीच इस बात पर सहमति बनी थी कि सीमा क्षेत्र में व्याप्त स्थितियां दोनों देशों के हित में नहीं हैं और बॉर्डर ट्रूप्स के बीच बातचीत जारी रखनी चाहिए व तनाव को कम करना चाहिए.’
विदेश मंत्री ने य़ह भी कहा, ‘तब से दोनों पक्षों के बीच डिप्लोमेटिक और सैन्य स्तर पर बातचीत होती रही है. इसका फायदा भी दिखा है क्योंकि इस महीने पैंगोंग त्सो एरिया में दोनों पक्षों के बीच तनाव खत्म हुआ है.’
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अब दोनों पक्षों को पूर्वी लद्दाख के पास सीमा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को भी तेजी से हल करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जब एक बार विवाद के सारे बिंदुओं पर तनाव खत्म होता जाएगा तब दोनों पक्ष सीमा क्षेत्र से सैनिकों के डि-एस्केलेशन (कम करने) की प्रक्रिया को शुरू किया जा सकता है. इसके बाद क्षेत्र में शांति बहाली की तरफ काम किया जा सकता है.
चीन के स्टेट काउंसिलर व विदेश मंत्री वैंग यी ने इस दिशा में अब तक हुए अब तक के विकास से संतुष्टि जताई. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिन भी बिंदुओं पर आम सहमति बनी है उन्हें लागू करने की जरूरत है. उन्होंने सीमा क्षेत्र में मैनेजमेंट और नियंत्रण को बेहतर बनाने की भी बात कही.
विदेश मंत्री ने कहा, ‘दोनों पक्ष हमेशा इस बात को लेकर सहमत रहे हैं कि सीमा क्षेत्र में शांति रहना द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए अच्छा रहेगा. मौजूदा हालात का ज्यादा समय तक बने रहना किसी भी पक्ष के लिए अच्छा नहीं है. इसलिए यह काफी जरूरी है कि दोनों पक्ष बचे हुए मुद्दों को जल्दी से जल्दी काम करें.’
‘सीमा क्षेत्र में सैनिकों को कम करने के लिए पहले संघर्ष वाले सभी मुद्दों पर तनाव कम करने की जरूरत है. इससे क्षेत्र में शांति कायम होगी और हमारे द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए अच्छा होगा.’
चीन के विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि भारत ने ‘थ्री म्युचुअल’ यानी ‘तीन पारस्परिक’ (पारस्परिक सम्मान, पारस्परिक संवेदनशीलता और पारस्परिक हित) का प्रस्ताव रखा. दोनों मंत्रियों ने संपर्क में रहने और हॉटलाइन स्थापित करने को लेकर भी सहमति जताई.
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