नई दिल्ली: जेल में बंद स्वयंभू आध्यात्मिक गुरु आसाराम बापू के अनुयायियों ने इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के शो आप की अदालत के बहिष्कार का आह्वान किया है और शो को ‘हिन्दू विरोधी’ बताया है.
ट्विटर पर अनुयायियों ने हैशटैग #AntiHinduRajatSharma और #BoycottAapKiAdalat शुरू किया, उन्होंने बुधवार को 101,000 से अधिक ट्वीट्स के साथ ट्रेंड कराया.
उन्होंने शर्मा पर अपने शो का उपयोग आसाराम को बदनाम करने का आरोप लगाया. यह शो 26 साल से चल रहा है. आसाराम वर्तमान में 2013 में एक नाबालिग के बलात्कार के लिए उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.
‘संत या ज्ञानी नहीं’
15 फरवरी के बाद शो के बहिष्कार का आह्वान किया गया. शर्मा ने अपने शो में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने अन्य विषयों के साथ यौन उत्पीड़न के लिए दोषी ठहराए गए अभियुक्तों, या कैदियों के मुद्दे पर चर्चा की थी.
रविशंकर ने कहा था, ‘ऐसे व्यक्ति न तो ‘संत’ (देवता) हैं, न ही ज्ञानी (बुद्धिमान व्यक्ति) और न ही धार्मिक. अगर भगवानों की आड़ में लोग अपराध करते हैं, तो उन्हें दो बार सजा दी जानी चाहिए जो आम लोगों को दी जाती है.
बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराए गए डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक गुरमीत राम रहीम का जिक्र करते हुए रविशंकर ने कहा, ‘अगर मिट्टी का घड़ा ठोस नहीं है, तो यह पानी को रोक नहीं सकता. यदि आप ऐसे घड़े में पानी डालते हैं, तो घड़ा और पानी दोनों गिर जाएंगे.’
हालांकि, आसाराम बापू का नाम नहीं लिया था, लेकिन उनके अनुयायियों ने उन्हें और अन्य धर्मनिष्ठ हिंदू संतों को बदनाम करने के लिए शर्मा पर हमला किया.
Paid media has become habitual to malign the pious image of Hindu Saints and embedded to target Hindu sanskriti.
Everyone should #BoycottAapkiAdalatShow because #AntiHinduRajatSharma is crossing his limits. pic.twitter.com/BGVgDYsnmj
— Ajay Kumar Shukla (@_Ajayks) February 19, 2020
Not a single follower of Sant Shri Asharamji Bapu has taken approval letter from #AntiHinduRajatSharma whether to follow Bapuji or not.
His questions are just to defame Hindu saints and gain popularity amongst antihindus.#BoycottAapkiAdalatShow pic.twitter.com/oagRHptscz
— Amulya Arora (@KEWALKRISHANAR7) February 19, 2020
People like #AntiHinduRajatSharma defame our saints because Hindus don't raise voice.
Recently he made derogatory remarks on Sant Shri Asharamji Bapu, that too for a BOGUS case.
Will other religions tolerate negative comments on their leaders?? NEVER !pic.twitter.com/OhpADp62aF
— Puja Kalani (@PujaKalani) February 19, 2020
People like #AntiHinduRajatSharma defame our saints because Hindus don't raise voice.
Recently he made derogatory remarks on Sant Shri Asharamji Bapu, that too for a BOGUS case.
Will other religions tolerate negative comments on their leaders?? NEVER !pic.twitter.com/OhpADp62aF
— Puja Kalani (@PujaKalani) February 19, 2020
मामला दर्ज होने के लगभग पांच साल बाद अप्रैल 2018 में आसाराम बापू को दोषी ठहराया गया और उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
अपनी शिकायत में नाबालिग ने आसाराम पर अंदर से ताला लगाकर एक कमरे में उसके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था. उसने कहा, ‘जब मैंने चिल्लाना शुरू किया, तो उसने मेरे माता-पिता को मारने की धमकी दी और मेरा मुंह बंद कर दिया.’ बच्ची के माता-पिता आसाराम के अनुयायी थे.
2013 में, आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर उनके सूरत आश्रम में दो बहनों ने कई वर्षों तक बार-बार यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. साई को दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गयी थी.
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