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Tuesday, 23 September, 2025
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विकास की नई मिसाल: सीएजी रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश का नाम रेवेन्यू सरप्लस में शीर्ष पर

सीएजी ने देश के राज्यों के 10 वर्षों के आर्थिक प्रदर्शन पर आधारित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की प्रगति का किया उल्लेख.

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लखनऊ: कभी ‘बीमारू’ राज्य का दर्जा पाए और पिछड़ेपन और आर्थिक तंगी की वजह से चर्चा में रहने वाला उत्तर प्रदेश अब आर्थिक मोर्चे पर बड़ी उपलब्धि हासिल कर चुका है. भारत के महालेखाकार (सीएजी) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में उत्तर प्रदेश रेवेन्यू सरप्लस वाले राज्यों में शामिल था.

सीएजी ने राज्यों के पिछले 10 वर्षों के आर्थिक प्रदर्शन का अध्ययन किया और बताया कि अब देश में कुल 16 राज्य ऐसे हैं, जिनकी कमाई उनके खर्च से अधिक है. महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इस सूची में उत्तर प्रदेश ₹37,000 करोड़ के रेवेन्यू सरप्लस के साथ शीर्ष पर है. यह दर्शाता है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लागू की गई नीतियों के कारण यूपी न केवल सतत विकास की राह पर बढ़ रहा है बल्कि अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय उदाहरण भी बन रहा है.

सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी के बाद गुजरात (₹19,856 करोड़), ओडिशा (₹15,560 करोड़), झारखंड (₹13,920 करोड़), कर्नाटक (₹13,496 करोड़), छत्तीसगढ़ (₹8,592 करोड़), तेलंगाना (₹6,944 करोड़), केरल (₹5,310 करोड़), मध्य प्रदेश (₹4,091 करोड़) और गोवा (₹2,399 करोड़) शामिल हैं. पूर्वोत्तर के अरुणाचल, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम जैसे राज्य भी रेवेन्यू सरप्लस में हैं. इन 16 राज्यों में कम से कम 10 पर भाजपा का शासन है.

रिपोर्ट के अनुसार देश के 12 राज्य अभी भी राजस्व घाटे से जूझ रहे हैं. इनमें आंध्र प्रदेश (-₹43,488 करोड़), तमिलनाडु (-₹36,215 करोड़), राजस्थान (-₹31,491 करोड़), पश्चिम बंगाल (-₹27,295 करोड़), पंजाब (-₹26,045 करोड़), हरियाणा (-₹17,212 करोड़), असम (-₹12,072 करोड़), बिहार (-₹11,288 करोड़), हिमाचल प्रदेश (-₹6,336 करोड़), केरल (-₹9,226 करोड़), महाराष्ट्र (-₹1,936 करोड़) और मेघालय (-₹44 करोड़) शामिल हैं.

पश्चिम बंगाल, केरल, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्य अपनी आर्थिक जरूरतें पूरी करने के लिए केंद्र से मिलने वाले अनुदान पर निर्भर हैं. वित्त वर्ष 2023 में पश्चिम बंगाल को 16%, केरल को 15%, आंध्र प्रदेश को 12%, हिमाचल प्रदेश को 11% और पंजाब को 10% अनुदान मिला. वहीं, हरियाणा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्य अपने कर राजस्व को मजबूत कर उच्च राज्य कर राजस्व (एसओटीआर) वाले बने.

उत्तर प्रदेश डबल इंजन की सरकार के तहत तेजी से विकास कर रहा है. 2012-17 के दौरान पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की तुलना में योगी सरकार के कार्यकाल (2017-25) में आर्थिक विकास में तेजी देखी गई है.

वर्ष 2012-13 में ₹54,000 करोड़ था, जो 2016-17 में ₹85,000 करोड़ हुआ. योगी सरकार में 2017-18 में ₹95,000 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में ₹2,25,000 करोड़ तक पहुंचा. यानी 8 वर्षों में 1.3 लाख करोड़ से अधिक की वृद्धि.

वर्ष 2012-13 में राज्य का बजट ₹2.0 लाख करोड़ था, जो 2016-17 में ₹3.46 लाख करोड़ और 2025-26 में ₹8.08 लाख करोड़ तक पहुंच गया.

वर्ष 2012-13 में जीएसडीपी ₹8 लाख करोड़ थी, 2016-17 में ₹12.5 लाख करोड़ और 2025-26 में लगभग ₹30 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान. यानी केवल 8 वर्षों में लगभग ₹16.4 लाख करोड़ की वृद्धि हुई.

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