नई दिल्ली : तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है. एआईएडीएमके द्वारा लगाया गया एक अवैध बैनर 22 वर्षीय सुभाश्री पर गिर गया जिससे वह बुरी तरह घायल हो गई थीं. इसी दौरान एक टैंकर ने भी टक्कर मार दी. अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
वह पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर थीं और चेन्नई में काम करती थीं.
सत्तारूढ़ एआईएडीएमके की सफाई
इस घटना के बाद एआईएडीएमके की तरफ से आए बयान में कहा गया, ‘पार्टी कार्यकर्ता ऐसे पोस्टर और बैनर न लगाएं जिससे लोगों को परेशानी हो और जो असुविधा पहुंचाएं. कुछ अति उत्साही कार्यकर्ता बिना परिणामों को सोचे ऐसे बैनर लगा देते हैं. हम इस बात से काफी दुखी हैं कि ऐसे पोस्टर लोगों को काफी हानि पहुंचा रहे हैं.’
एआईएडीएमके के नेता के साथियों ने चेन्नई में 22 साल की लड़की की मौत पर कहा, ‘पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा यह पोस्टर किसी पारिवारिक कार्यक्रम के लिए लगाया गया था. हमारे नेताओं ने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि ऐसे पोस्टर न लगाएं जो नियमों के खिलाफ हों.’
विपक्ष ने साधा निशाना
इस घटना के बाद विपक्षी पार्टी के नेताओं ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया. डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा, ‘मैंने बार-बार अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को बैनर और पोस्टर लगाने से रोका है. कुछ पोस्टर इजाजत लेकर लगाए जाते हैं. इसके अलावा पार्टी के बारे में प्रचार करने के लिए पोस्टर लगाने पर हमने रोक लगाई हुई है. उन लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो इसे तोड़ेंगे और पार्टी के नियमों को नहीं मानेंगे.’
DMK president MK Stalin,"I reiterate that DMK party cadres must avoid banners, flex, posters etc to advertise party-related events. Only one or two can be used with permission. Strict action will be taken against those who violate&I'll not participate in that event."(File pic) pic.twitter.com/5Jl9rs0qYg
— ANI (@ANI) September 13, 2019
स्टालिन ने कहा, ‘सुभाश्री की मौत सरकार और अधिकारियों की लापरवाही की वजह से हुई है. गैर-कानूनी तरीके से लगाए गए एक बैनर ने एक और व्यक्ति की जान ले ली है. सत्ता की भूख और तानाशाही वाली सरकार की वजह से और कितनी जानें जाएंगी.’
इस घटना पर डीएमके विधायक ई. करुणानिधि ने कहा, ‘यह बैनर सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा लगया गया था. हमारी पार्टी हमेशा से मांग करती आई है कि पोस्टर लगाने की परंपरा को खत्म कर देना चाहिए. मेरा सवाल है कि इस मौत का जिम्मेदार कौन है. हम मांग करते हैं कि परिवार के लोगों को उचित मुआवजा दिया जाए.’
मद्रास हाई कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि हमने गैर-कानूनी रूप से लगाए जाने वाले फ्लैक्स बोर्ड पर कई बार रोक लगाने के आदेश दिए हैं. लेकिन कोई मानता ही नहीं. हम तो अब थक गए हैं. जस्टिस शेसासयी ने कहा, ‘इस देश में किसी की जान की कीमत नहीं रह गई है. यह घटना नौकरशाहों की उदासीनता का परिणाम है. हम माफी चाहते हैं कि यह कहना पड़ रहा है कि अब हमें सरकार पर विश्वास नहीं रहा है.’