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Friday, 22 November, 2024
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दिल्ली में 9 साल की दलित लड़की से ‘गैंगरेप’, पुजारी और 3 अन्य ने कराया ‘जबरन दाह संस्कार’

सोमवार को चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस का दावा है कि इस चार लोगों ने लड़की के परिवारवालों को उसका दाह-संस्कार करने के लिए धमकाया, स्थानीय निवासियों और परिवार के विरोध के बाद मामले में बलात्कार के आरोप जोड़े गए.

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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बताया कि रविवार शाम को दक्षिण पश्चिम दिल्ली में एक नौ-वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई और फिर उसका जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया.

बच्ची की मां के द्वारा पहचान किये जाने के एक दिन बाद सोमवार को चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक पुजारी, राधे श्याम, उसके लिए काम करने वाले दो लोग लक्ष्मी नारायण और कुलदीप और इसी इलाके का निवासी सलीम शामिल हैं.

आरोपियों पर प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज (पोक्सो) एक्ट और अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति अधिनियम की संबंधित धाराओं के अलावा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार), 302 (हत्या), 506 (आपराधिक धमकी) और 204 (सबूत नष्ट करना) के तहत आरोप दर्ज किये गए हैं.

पीड़िता के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के साथ-साथ दिल्ली छावनी क्षेत्र के पुराना नंगल के निवासियों, जहां यह परिवार रहता है, ने सोमवार शाम को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था. वे सभी आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग कर रहे हैं.

मंगलवार को दिप्रिंट से फोन पर बात करते हुए मृतका की मां ने कहा कि ‘फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से आरोपियों को मौत की सजा ही उसकी बेटी को न्याय दिला सकती है.

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की एक टीम ने भी सोमवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें अपना समर्थन देने की पेशकश की. आजाद ने ट्विटर पर लिखा, ‘न्याय होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा.’

दिल्ली में 9 साल की बच्ची के साथ अत्याचार और हत्या की भयानक घटना हुई है. हमारी टीम मौक़े पर है. ये मेरा अपना परिवार है. वह मेरी बहन थी. कल मैं खुद पीड़ित परिवार से मिलने जाऊंगा. न्याय होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा.


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‘जबरन दाह संस्कार’

पुलिस के मुताबिक, मृत बच्ची, जो अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी, रविवार शाम करीब साढ़े 5 बजे पास के श्मशान घाट के वाटर कूलर से पानी लेने गई थी. करीब आधे घंटे बाद, आरोपी ने पीड़िता की मां को उस जगह बुलाया, जहां वह लड़की मृत पड़ी थी, और उसने यह दावा किया कि कूलर का उपयोग करते समय बच्ची को करंट लग गया था.
दिप्रिंट से बात करते हुए, पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) इग्नित प्रताप सिंह ने बताया, ‘आरोपी ने बच्ची की मां को फोन किया और उन्हें सूचित किया कि उनकी लड़की की करंट से मौत हो गई है. उसके बाद मृत बच्ची की मां ने उसके पिता को मौके पर बुलाया और फिर उन्होंने उसका शव देखा…. बच्ची की बायीं कलाई और कोहनी के बीच जलने के निशान थे और उसके होंठ नीले पड़ गए थे.‘

इसके बाद आरोपियों ने कथित तौर पर परिवार को धमकाया और उन्हें पुलिस को सूचित करने के खिलाफ चेतावनी दी. साथ हीं उन्होंने परिवार वालों को उसका जल्द दाह संस्कार करने के लिए कहा. डीसीपी सिंह ने कहा, ‘उन्होंने परिवार वालों से कहा कि पुलिस में मामला दर्ज करेगी और फिर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज देगी जहां डॉक्टर उसके अंगों की चोरी कर लेंगे. इसके बाद उन्होंने परिवार की इच्छा के खिलाफ शव का दाह संस्कार कर दिया.’

जब पीड़िता की मां ने शोर मचाया तो पुराना नंगल गांव के करीब 200 निवासी श्मशान घाट पर जमा हो गए और उन्होंने रविवार रात करीब साढ़े 10 बजे पुलिस नियंत्रण कक्ष में फोन किया. इसके बाद पुलिस द्वारा मौके से फॉरेंसिक और अन्य साक्ष्य इकठ्ठा किये गए.

मृत बच्ची का परिवार अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए कूड़ा-करकट बीनने और साफ़- सफाई का काम करता है.

‘बलात्कार के आरोप नहीं लगाए गए’

इस मामले में पुलिस ने शुरू में केवल गैर-इरादतन हत्या, गलत तरीके से बंधक बनाने और सबूत नष्ट करने के आरोप दर्ज किए थे. हालांकि, सोमवार को काफी विरोध के बाद और परिवार द्वारा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को दिए बयान के आधार पर बलात्कार के आरोप भी जोड़े गए.

नाम न छापने की शर्त पर मामले की जांच कर रहे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘पुलिस को दिए अपने शुरुआती बयान में बच्ची की मां ने बलात्कार के आरोपों का जिक्र नहीं किया था, इसलिए इसे केस में जोड़ा नहीं गया. हमने इसे तब जोड़ा जब एसटी/एससी आयोग ने मृतका की मां का बयान दर्ज किया और हमें इस बारे में सूचित किया.’

हालांकि, पीड़ित परिवार के पड़ोसियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले को रफा-दफा करने और परिवार पर दबाव बनाने की कोशिश की थी. एक पड़ोसी ने दावा किया, ‘परिवार वालों को पुलिस ने धमकाया था. उन्होंने पहले ही अपनी बेटी को खो दिया था, लेकिन इसके बजाय, पुलिस ने उनसे बार-बार पूछताछ की और उन्हें परेशान किया.’

पुराना नंगल गांव के निवासियों ने दिप्रिंट से बातचीत में पुजारी और उसके सहयोगियों पर कथित तौर पर श्मशान में ‘जुआ खेलने’ और ‘ड्रग्स लेने’ का आरोप लगाया.

एक अन्य पड़ोसी ने दावा किया, ‘वे यहां हर तरह की गलत गतिविधियां करते रहते थे. वे पूरे समय एक साथ बैठते हैं, जुआ खेलते हैं, शराब पीते हैं और यहां तक कि ड्रग्स भी लेते हैं. हमें यह भी पता चला है कि वे छोटे बच्चों को श्मशान में बुलाते थे और उनसे मालिश करवाते थे.’

हाथरस कांड की याद दिलाता है पूरा मामला

इस जघन्य अपराध की खबर ने जबर्दस्त आक्रोश पैदा कर दिया है और सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना की तुलना हाथरस बलात्कार मामले से की है, जब पिछले साल सितंबर में उत्तर प्रदेश के बूलगढ़ी गांव में एक 20 वर्षीय महिला का चार ऊंची जाति के पुरुषों द्वारा कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी. बाद में पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी.

इसके बाद एक बड़ा विवाद उस समय खड़ा हो गया था जब यूपी पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा पीड़िता का उसके परिवार की सहमति के बिना अंतिम संस्कार करवा दिया गया था.

हाथरस का आतंक दिल्ली में दोहराया गया. एक दलित बच्ची के साथ श्मशान के अंदर कथित तौर पर बलात्कार और पुजारी द्वारा परिवार की सहमति के बिना अंतिम संस्कार किया गया. हमेशा की तरह पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. क्या हम फिर से ऐसे भीषण अपराधों के मूक दर्शक बने रहेंगे.

हाथरस की घटना की पुनरावृत्ति में दिल्ली में एक 9 वर्षीय दलित लड़की का पंडित और श्मशान के 3 कर्मचारियों द्वारा बलात्कार किया गया और उसके शरीर का चुप-चाप अंतिम संस्कार किया गया.

यह बार-बार दोहराया जा रहा है क्योंकि तमाम तरह से लोगों का ध्यान आकर्षित करने के बावजूद हाथरस के पीड़ित परिवार को अभी भी न्याय का इंतजार है.

दोनों घटनाओं के बीच किसी भी प्रकार की समानताओं को खारिज करते हुए, ऊपर बताये गए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस ताजा कांड में त्वरित कार्रवाई की गई है और इसकी हाथरस की घटना से कोई समानता नहीं है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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