रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीजापुर जिले के उसूर तहसील के अंदरूनी गांव गलगम पहुंचकर हालिया नक्सल विरोधी अभियान में मिली बड़ी सफलता को ऐतिहासिक बताया. करेगुट्टा की पहाड़ियों में 21 दिन तक चले इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने 31 कुख्यात माओवादियों को मार गिराया और भारी मात्रा में हथियार जब्त किए.
सीएम साय ने इसे “नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़” के संकल्प की दिशा में एक बड़ा कदम बताया.
भारत माता और छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारों से अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए सीएम साय ने सीआरपीएफ जवानों के साहस की प्रशंसा की.
उन्होंने कहा, “44 डिग्री की गर्मी में भी आपने अभियान को अंजाम दिया। यह पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है.”
उन्होंने सुरक्षा कैम्पों को ‘सुविधा कैम्प’ करार देते हुए कहा कि इनके जरिए बस्तर के दूरस्थ इलाकों में बिजली, राशन, स्कूल, मोबाइल नेटवर्क और स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच रही हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि मूलेर में सरकार बनने के बाद पहला सुरक्षा कैम्प खोला गया था और अब आसपास के गांवों में सरकारी योजनाएं सक्रिय हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में नक्सल विरोधी अभियान की सफलता का श्रेय जवानों की बहादुरी को देते हुए दोहराया कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य तय किया गया है.
अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीण हितग्राहियों को राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड वितरित किए और आत्मसमर्पित नक्सलियों व पीड़ित परिवारों को पीएम आवास योजना के तहत स्वीकृति पत्र भी दिए. उन्होंने भरोसा दिलाया कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर तेजी से काम होगा.
सीएम साय ने गलगम कैम्प में जवानों के साथ भोजन किया और देशभक्ति के नारों से उनका उत्साह बढ़ाया. पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने जवानों के सिविक एक्शन की सराहना की, जबकि बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा ने जानकारी दी कि हाल ही में गलगम में समाधान शिविर के तहत 1590 आवेदन आए, जिनमें वनाधिकार पत्र प्रमुख हैं.
इस मौके पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी., डीआईजी कमलोचन कश्यप सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.