नाहन (हिमाचल प्रदेश): कथित तौर पर गौहत्या वाले व्हाट्सएप के एक स्टेटस को लेकर हिमाचल प्रदेश के नाहन में तनाव पैदा होने के एक दिन बाद, पुलिस ने धार्मिक भावनाओं का अपमान करने के आरोप में आरोपी — 24-वर्षीय जावेद पर मामला दर्ज किया है जो कि फिलहाल फरार है.
बुधवार को आरोपी की दुकान में तोड़फोड़ करने वाली भीड़ के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है.
जिला प्रशासन और पुलिस विभाग तब से शहर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं. गुरुवार शाम को शांति समिति की बैठक भी हुई थी.
दिप्रिंट से बात करते हुए सिरमौर के डिप्टी कमिश्नर सुमित खिमता ने कहा, “नाहन शहर शांतिपूर्ण है. हमने हर समुदाय से बात की है. उनके कुछ मुद्दे थे और हम उन्हें सुलझा रहे हैं, जहां तक इस मामले का सवाल है, पुलिस जांच जारी है.”
नाम न बताने की शर्त पर पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “यहां अपराध (गौहत्या) नहीं हुआ, इसलिए हमने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295-ए के तहत आरोपियों पर मामला दर्ज किया है. साथ ही, आईपीसी की धारा 147 और 149 के तहत संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए भीड़ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.”
इन प्रयासों ने नाहन में मुस्लिम समुदाय के लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने के लिए प्रोत्साहित किया है, खासकर कम आय वाली नौकरियों में लगे लोगों को. पेशे से प्लंबर, ऐसे ही एक व्यक्ति ने दिप्रिंट को बताया कि ऐसी घटनाओं से उनकी आजीविका को ही नुकसान पहुंचता है.
नाम न बताने की शर्त पर उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “जब से यह हुआ है, मैं काम पर नहीं गया हूं. मैं आज काम पर जाऊंगा क्योंकि अब सब ठीक हो गया है. कुछ लोगों ने हमारे इर्द-गिर्द नारे लगाए, लेकिन किसी ने सीधे तौर पर हमसे बात नहीं की. फिर भी, हम डर गए थे.”
नाहन निवासी जावेद ने कहा, “अपराधी को सज़ा मिलनी चाहिए, लेकिन जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं, तो हम जोखिम में पड़ जाते हैं. हम आरोपी की हरकत की निंदा करते हैं, लेकिन जिस तरह से गुस्साई भीड़ ने व्यवहार किया, वो डरावना था. उन्होंने दुकान में तोड़फोड़ की और पुलिस सिर्फ मूक दर्शक बनी देखती रही.”
खुद को ‘हिंदू कार्यकर्ता’ बताने वाले दुकानदार दुष्यंत शर्मा, जिनकी दुकान आरोपी की दुकान के समान ही है, ने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा, “हम किसी के खिलाफ नहीं हैं. हिंदू, मुस्लिम और अन्य समुदाय यहां शांतिपूर्वक रह रहे हैं, लेकिन ऐसे लोग और गतिविधियां न केवल हमें अपमानित और आहत करती हैं, बल्कि उनके अपने समुदाय को भी प्रभावित करती हैं. हम दोषियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं, पूरे समुदाय के खिलाफ नहीं.”
ईद पर उत्तर प्रदेश के शामली जिले के जावेद ने कथित तौर पर “गोहत्या” वाला व्हाट्सएप पर एक स्टेटस पोस्ट किया. एक दोस्त ने स्टेटस देखा और नाहन में लोगों को सूचित किया, जहां जावेद कपड़े और रेडीमेड कपड़ों की दुकान चलाता था.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “स्थानीय लोगों द्वारा आरोपी की पहचान करने के बाद, मंगलवार को शहर में असहज शांति का माहौल था और फिर बुधवार को चीज़ें नियंत्रण से बाहर हो गईं, जब स्थानीय हिंदू संगठनों ने विरोध में उसकी दुकान बंद करने का आह्वान किया.”
बाज़ार में भीड़ जमा हो गई और जावेद की दुकान में तोड़फोड़ शुरू कर दी. एक वायरल वीडियो में लोग उसकी दुकान से सामान फेंकते हुए दिखाई दे रहे हैं, साथ ही धमकी दी जा रही है कि जावेद जैसे बाहरी लोग दुकान बंद करें.
अंजुमन इस्लामिया संगठन के अध्यक्ष बॉबी अहमद ने दिप्रिंट से कहा, “कुछ लोगों ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बातें करनी शुरू कर दीं. नाहन एक शांतिपूर्ण शहर है और यहां तक कि मुस्लिम भी आरोपी के कृत्य से खुश नहीं हैं. ऐसी घटनाएं पूरे समुदाय का अपमान करती हैं.”
हालांकि, उन्होंने कहा कि भीड़ द्वारा न्याय कोई समाधान नहीं है. उन्होंने कहा, “कानून को अपना काम करना चाहिए. किसी को भी कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. इससे सिर्फ बेगुनाहों को परेशान किया जाता है.”
उसी बाज़ार में अपना व्यवसाय चलाने वाले दुकानदार रिज़वान ने दिप्रिंट से कहा, “हम उसे (आरोपी को) जानते हैं, जैसे सभी दुकानदार एक-दूसरे को जानते हैं, लेकिन उससे ऐसी उम्मीद नहीं थी. उसने पूरे समुदाय को खतरे में डाल दिया. हम लंबे समय से यहां रह रहे हैं. हम स्थानीय लोग हैं. वे सिर्फ अपनी दुकान चलाने के लिए सहारनपुर से यहां आया था. हमें उसकी हरकतें या भीड़ का व्यवहार पसंद नहीं आया.”
नाहन के तीसरी पीढ़ी के निवासी इमरान ने दिप्रिंट को बताया, “स्थानीय व्यापारियों के संगठन में कुछ लोग हैं जो नहीं चाहते कि बाहरी लोग यहां अपना कारोबार करें. वे ‘बाहरी लोगों’ को बाहर करने की मांग कर रहे हैं.”
इमरान जावेद की दुकान के पास रेडीमेड गारमेंट की दुकान चलाते हैं.
हिंदू समूह ऐसे “असामाजिक” तत्वों को हटाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, जिला प्रशासन ने शांति बैठक में स्पष्ट किया कि कानून क्षेत्र या धर्म के आधार पर लोगों को छांटने की अनुमति नहीं देता है.
शांति बैठक में मौजूद एक जिला अधिकारी ने कहा, “वे यहां किराएदार हैं और अगर स्थानीय लोगों को उनसे कोई समस्या है, तो मकान मालिकों को इसका समाधान करना चाहिए. कानूनी तौर पर, कार्रवाई तभी की जाएगी जब कोई अपराध हुआ हो या अपराध होने का खतरा हो.”
ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना को लेकर हिमाचल प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस पर सवाल उठाए.
उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “अगर लूटने वाले मुस्लिम होते और दुकानदार हिंदू होता, तो पुलिस मूकदर्शक नहीं बनी रहती, लेकिन मुझे लगता है कि मोहब्बत की दुकान एक जुमला है, ठीक वैसे ही जैसे सबका साथ.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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