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Thursday, 21 November, 2024
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जम्मू-कश्मीर के दौरे के लिए देश के 30 कोर्पोरेट घराने तैयार, युवाओं को कैरियर सलाह देने के साथ प्लेसमेंट पर करेंगे चर्चा

प्रतिनिधिमंडल 31 अक्टूबर को एक दिन के वर्कशॉप में शामिल हो सकता है जिसका शीर्षक 'यूथ इंगेजमेंट एंड आउटरीच' है, जो कि उनके दौरे का मुख्य आयोजन है.

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श्रीनगर: केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश की मदद से देश के जाने-माने 30 कोर्पोरेट घराने जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए आउटरीच इनीशियटिव के तहत श्रीनगर का दौरा करने वाले हैं. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.

प्रतिनिधिमंडल 31 अक्टूबर को एक दिन के वर्कशॉप में शामिल हो सकता है जिसका शीर्षक ‘यूथ इंगेजमेंट एंड आउटरीच’ है, जो कि उनके दौरे का मुख्य कार्यक्रम है.

कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी वर्कशॉप में हिस्सा लेकर प्रतिनिधिमंडल से बात करेंगे और उन्हें जम्मू-कश्मीर की स्थिति से अवगत कराएंगे.

सूत्रों के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल युवाओं से उनके कैरियर के लिए सलाह, रोजगार के अवसर और प्लेसमेंट पर बात करेगा.

अधिकारियों ने माना कि भारत के कोर्पोरेट घरानों की तरफ से अनुच्छेद-370 के हटने के बाद ये पहला दौरा, केंद्र शासित प्रदेश के युवाओं के साथ बात करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है.

प्रतिनिधिमंडल कई सरकारी संस्थानों खासकर स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े क्षेत्रों का दौरा करेगी और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए सलाह मांगेगी.


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जम्मू-कश्मीर में निवेश के लिए भरोसा बढ़ने की उम्मीद

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है और प्रशासन ये उम्मीद लगा रहा है कि ये दौरा कोर्पेरेट्स में इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए भरोसा बढ़ाएगी.

एक सरकारी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर दिप्रिंट से कहा, ‘जीविका, वित्तीय सहयोग, खेल, शिक्षा, स्किल डेवलेपमेंट, कम्युनिटी रीक्रिएशन ऐसे छह क्षेत्र हैं जिसपर जम्मू-कश्मीर प्रशासन लगातार काम कर रही है और ये वर्कशॉप इसी प्रयास का हिस्सा है. प्राथमिक उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के युवाओं को केंद्र शासित प्रदेश और देशभर में रोजगार दिलाना है.’

सूत्रों ने कहा कि बिजनेस समुदाय के सदस्य और उभरते उद्यमी भी केंद्र शासित प्रदेश का दौरा कर कोर्पोरेट प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर सकते हैं.

जम्मू-कश्मीर के सरकारी अधिकारी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल के दौरे के मद्देनज़र श्रीनगर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. प्रतिनिधिमंडल सरकारी आवास और प्राइवेट होटल्स में ठहरने वाले हैं.

अधिकारी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर के प्रसिद्ध डल झील और मुगल गार्डन का भी दौरा करेंगे.

जम्मू-कश्मीर में इस साल अप्रैल में होने वाले ग्लोबल इनवेस्टर समिट के बाद ये दौरा होने वाला है. लेकिन कोरोना महामारी के कारण उस समय समिट रद्द कर दिया गया था.

दिप्रिंट ने पहले बताया था कि केंद्र शासित प्रदेश ने 60 हजार कनाल्स (करीब 7500 एकड़) सरकारी जमीन संभावित निवेशकों के लिए देखने का फैसला किया था. पहले ये समिट अक्टूबर 2019 में होना था लेकिन अनुच्छेद-370 के हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति को देखते हुए इसे आगे बढ़ा दिया गया था.

हाल ही में लाए गए भूमि कानूनों पर चल रहे राजनीतिक विवाद के बीच ही ये कार्यक्रम आगे बढ़ रहा है. नए कानूनों के तहत केंद्र शासित प्रदेश में भारत का कोई भी नागरिक जमीन खरीद सकता है.

जब अनुच्छेद-370 इस क्षेत्र में लागू था तब बाहरी लोग यहां जमीन नहीं खरीद सकते थे.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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