नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के सूत्रों का दावा है कि इस माह की शुरुआत में पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने जो टूलकिट ट्विटर पर साझा की थी, उसे बाम्बे हाई कोर्ट की वकील निकिता जैकब ने तैयार किया था.
पुलिस सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में जैकब के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है और वह ‘फरार’ हैं.
दिल्ली पुलिस के एक सूत्र ने कहा, ‘वह अपने घर से चली गई हैं और इस समय उनका कोई अता-पता नहीं है. हमारे पास उनके खिलाफ जारी एक एनबीडब्ल्यू है और हमारी टीम उनका पता-ठिकाना तलाशने के काम में जुटी है.’
उन्होंने कहा, ‘हमारी जांच से पता चला है कि जैकब ही वह इंसान हैं जिन्होंने उस टूलकिट को तैयार किया था जिसे अंततः थनबर्ग ने साझा किया था.’
थनबर्ग द्वारा ट्वीट किए गए टूलकिट में लोगों को बताया गया था कि वे कैसे अलग-अलग तरीकों से किसानों के आंदोलन का हिस्सा बन सकते हैं. इसमें सबसे पहले गणतंत्र दिवस पर या उससे पहले ‘ट्वीट स्टॉर्म’ और भारतीय दूतावासों के आसपास विरोध प्रदर्शन का जिक्र था. उसने इस वाले दस्तावेज को बाद में ‘आउटडेटेड’ बताकर हटाने के साथ ही एक नया वर्जन अपलोड किया था.
इसके बाद, दिल्ली पुलिस ने 4 फरवरी को टूलकिट के साथ छेड़खानी, आपराधिक साजिश, धार्मिक वैमनस्य को बढ़ावा देने और दंगा भड़काने की साजिश के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने रविवार को ‘टूलकिट’ मामले में एक 21 वर्षीय एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार कर लिया था.
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जैकब के मुंबई स्थित घर पर छानबीन
11 फरवरी को दिल्ली पुलिस की एक टीम छानबीन के लिए जैकब के मुंबई स्थित आवास पर पहुंची और उसके फोन और लैपटॉप सहित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त कर लिया. हालांकि, छानबीन एक दिन में पूरी नहीं हो सकती थी इसलिए पुलिस ने निकिता को ‘बाध्य’ किया और लिखित में लिया कि छानबीन अगले दिन भी जारी रहेगी और वह घर से बाहर नहीं जाएंगी.
हालांकि, दिल्ली पुलिस के एक सूत्र ने दावा किया कि वह ‘घर से भाग गई’ हैं.
सूत्र ने कहा, ‘अदालत के आदेशों पर उनके मुंबई स्थित आवास पर तलाशी ली गई थी. चूंकि यह एक दिन में पूरी नहीं हो सकती थी और अंधेरा हो चुका था, हमने फैसला किया कि हम इसे 12 फरवरी को जारी रखेंगे. सामान्य तौर पर छानबीन रात भर चलती है, लेकिन चूंकि यह मामला एक महिला से जुड़ा था हमने अपना काम अगले दिन जारी रखने का फैसला किया.’
सूत्र ने कहा, ‘जब हमारी टीम, जिसमें महिला एसआई, तकनीकी विशेषज्ञ आदि शामिल थे, अगले दिन उनके घर पहुंची तो वह पहले ही वहां से गायब हो चुकी थीं. यह स्थिति तब है जबकि हमने लिखित तौर पर ऐसे दस्तावेज पर उनसे हस्ताक्षर करा रखे थे कि जांच पूरी होने तक कहीं नहीं जाएंगी.’
पुलिस ने इसके बाद अदालत का रुख किया और जैकब के खिलाफ एक एनबीडब्ल्यू जारी किया गया.
दिल्ली पुलिस के सूत्र ने कहा, ‘हम उसके माता-पिता से पूछते रहे कि वह कहां गईं लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं बताया. इसके अलावा, उसका फोन बंद है. वह फरार हैं.’
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि टूलकिट में एक ‘एक्शन प्लान’ था, जिसमें कहा गया था कि ‘26 जनवरी से पहले और बाद में हैशटैग के माध्यम से डिजिटल हमले किए जाएंगे.’ इसने 23 जनवरी से ‘ट्वीट स्टॉर्म’ और 26 जनवरी को फिजिकल एक्शन’ के बारे में भी बात कही गई है.
दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त, अपराध प्रवीर रंजन ने मामला दर्ज किए जाने के तुरंत बाद कहा था, ‘यह विशेष एक्शन प्लान पब्लिक डोमेन पर अपलोड किया गया था. इस टूलकिट में जिस कार्रवाई का जिक्र किया गया है, वह 26 जनवरी की घटना के जैसी ही लगती है, जो चिंता का विषय है.’
उन्होंने कहा, ‘टूलकिट तैयार करने वाले का इरादा भारत सरकार के खिलाफ असंतोष पैदा करना था. इसका उद्देश्य भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक-आर्थिक युद्ध छेड़ना भी है.’
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