पटना: बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में 14 अप्रैल से 17 मई तक राज्य भर में चलाए गए डॉ. आंबेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत बिहार के 38 जिलों के दलित टोलों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए. इस दौरान कुल 7284 शिविरों का आयोजन किया गया, जिनमें हर घर नल का जल निश्चय योजना और बिजली कनेक्शन के लिए हजारों आवेदन प्राप्त हुए.
शिविरों के माध्यम से दलित टोलों में जलापूर्ति से वंचित परिवारों से कुल 2228 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 865 आवेदनों को कार्ययोजना में शामिल कर लिया गया है, जबकि 1215 आवेदनों पर कार्रवाई प्रक्रियाधीन है.
राज्य सरकार का लक्ष्य इन शिविरों के जरिए उन 4,82,942 परिवारों तक पाइप से जलापूर्ति पहुंचाना है जो अब तक इस सुविधा से वंचित रहे हैं. सबसे अधिक 211 आवेदन दरभंगा जिले से प्राप्त हुए, जिनमें से 130 को कार्ययोजना में शामिल किया गया है.
अन्य जिलों की स्थिति इस प्रकार है:
सिवान: 197 में से 91 पर कार्रवाई शुरू
मुजफ्फरपुर: 128 में से 20
कैमूर: 107 में से 77
पटना: 77 में से 53
रोहतास: 103 में से 22
सारण: 103 में से 03
सीतामढ़ी: 119 में से 03
भोजपुर: 87 में से 12
बिजली कनेक्शन के लिए 450 आवेदन, 145 को मिला लाभ : अभियान के दौरान बिजली कनेक्शन के लिए कुल 450 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 145 परिवारों को तत्काल कनेक्शन उपलब्ध कराया गया, जबकि 305 आवेदन प्रक्रियाधीन हैं.
सबसे अधिक 71 आवेदन मुजफ्फरपुर जिले से प्राप्त हुए, जिनमें से 12 पर त्वरित कार्रवाई हुई। अन्य जिलों की स्थिति निम्नलिखित है:
अररिया: 10 में से 5
औरंगाबाद: 14 में से 3
बांका: 15 में से 8
दरभंगा: 14 में से 10
पूर्वी चंपारण: 14 में से 10
गोपालगंज: 23 में से 4
कैमूर: 21 में से 19
मधुबनी: 20 में से 5
नालंदा: 14 में से 3
सारण: 20 में से 1
सिवान: 51 में से 22
वैशाली: 24 में से 3
हालांकि, जहानाबाद, खगड़िया और पूर्णिया जैसे कुछ जिलों से बिजली कनेक्शन के लिए एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ.
राज्य सरकार का यह अभियान दलित समुदाय के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है. इस योजना के अंतर्गत वंचित और उपेक्षित बस्तियों में आवश्यक सेवाओं को पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचे.