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Wednesday, 25 December, 2024
होमदेशमोदी ने लंबी चुप्पी के बाद राज्यसभा को बताया — मणिपुर में हिंसा घटी, शांति बहाल करने की कोशिश जारी

मोदी ने लंबी चुप्पी के बाद राज्यसभा को बताया — मणिपुर में हिंसा घटी, शांति बहाल करने की कोशिश जारी

पीएम ने मंगलवार को लोकसभा में अपने भाषण में मणिपुर का ज़िक्र नहीं किया, लेकिन कहा कि राज्य और केंद्र सरकार हिंसा करने वालों को दंडित करने की पूरी कोशिश कर रही है.

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नई दिल्ली: मणिपुर पर अपनी चुप्पी के लिए विपक्ष द्वारा अक्सर आलोचना किए जाने के बाद आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि राज्य में साल भर से चल रही जातीय हिंसा की घटनाएं कम हो गई हैं और केंद्र और राज्य प्रशासन शांति बहाल करने के लिए सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर रहे हैं.

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए, मोदी ने कहा कि सरकार लगातार स्थिति को स्थिर करने की कोशिश कर रही है.

पीएम ने कहा, “1,100 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं और 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हमें यह स्वीकार करना होगा कि हिंसा की घटनाएं कम हो रही हैं, जिसका मतलब है कि अब शांति की उम्मीद करना संभव है. राज्य में स्कूल, कॉलेज और दफ्तर खुल रहे हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “परीक्षाएं भी आयोजित की गईं और छात्र अपनी प्रगति की यात्रा जारी रख रहे हैं.”

मणिपुर मई 2023 से जातीय संघर्ष की चपेट में है जिस कारण सैकड़ों लोगों की जान चली गई और दो प्रमुख समुदायों, मैतेई और कुकी के बीच संबंध बिगड़ गए हैं.

मंगलवार को लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में, दो घंटे से अधिक समय तक चले भाषण में प्रधानमंत्री ने मणिपुर का कोई ज़िक्र नहीं किया. विपक्षी नेताओं द्वारा “मणिपुर के लिए न्याय” के नारों से उनका भाषण लगातार बाधित हुआ.

कांग्रेस ने मांग की कि स्पीकर ओम बिरला बाहरी मणिपुर से उनके सांसद अल्फ्रेड आर्थर को मोदी से पहले बोलने की अनुमति दें, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई. विपक्ष ने लोकसभा में लगातार नारेबाजी की, जिससे मोदी की आवाज़ लगभग दब गई.

बुधवार को मोदी ने कांग्रेस पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि एक समय ऐसा आएगा जब “मणिपुर आपको खारिज कर देगा”.

पीएम ने आगे कहा कि पिछली सरकारों ने मणिपुर में शांति के लिए बहुत कुछ नहीं किया. अपनी सरकार के प्रयासों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “गृह मंत्री संबंधित पक्षों के साथ समाधान तक पहुंचने के प्रयास में कई दिनों तक राज्य में रहे. मणिपुर में मौजूदा बाढ़ के मद्देनज़र एनडीआरएफ की टीम पहले ही भेजी जा चुकी है. मणिपुर की मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं. हमें राजनीति से हटकर मणिपुर की भलाई के लिए सहयोग करने की ज़रूरत है.”

राज्यपाल अनुसुइया उइके के अनुसार, मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण पिछले साल 3 मई से अब तक 219 लोगों की मौत हो चुकी है और 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं. पिछले साल अपनी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने 2 घंटे 20 मिनट के भाषण में करीब दस मिनट तक मणिपुर की स्थिति के बारे में बात की थी.

मोदी ने कहा, “कल अमित भाई (शाह) ने कहा कि मणिपुर हाई कोर्ट के एक आदेश ने सिलसिलेवार घटनाओं को अंजाम दिया, जिसके कारण राज्य में हिंसा हुई है. कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया. महिलाओं के खिलाफ भयानक अपराध किए गए हैं और यह निंदनीय है. अपराधियों को दंडित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें पूरी कोशिश कर रही हैं. मैं सभी नागरिकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारे सभी प्रयास जारी हैं और जल्द ही शांति बहाल हो जाएगी.”

मोदी ने कहा, “मणिपुर जल्द ही विकास की दिशा में नये आत्म-विश्वास के साथ आगे बढ़ेगा.”

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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