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Friday, 22 November, 2024
होमदेशहिसार में प्रदर्शन करने जा रहे 69 वर्षीय की किसान की सांस फूली और मौत हो गई, ‘शहीद’ घोषित किया गया

हिसार में प्रदर्शन करने जा रहे 69 वर्षीय की किसान की सांस फूली और मौत हो गई, ‘शहीद’ घोषित किया गया

हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के गांवों के 7,000 से अधिक किसान कमिश्नर ऑफिस तक मार्च के लिए हिसार के क्रांतिमान पार्क में जुटे थे.

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हिसार: हरियाणा के हिसार में सोमवार को एक 69 वर्षीय किसान और भारतीय किसान यूनियन सदस्य की अचानक ‘सांस फूलने लगी’ और ‘हृदय गति रुक जाने’ से उसकी मौत हो गई. यह घटना उस वक्त हुई जब वह इस माह के शुरू में आंदोलनकारी किसानों पर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने जा रहे थे.

किसान राम चंदर को अस्पताल ले जाने के बजाये साथ चल रहे लोग उनका शव धरना स्थल पर ले आए, उसे तिरंगे में लपेटा और 7,000 से अधिक लोगों की भीड़ के बीच रख दिया. इन लोगों ने न तो मास्क पहन रखा और न ही कोविड-19 संबंधी अन्य प्रोटोकॉल का पालन कर रहे थे.

मंच पर मौजूद किसान नेता ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राम चंदर को ‘शहीद’ घोषित कर दिया और अपना भाषण फिर शुरू करने से पहले उपस्थित किसानों से ‘शहीद के लिए एक मिनट का मौन’ रखने को कहा.

हरियाणा के उग्राहन गांव से चंदर के साथ आए अजीत सिंह किसान की इस तरह मौत से हतप्रभ नजर आ रहे थे.

अजीत सिंह ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि उनके साथ क्या हुआ. वह सुबह तक पूरी तरह से ठीक थे और इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए बहुत उत्साहित थे. हम प्रदर्शन स्थल से कुछ ही मीटर की दूरी पर थे, जब वह टॉयलेट जाने के लिए कार से नीचे उतरे. जब लौटे तो बोलने लगे उन्हें बेचैनी हो रही है. उन्हें सांस लेने में कुछ दिक्कत हो रही थी और इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते, वो गिर पड़े.’

अजीत सिंह ने कहा कि राम चंदर किसानों के विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे रहते थे और दिल्ली की टीकरी सीमा पर 15 दिन बिताने के बाद एक हफ्ते पहले ही अपने गांव लौटे थे.

हरियाणा के सभी जिलों और गांवों के किसानों ने प्रदर्शन स्थलों पर डेरा डालने के लिए साप्ताहिक ‘ड्यूटी रोस्टर’ बना रखा है और इसी के मुताबिक वह दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचकर प्रदर्शन में शामिल होते हैं.

हर हफ्ते 10 लोगों का एक समूह अपने गांव रवाना होता है. जब वे घर लौटते हैं तो उनकी जगह 10 लोगों का दूसरा जत्था प्रदर्शन में शामिल हो जाता है. हरियाणा सरकार का दावा है कि सीमा से आने-जाने वाले किसान ही राज्य के ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला रहे हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या चंदर को कोई बीमारी थी, अजीत ने कहा, ‘उन्हें कभी कोई समस्या नहीं थी. वह बहुत मजबूत थे. हमें नहीं पता कि अचानक उनकी सांसें ऐसे क्यों फूलने लगीं और कुछ ही मिनटों में उनकी मौत हो गई.’

अजीत सिंह ने इस संभावना को खारिज कर दिया कि राम चंदर कोविड पॉजिटिव हो सकते थे. उन्होंने कहा, ‘उन्हें ऐसा कुछ नहीं था. ऐसा कोई वायरस नहीं है. यह दिल का दौरा था. बस.’

चंदर के परिवार में चार बेटियां, दो बेटे और बहुएं हैं.

विरोध प्रदर्शन

हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के गांवों के 7,000 से अधिक किसान कमिश्नर ऑफिस तक मार्च के लिए हिसार के क्रांतिमान पार्क में जुटे थे.

किसानों, जिनमें राकेश टिकैत और जगजीत दल्लेवाल जैसे नेता भी शामिल हैं, ने मांग की कि 16 मई को पुलिस के साथ उनकी झड़प के बाद प्रशासन की तरफ से किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए 300 से अधिक मामलों को वापस लिया जाए.

16 मई को किसानों का एक समूह—जो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा हिसार में एक कोविड-19 फैसिलिटी का उद्घाटन किए जाने के दौरान विरोध प्रदर्शन करने गया था—पुलिस से भिड़ गया था, जिसमें दोनों पक्षों के दर्जनों लोग घायल हुए थे. इस मामले में 300 से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गईं और कई को हिरासत में भी लिया गया.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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