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Monday, 23 December, 2024
होमदेशलॉकडाउन में अभिभावकों से फीस मांगे जाने पर छत्तीसगढ़ में निजी स्कूलों के खिलाफ होगी कार्यवाई

लॉकडाउन में अभिभावकों से फीस मांगे जाने पर छत्तीसगढ़ में निजी स्कूलों के खिलाफ होगी कार्यवाई

कुछ शिकायतें ऐसी मिली जिनमें निजी स्कूलों के प्रबंधकों ने कुछ अभिभावकों को फीस जमा न किये जाने पर संस्थान से निकालने की धमकी भी दी है जिसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने 23 अप्रैल को एक नया आदेश जारी किया.

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में निजी स्कूलों ने यदि अभिभावकों पर लॉकडाउन के दौरान फीस देने लिए दबाव बनाया तो छत्तीसगढ़ सरकार उनके खिलाफ कार्यवाई करेगी. सरकार की यह चेतावनी कुछ अभिभावकों के शिकायत के बाद आई की स्कूलों द्वारा उनपर फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है और उनके बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकी दी जा रही है.

हालांकि, स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निजी स्कूलों को अभी निर्देशित किया गया है कि वे सरकार और अभिभावकों के विश्वास को बनाये रखने के लिए स्वयं अपनी तरफ से प्रमाणपत्र जारी करें. ऐसा नहीं होने पर स्कूल के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी.

दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है कि कई निजी स्कूल लॉकडाउन के दौरान छात्रों और उनके अभिभावकों पर फीस जमा करने को लेकर अनावश्यक दबाव बना रहे थे जिसकी शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की गयी थी. निजी स्कूल प्रबंधकों द्वारा यह दबाव सरकार के द्वारा जारी 1 अप्रैल को दिशा- निर्देश के बाद भी बनाया जा रहा है.

इस आदेश में स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा है, ‘राज्य शासन को ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं कि अनेक निजी स्कूल लॉकडाउन की अवधि में भी अभिभावकों को स्कूल फीस जमा करने संबंधी संदेश लगातार भेजे जा रहे हैं. लॉकडाउन की अवधि में स्कूल फीस भुगतान के लिए दबाव डालना उचित नहीं है. अतः निर्देशित किया जाता है कि सभी शालाएं लॉकडाउन की अवधि में स्कूल फीस वसूली स्थगित रखें, जिससे पालकों और बच्चों को अनावश्यक परेशानी न हो.’

स्कूल शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार के आदेश के बावजूद भी प्रदेश में कई निजी स्कूल प्रबंधन पालकों और छात्रों पर दबाव बनाये हुए थे. ऐसी परिस्थिति में विभाग द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों को 23 अप्रैल को एक बार फिर निर्देशित किया गया की वे अपने जिलों के सभी निजी स्कूलों से फीस नही मांगे जाने का प्रमाण पत्र लें. इसके बाद प्रदेश के सभी डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसरों (डीईओ) ने अपने क्षेत्रों के निजी स्कूलों से प्रमाण पत्र प्राप्त मांगा है. सरकार के आदेश के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारियो ने कुछ निजी स्कूलों से प्रमाणपत्र हासिल भी कर लिया है लेकिन कई स्कूलों ने अभी भी नही दिया है.

प्रमाणपत्र के बाद शिकायत आने पर होगी कार्यवाही

दिप्रिंट से बात करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ल ने बताया, ‘ सरकार के द्वारा 1 अप्रैल को फीस न मांगे जाने को लेकर जारी एडवाइजरी के बावजूद भी कुछ निजी स्कूलों के खिलाफ पालकों पर लॉकडाउन के दौरान फीस जमा करने के लिए अनावश्यक रूप से दबाव बनाए जाने की शिकायतें मिल रहीं थी.

उन्होंने आगे कहा, ‘कुछ शिकायतें ऐसी मिली जिनमें निजी स्कूलों के प्रबंधकों ने कुछ पालकों (अभिभावकों) को फीस जमा न किये जाने पर संस्थान से निकालने की धमकी भी दी थी. इसी कारणवश सरकार ने 23 अप्रैल को एक नया आदेश जारी किया.’


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नये आदेश में जिला शिक्षा अधिकारियों को साफ कहा गया है कि वे निजी स्कूलों से सरकार द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश का अनुपालन कराएं जिससे छात्रों और अभिभावकों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो.

शुक्ला आगे कहते हैं, ’23 अप्रैल के आदेश के बाद अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है लेकिन यदि किसी स्कूल द्वारा फीस के लिए छात्रों को संस्थान से निकाले जाने की धमकी की शिकायत सरकार को दोबारा मिलेगी तो उचित कार्यवाई की जाएगी.’

आलोक शुक्ला ने कार्यवाई का स्वरूप तो नही बताया लेकिन यह जरूर कहा कि छात्रों के हितों के पक्ष में स्कूल शिक्षा विभाग किसी भी निजी स्कूल के खिलाफ कार्यवाई करने से पीछे नहीं हटेगा.

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