कोच्चि: महिला अधिकार कार्यकर्ता और भूमाता ब्रिगेड की फाउंडर तृप्ति देसाई सबरीमाला मंदिर जाने के लिए शुक्रवार सुबह कोच्चि हवाई अड्डे पर पहुंच गईं लेकिन महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे श्रद्धालुओं के प्रदर्शन के कारण वह घरेलू टर्मिनल से बाहर नहीं आ सकीं.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक तृप्ति देसाई अभी हवाई अड्डे पर ही हैं. वह पुणे से करीब चार बजकर 40 मिनट पर यहां पहुंच गई है. गौरतलब है कि भगवान अयप्पा मंदिर में माहवारी आयु वर्ग वाली महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे श्रद्धालु प्रदर्शनकारियों ने कहा कि देसाई और उनके साथियों को हवाई अड्डे से बाहर नहीं आने दिया जाएगा जिसके बाद वहां पर तनाव उत्पन्न हो गया है.
Kochi: Trupti Desai, founder of Bhumata Brigade, at Cochin International Airport. Protests are underway outside the airport against her visit to #SabarimalaTemple. #Kerala pic.twitter.com/T3y1JEj8ZH
— ANI (@ANI) November 16, 2018
बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी हालात को नियंत्रण में करने के लिए हवाई अड्डे पर मौजूद हैं.
इससे पहले फोन पर मीडिया से बातचीत में तृप्ति देसाई ने कहा कि वह भगवान अयप्पा मंदिर में दर्शन के बिना महाराष्ट्र वापस नहीं जाएंगी.
उन्होंने कहा, ‘हम सबरीमला मंदिर में दर्शन किए बिना महाराष्ट्र नहीं लौटेंगे. हमें सरकार पर भरोसा है कि वह हमें सुरक्षा मुहैया कराएगी. यह राज्य सरकार और पुलिस की जिम्मेदारी है कि सुरक्षा मुहैया कराई जाए और हमें मंदिर ले जाया जाए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी है.’
आपको बता दें कि शनि शिंगणापुर मंदिर, हाजी अली दरगाह, महालक्ष्मी मंदिर और त्र्यम्बकेश्वर शिव मंदिर समेत कई धार्मिक सथानों पर महिलाओं को प्रवेश देने के अभियान का नेतृत्व करने वाली भूमाता ब्रिगेड की फाउंडर तृप्ति देसाई ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को खत लिखकर सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में जाने के लिए सुरक्षा की मांग की है. वह 17 नवंबर को मंदिर में जाने की कोशिश करने वाली हैं.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंदिर शुक्रवार शाम को तीसरी बार खुलेगा. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को जाने की इजाजत दी थी लेकिन मंदिर खुलने के बाद श्रद्धालुओं के विरोध-प्रदर्शन के चलते कोई महिला मंदिर में एंट्री नहीं ले सकी थी.