नई दिल्ली: टाटा संस ने आखिरकार शुक्रवार को काफी जद्दोजहद के बाद एयर इंडिया की बोली जीत ली है. 68 साल बाद यह फिर से टाटा के पास वापस आ गया है. उसने स्पाइसजेट के प्रवर्तक को पछाड़ा. यह एयरलाइंस कर्ज में डूबी थी.
गौरतलब है कि जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने 1932 में एयरलाइन की स्थापना की. तब इसे टाटा एयरलाइंस कहा जाता था. 1946 में टाटा संस के विमानन प्रभाग को एयर इंडिया के रूप में सूचीबद्ध किया गया था और 1948 में एयर इंडिया इंटरनेशनल को यूरोप के लिए उड़ानों के साथ शुरू किया गया था.
1953 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया था.
Tata Sons wins the bid for acquiring national carrier Air India pic.twitter.com/XgAW5YBQMj
— ANI (@ANI) October 8, 2021
सरकारी कंपनियों के निजीकरण की जिम्मेदारी संभालने वाले केंद्र सरकार के निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की एक विशेष इकाई (एसपीवी) सफल बोलीदाता के रूप में उभरी है.
एयर इंडिया के अधिग्रहण की दौड़ में टाटा संस ने स्पाइसजेट के प्रवर्तक अजय सिंह को पीछे छोड़ा जिन्होंने व्यक्तिगत क्षमता में बोली लगायी थी.
दीपम के सचिव ने कहा कि टाटा की 18,000 करोड़ रुपये की बोली में 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज लेना और बाकी का नकद भुगतान करना शामिल है.
उन्होंने बताया कि दोनों बोलीदाताओं ने आरक्षित मूल्य से ऊपर बोली लगायी थी और इस सौदे को दिसंबर तक पूरा करने की योजना है.
पांडेय ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित मंत्रियों के एक समूह ने 4 अक्टूबर को एयर इंडिया के लिए विजेता बोली को मंजूरी दी.
इसके साथ ही टाटा समूह में एयर इंडिया की वापसी हुई है.
अंतरराष्ट्रीय सेवा भारत में पहली सार्वजनिक-निजी भागीदारी में से एक थी, जिसमें सरकार की 49 प्रतिशत, टाटा की 25 प्रतिशत और जनता की शेष हिस्सेदारी थी.
सरकार सरकारी स्वामित्व वाली एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है, जिसमें एयर इंडिया की एआई एक्सप्रेस लिमिटेड में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है.
टाटा संस द्वारा एयर इंडिया की बोली जीतने के बाद रतन टाटा ने ट्वीट किया है, ‘एयर इंडिया की वापसी का स्वागत’ है.
I hope the airline will continue to deliver on its mission of bringing people closer through its successful operations. 2/2
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) October 8, 2021
वहीं विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एयर इंडिया के टाटा के पास जाने को लेकर बधाई दी है.
रतन टाटा ने वापसी का किया स्वागत
"Welcome back, Air India," tweets Ratan Tata on Tata Sons winning the bid for Air India pic.twitter.com/Fg5bmwqa3S
— ANI (@ANI) October 8, 2021
एयर इंडिया की बोली जीतने के बाद रतन टाटा ने इसकी जानकारी ट्वीट की है. उन्होंने कहा कि टाटा ग्रुप द्वारा एयर इंडिया की बोली जीतना बड़ी खबर है. आईटी इसको फिर से बनाने में सचेत प्रयास करेगा. एविएशन उद्योग में टाटा ग्रुप की मौजूदगी को यह ताकतवर मदद पहुंचाएगा.
इसको लेकर भावानात्मक बात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जेआरडी टाटा के नेतृत्व में एयर इंडिया ने एक समय पूरी दुनिया में गौरमयी जगह हासिल की थी. टाटा के पास अवसर है कि जेआरडी रतन टाटा के समय की इसकी छवि और प्रतिष्ठा को फिर से हासिल करे.
हमें इसे भी ध्यान देने और धन्यवाद कहने की जरूरत है कि सरकार ने अपनी ताजा नीति में उद्योगों को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोल दिया है.