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Sunday, 22 December, 2024
होमदेशगलवान में हुई मौतों के बाद, चीन ने भारत को कहा- 'सीमा पार करके स्थिति को न उलझाएं'

गलवान में हुई मौतों के बाद, चीन ने भारत को कहा- ‘सीमा पार करके स्थिति को न उलझाएं’

भारत के विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, सीडीएस रावत और तीन सेवा प्रमुखों ने आपातकालीन बैठक करने के बावजूद चीन के बयान का जवाब नहीं दिया.

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नई दिल्ली: चीन ने भारत के साथ ‘गंभीर अभ्यावेदन’ दर्ज किया है और नई दिल्ली से कहा है कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘सीमा पार’ या एकतरफा कार्रवाई करके स्थिति को न उलझाएं.

सेना द्वारा तीन भारतीय सैनिकों की हत्या की पुष्टि करने के बाद चीन का यह बयान आया. विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्रालय के प्रमुख बिपिन रावत और यहां तक ​​कि तीन सेवा प्रमुखों ने आपातस्थिति और बढ़ते तनाव को कम करने के लिए एक आपात बैठक की. अभी तक विदेश मंत्रालय की तरफ से कोई भी आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है.

मारे गए तीन भारतीय सैनिकों में गालवान नदी घाटी में तैनात यूनिट के कमांडिंग अधिकारी भी शामिल थे. सेना ने कहा कि ‘दोनों तरफ हताहत हुए’ हैं.

ग्लोबल टाइम्स ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के हवाले से कहा, ‘भारतीय सैनिकों ने सोमवार को दो बार अवैध रूप से सीमा पार करने और चीनी सैनिकों पर भड़काऊ हमले करने से दोनों पक्षों की सहमति का गंभीर उल्लंघन किया.’

चीनी सरकार समर्थित अंग्रेजी दैनिक के अनुसार, बीजिंग ने ‘भारतीय पक्ष के साथ गंभीर अभ्यावेदन दर्ज किए हैं और सीमा पार करने या अपनी एकतरफा कार्रवाई करने पर रोक लगाने का आग्रह किया है जो सीमा की स्थिति को जटिल कर सकती है.’

अपने बयान में, वांग ने कहा, ‘चीन और भारतीय पक्ष सीमा की स्थिति को आसान बनाने और सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए बातचीत के माध्यम से द्विपक्षीय मुद्दों को हल करने पर सहमत हुए थे.’


यह भी पढ़ें: लद्दाख में चीन के साथ 45 साल में पहली हिंसक झड़प- एक अधिकारी सहित तीन जवान मारे गए


पहले क्या हुआ

इससे पहले आज ही दिन में, दिप्रिंट ने बताया था कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध जारी रहने के बाद भी कैसे दोनों पक्ष सक्रिय रूप से स्थिति को सामान्य करने में लगे हुए हैं.

रिपोर्ट में कहा गया कि माना जाता है कि नई दिल्ली और बीजिंग ने राजनयिक चैनलों के माध्यम से विदेश मंत्रालय और चीन के विदेश मंत्रालय के बीच ‘नियमित’ संपर्क स्थापित किया है.

इसी महीने 23 जून को भारत, रुस और चीन के बीच त्रीपक्षीय वार्ता होनी है. यह पहले मार्च में होनी थी.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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