भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने ओंकारेश्वर में ‘अद्वैत वेदांत’ दर्शन पर आधारित भव्य ‘अद्वैत लोक संग्रहालय’ के निर्माण को हरी झंडी दे दी है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में 2195 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई. यह संग्रहालय एकात्म धाम का हिस्सा होगा, जिसे ‘वैश्विक एकता केंद्र’ (Global Centre of Oneness) के रूप में विकसित किया जा रहा है.
आचार्य शंकराचार्य की संन्यास और ज्ञानभूमि ओंकारेश्वर में इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक एकता, सनातन परंपरा और अद्वैत वेदांत के मर्म को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना है. इससे पहले चरण में 108 फीट ऊंची ‘एकात्मता की मूर्ति’ स्थापित की जा चुकी है, जो श्रद्धा और एकता का प्रतीक बन चुकी है.
अब दूसरे चरण में अद्वैत लोक संग्रहालय के माध्यम से आचार्य शंकर के जीवन, दर्शन और सांस्कृतिक योगदान को आधुनिक तकनीकों से प्रस्तुत किया जाएगा. संग्रहालय के अंतर्गत कई प्रमुख आकर्षण विकसित किए जा रहे हैं. इनमें डायोरमा गैलरी के माध्यम से उनके जीवन की प्रमुख घटनाएं प्रदर्शित होंगी. अद्वैत नौका विहार में नर्मदा नदी पर 150 लोगों की क्षमता वाली नाव यात्रा के ज़रिए सनातन की परंपराओं को जीवंत रूप में दिखाया जाएगा.
इसके अलावा, 3डी डोम प्रोजेक्शन गैलरी, हाई-स्क्रीन थिएटर, श्रीयंत्र एवं शाक्त तंत्र पर आधारित शिल्प गैलरी, सन्यास परंपरा को दर्शाने वाली गैलरी, ध्यान केंद्र, भारतीय पारंपरिक कला पर आधारित वीथिकाएं, अन्नपूर्णा परिसर और कलाग्राम जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी. पंचायतन मंदिर का निर्माण भी शास्त्रीय शैली में होगा, जिसमें भगवान शिव सहित पांच देवताओं की पूजा की जाएगी.
परियोजना में 37000 पौधों के सघन वृक्षारोपण और ‘अद्वैत वन’ की स्थापना की भी योजना है, जिसमें पर्यटक पारंपरिक वैदिक वन अनुभव कर सकेंगे. अद्वैत लोक का निर्माण 4 स्टार GRIHA रेटिंग के अनुरूप किया जा रहा है, जिसमें पर्यावरण अनुकूल तकनीकों जैसे सौर ऊर्जा, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, वेस्ट मैनेजमेंट, ग्रीन बिल्डिंग डिज़ाइन आदि को विशेष महत्व दिया गया है.
तीसरे चरण में यहां अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान की स्थापना की जाएगी, जो शोध, संवाद और वैश्विक चिंतन का केंद्र बनेगा.