मानसा: पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या किए जाने के एक दिन बाद सोमवार को उनकी हवेली पर जुटे प्रशंसक बेहद भावुक नजर आए.
मानसा के रहने वाले गगनदीप सिंह ने काफी आक्रोश के साथ कहा, ‘एक जाट की हत्या कर दी गई है. बदला लेना होगा.’ इस बीच वहां मौजूद कुछ लोगों ने उसे शांत करने की कोशिश की. भीड़ में कई लोगों को रोते देखा जा सकता था, कुछ ने तो यहां तक कहा कि 28 वर्षीय कलाकार को अपनी मौत का पूर्वाभास हो गया था और उसने अपने एक गाने ‘द लास्ट राइड’ के जरिये इसे जता भी दिया था.
पंजाब के मानसा जिले के मूसा गांव स्थित झरोखों और झालरनुमा बालकनियों वाली क्रीम-कलर की महल जैसी हवेली सोमवार को किसी किले में तब्दील नजर आ रही थी, जहां सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात थे और गांव की सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई थी. दिन भर रिश्तेदारों के अलावा हजारों की संख्या में प्रशंसक, राजनेता और अन्य आगंतुक वहां पहुंचते रहे.
देर शाम तक शव को अंतिम संस्कार के लिए मानसा सिविल अस्पताल से गांव लाया जाना बाकी था, लेकिन भीड़ इंतजार करती रही.
लुधियाना, पटियाला, फरीदकोट और बरनाला के दूरदराज के गांवों से मूसा पहुंचे लाखों प्रशंसकों के लिए मूसेवाला का अंतिम दर्शन करना काफी मायने रखता था, साथ ही वे यह भी समझने की कोशिश कर रहे थे कि आखिर ये सब क्यों हुआ.
भीड़ में शामिल 20 वर्षीय सिद्धू बराड़ ने कहा, ‘वह युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय थे. बड़ी संख्या में पंजाब के गांवों में रहने वाले लोगों को उनका कंटेंट सोशल मीडिया के जरिये उपलब्ध था और वे खुद को उससे जुड़ा पाते थे. इसलिए आप देख सकते हैं कि लोग इस कदर उत्तेजित हैं कि बदला लेने की बात कर रहे हैं.’
पंजाब पुलिस का कहना है कि मूसेवाला की हत्या ‘गैंगों की आपसी दुश्मनी’ का नतीजा है, लेकिन उनके समर्थक इस पर ध्यान देने को तैयार नहीं हैं, बल्कि वह मूसेवाला को बस एक प्रतिभाशाली कलाकार के रूप में याद रखना चाहते हैं. भले ही किसान समर्थक नेता अपने कई वीडियो में बंदूक चलाते नजर आया हो.
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‘पंजाब के लाखों युवाओं को उनकी कला से प्रेरणा मिली’
सिद्धू मूसेवाला की मौत के बाद उन्हें इसका आभास होने जैसी तमाम बातें कही जा रही हैं.
सिद्धू के एक प्रशंसक नवनीत सिंह ने उनके गाने ‘द लास्ट राइड’ का जिक्र करते हुए कहा, ‘क्या यह सच है कि उन्हें अपनी मौत का आभास हो गया था?’ यह गीत दो हफ्ते पहले ही रिलीज हुआ था, जो कथित तौर पर अमेरिकी रैपर तुपैक शकूर को एक श्रद्धांजलि थी, जिनकी 1996 में 25 साल की उम्र में उनकी कार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
वहां मौजूद लोगों में कुछ ने नवनीत सिंह के सवाल को खारिज कर दिया, जबकि कुछ इससे थोड़ा सहमत नजर आए.
मूसेवाला ने बतौर कलाकार अपने म्यूजिक के बलबूते पर केवल तीन-चार सालों में ही एक अच्छा-खासा मुकाम हासिल कर लिया था और बड़ी संख्या में अपने फॉलोअर बना लिए थे. उनके पंजाबी गानों में कुछ हिप-हॉप होते थे और कुछ रैप स्टाइल वाले.
मूसेवाला पंजाबी इंटरटेनमेंट चैनलों का एक लोकप्रिय चेहरा थे और बतौर सिंगर, सॉन्गराइटर और प्रोड्यूसर उन्होंने काफी प्रशंसक बनाए थे. उनके इंस्टाग्राम पर लगभग 80 लाख फॉलोअर और यूट्यूब पर 1.07 करोड़ सब्सक्राइबर थे. वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म पर उन्हें न केवल 2017 की हिट ‘सो हाई’ जैसे म्यूजिक वीडियो में देखा जा सकता है, बल्कि विदेशों के कई लाइव शो भी उपलब्ध हैं. हिंदी फिल्म उद्योग की तमाम लोकप्रिय हस्तियों ने भी उनके निधन पर शोक जताया है.
फिर भी, मूसेवाला का म्यूजिक करियर कुछ विवादों से जुड़ा रहा है—उनमें सबसे बड़ा विवाद तो यही था कि उन पर म्यूजिक वीडियो के माध्यम से बंदूक की संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है. पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत दो मामले भी दर्ज हैं.
हालांकि, प्रशंसक इस सबको ज्यादा तवज्जो नहीं देते.
गगनदीप सिंह ने कहा, ‘आप इसे विवादास्पद कह सकते हैं लेकिन वे वीडियो उनकी मृत्यु के साथ अमर हो गए हैं. पंजाब के लाखों युवा उनकी कला से प्रेरणा लेते हैं.’
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कनाडा से कांग्रेस तक
शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला ने 2015 में लुधियाना के गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया था और फिर कई साल कनाडा में बिताए थे. वह पिछले साल ही पंजाब लौटे थे और फिर कांग्रेस के सदस्य के रूप में अपनी राजनीतिक शुरुआत की थी.
परिवार के प्रति संवेदना जताने के लिए सोमवार को मूसेवाला के घर पहुंचे राजनेताओं में कई कांग्रेसी शामिल थे—इसमें पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग से लेकर स्थानीय जिला स्तर तक के नेता शामिल थे.
मूसेवाला अब निरस्त हो चुके तीन कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों के मुखर समर्थक रहे थे. सूत्रों के मुताबिक, उनकी लोकप्रियता को देखकर ही कांग्रेस ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा था.
हालांकि, यह कोशिश चुनावी जीत में तब्दील नहीं हो सकी.
मूसेवाला ने 2022 के विधानसभा चुनाव में मानसा सीट से बतौर कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव लड़ा था लेकिन आप के विजय सिंगला से हार गए जिन्हें इस महीने के शुरू में भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया गया था.
अप्रैल में पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के करीब एक माह बाद ही मूसेवाला ने ‘स्केपगोट’ शीर्षक से एक गीत जारी किया था, जिसमें कथित तौर पर आम आदमी पार्टी (आप) को सत्ता में लाने के लिए पंजाबियों को देशद्रोही कहकर वह विवादों में घिर गए थे.
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गैंगों के बीच दुश्मनी का संदेह
पंजाब सरकार ने सोमवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से मूसेवाला की हत्या के मामले की जांच सिटिंग जज से कराने का अनुरोध किया. यह कदम मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर उठाया गया है, जिन्होंने मामले की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित करने के मूसेवाला के परिवार के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है.
एक सरकारी सूत्र के मुताबिक, मूसेवाला के परिवार ने ‘गैंगों के बीच दुश्मनी का नतीजा’ होने के पंजाब पुलिस के दावे को निराधार करार दिया है.
मूसेवाला की हत्या के तुरंत बाद पंजाब के पुलिस महानिदेशक वी.के. भावरा ने कहा था कि ये हत्या गैंगों की आपसी दुश्मनी का नतीजा लगती है और इसमें लॉरेंस बिश्नोई गैंग शामिल था. उन्होंने कहा कि कनाडा के गिरोह के एक सदस्य ने एक फेसबुक पोस्ट (जिसे अब गोल्डी बरार से जोड़ा जा रहा है) में हत्या की जिम्मेदारी ली है.
भावरा ने कहा कि पिछले साल युवा अकाली नेता विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या में मूसेवाला के मैनेजर शगनप्रीत का नाम आया था और यह हत्या इसी का बदला लगती है. शगुनप्रीत कथित तौर पर ऑस्ट्रेलिया भाग गया है.
यद्यपि मिद्दुखेड़ा की हत्या की जांच को लेकर कभी मूसेवाला का नाम सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आया, लेकिन कथित तौर पर बरार की तरफ से लिखे गए फेसबुक पोस्ट में दावा किया गया था कि उन्होंने पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए अपनी ‘पॉवर’ का इस्तेमाल किया था.
पंजाब पुलिस की तरफ से गायक सहित 424 लोगों की सुरक्षा आंशिक तौर पर हटाने के एक दिन बाद ही रविवार शाम मानसा जिले में मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
यह घटना तत्काल ही एक राजनीतिक विवाद में बदल गई. पंजाब के विपक्षी दलों ने सुरक्षा घटाने को लेकर आप सरकार को घेरा और इसे एक ‘राजनीतिक हत्या’ करार दे दिया. साथ ही पंजाब की कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंताएं भी जाहिर की गईं.
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