scorecardresearch
सोमवार, 30 जून, 2025
होमदेश90 दिवसीय जल गंगा संवर्धन अभियान बना जन आंदोलन

90 दिवसीय जल गंगा संवर्धन अभियान बना जन आंदोलन

GIS आधारित SIPRI सॉफ्टवेयर की मदद से जल स्रोतों का चयन किया गया और AI आधारित निगरानी की गई. साथ ही, नर्मदा परिक्रमा पथ और अन्य तीर्थ मार्गों का डिजिटलीकरण कर श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बेहतर बनाया गया.

Text Size:

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में 2048 करोड़ रुपये की लागत से 83,000 से अधिक खेत तालाबों का निर्माण कार्य पूरा किया गया है, जिससे खेत का पानी खेत में ही सिंचित हो सकेगा. इसके साथ ही, ₹254 करोड़ की लागत से 1 लाख से अधिक कूपों का रिचार्ज किया गया है.

अमृत सरोवर 2.0 के तहत 354 करोड़ की लागत से 1,000 से अधिक नए अमृत सरोवरों का निर्माण हुआ है. शहरी क्षेत्रों में 3,300 से अधिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन, 2,200 नालों की सफाई और 4,000 वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है.

अभियान को जन आंदोलन बनाने में 40 लाख से अधिक लोगों की भागीदारी रही, जिनकी मदद से 5,000 से अधिक जल स्रोतों का जीर्णोद्धार हुआ. My Bharat पोर्टल के माध्यम से 2.30 लाख से अधिक जलदूत बनाए गए, जिन्होंने जमीनी स्तर पर काम को आगे बढ़ाया. इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में पानी चौपालों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया गया और सुझाव लिए गए.

GIS आधारित SIPRI सॉफ्टवेयर की मदद से जल स्रोतों का चयन किया गया और AI आधारित निगरानी की गई. साथ ही, नर्मदा परिक्रमा पथ और अन्य तीर्थ मार्गों का डिजिटलीकरण कर श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बेहतर बनाया गया.

57 प्रमुख नदियों में मिलने वाले 194 से अधिक नालों का चिन्हांकन किया गया है और उनके शोधन की योजना तैयार की गई है. जैव विविधता संरक्षण के लिए घड़ियाल और कछुओं का जल में पुनर्वास किया गया. 145 नदियों के उद्गम क्षेत्रों को चिन्हित कर हरित विकास हेतु योजना बनाई गई है.

अविरल निर्मल नर्मदा योजना के तहत 5,600 हेक्टेयर में पौधरोपण प्रारंभ किया गया है. वन्य जीवों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु 2,500 से अधिक तालाब और स्टॉप डैम बनाए गए हैं. इसके अतिरिक्त, पौधरोपण हेतु लगभग 6 करोड़ पौधों की नर्सरी विकसित की गई है.

1,200 करोड़ की लागत से 91 वॉटरशेड परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिससे 5.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिलेगी. 9,000 से अधिक जल संरक्षण संरचनाओं के माध्यम से किसानों को एक वर्ष में दो से तीन फसलों का लाभ मिल रहा है.

share & View comments