इटावाः यूपी के इटावा जिले के रेलवे स्टेशन पर एक हैरानी वाला मामला सामने आया है. यहां एक बुजुर्ग को शताब्दी एक्सप्रेस में चढ़ने से इसलिए रोक दिया क्योंकि वह धोती-कुर्ता और हवाई चप्पल पहने था.
दरअसल, बाराबंकी के रहने वाले बाबा अवधदास शुक्रवार को इटावा स्टेशन पहुंचे. उनके पास शताब्दी के सी-2 कोच में 72 नंबर सीट पर गाजियाबाद जाने के लिए कन्फर्म टिकट भी था लेकिन एक सिपाही ने चढ़ने से रोक दिया क्योंकि वह बेहद साधारण से दिख रहे थे. सिपाही की इस बदसलूकी से आहत बुजुर्ग यात्री ने स्टेशन पर मौजूद शिकायत पुस्तिका में शिकायत दर्ज की. बाद में रोडवेज बस से अपना सफर पूरा किया.
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बाबा अवधदास ने बताया कि इटावा जंक्शन से गाजियाबाद जाने के लिए शताब्दी (12033) ट्रेन में अपनी सीट बुक कराई थी. उन्हें सी-2 बोगी में 72 नंबर सीट मिली थी. ट्रेन जब प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर आई तो बाबा वह बोगी में चढ़ने लगे. उसी समय गेट पर मौजूद सिपाही ने उन्हें ट्रेन में चढ़ने से रोका. तभी कोच अटेंडेंट भी आ गए. धोती-कुर्ता और पैरों में रबर की हवाई चप्पल पहने बाबा को चढ़ने से रोकने लगते हैं. बाबा ने इस बीच अपना टिकट भी दिखाया, लेकिन तब तक 2 मिनट हो चुके थे और ट्रेन प्लेटफार्म छोड़ चुकी थी, जिसके बाद हताश रामअवध दास ने स्टेशन मास्टर के पास जाकर शिकायत रजिस्टर में अपनी शिकायत दर्ज कराई और उसके बाद बस से गाजियाबाद के लिए रवाना हुए.
दरअसल वह बाराबंकी के रहने वाले हैं और पेशे से साधु हैं. वह भक्तों के घर जाते रहते हैं. इटावा के इंद्रापुरम में भक्त सत्यदेव के घर आए थे और यहां से उन्हें गाजियाबाद के विजय नगर निवासी भक्त के घर जाना था लेकिन ट्रेन में चढ़ने नहीं दिया गया. इस मामले में इटावा के स्टेशन सुपरिटेंडेंट पीएम मीना ने बताया कि शताब्दी ट्रेन के पैंट्री कर्मियों व आरपीएफ के सिपाही ने बुजुर्ग को चढ़ने नहीं दिया था. इस बात का उल्लेख यात्री ने शिकायती रजिस्टर में किया है. इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है.
वहीं, टि्वटर यूजर अविरल श्रीवास्तव ने राम अवध दास के साथ हुई बदसलूकी के मामले को रेल मंत्रालय को टैग करते हुए टि्वट किया. रेलवे मंत्रालय ने संबंधित डीआरएम व आरपीएफ को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
इटावा-टिकिट कन्फर्म होने के बावजूद टीटी ने 72 वर्षीय रामअवध व्रद्ध को शताब्दी ट्रेन से उतार,क्योकि व्रद्ध व्यक्ति ने पहनावे में धोती कुर्ता व रवर की चप्पल पहन रखी थी,व्रद्ध व्यक्ति रामअवध दास से स्टेशन मास्टर के ऑफिस में TT के खिलाफ की शिकायत दर्ज. @RailMinIndia pic.twitter.com/9iJK1uCu8J
— Aviral Srivastava (@anshpatrkaar) July 5, 2019
Kindly look into this matter, post your comments and action taken @rpfncr @Drmncrald @upgrp
— Indian Railways Seva (@RailwaySeva) July 5, 2019
दिनांक 04-07-19 को गाड़ी संख्या 12033 के इटावा स्टेशन आने पर रामअवध दास जी जिनका आरक्षण कोच सी -2 सीट -71 पर था वे गाड़ी के पावरकार के पास पहुचे और उसमे चढ़ने का प्रयास किया ऑन ड्यूटी आरपीएफ स्टाफ द्वारा उन्हें बताया गया की ये पावर कार है अपने कोच में जाकर अपना स्थान ग्रहण करे
— RPF ALLAHABAD DIV. (@rpfncrald) July 5, 2019
आरपीएफ इलाहाबाद डिवीजन ने अपने जवाब में कहा है कि, राम अवध दास पावरकार में चढ़ने का प्रयास कर रहे थे, जिन्हें ऑन ड्यूटी कर्मी ने उन्हें अपने कोच में जाकर स्थान ग्रहण करने के लिए कहा था.
आज़ादी के70वर्ष बाद जो यह प्रकरण हुआ है , यह south Africaमें गांधी जी के साथ हुए दुर्व्यवहार की याद दिलाताहै। @PiyushGoyal @RailMinIndia @PiyushGoyalOffc आदरणीय प्रधान मंत्री @narendramodi जी rail मंत्रालय @nitin_gadkari जी को दे दीजिए।अभी तो पता ही नहीं चलता की रेलमंत्री भी हैं
— AKHILESH TIWARI (@akhileshbt) July 5, 2019
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इस घटना ने यूपी में भेदभाव पर बहस जरूर शुरू कर दी है. लोग सोशल मीडिया पर इस प्रकरण से महात्मा गांधी का दक्षिण अफ्रीका के प्रकरण से जोड़कर पोस्ट कर रहे हैं. 7 जून 1893 को दक्षिण अफ्रीका में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को ट्रेन से धक्के मारकर सिर्फ इसलिए उतार दिया गया था क्योंकि वह अश्वेत थे.