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Wednesday, 12 November, 2025
होमदेशलाल किला ब्लास्ट से जुड़े 3 टीचिंग डॉक्टर, NMC की निगरानी में फरीदाबाद का अल-फला मेडिकल स्कूल

लाल किला ब्लास्ट से जुड़े 3 टीचिंग डॉक्टर, NMC की निगरानी में फरीदाबाद का अल-फला मेडिकल स्कूल

फरीदाबाद की अल-फला यूनिवर्सिटी जांच के घेरे में है क्योंकि इसके मेडिकल स्कूल के तीन स्टाफ मेंबर— उमर मोहम्मद, मुज़म्मिल शकील और शाहीन शाहिद का नाम लाल किले के पास हुए ब्लास्ट से जुड़ा है.

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नई दिल्ली: नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी), जो अल-फला स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च को रेगुलेट करता है, जहां लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट केस के आरोपी में से एक काम करता था, उसने कहा है कि वह इस जांच पर नज़र रख रहा है और जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद ज़रूरी कार्रवाई करेगा.

फरीदाबाद की अल-फला यूनिवर्सिटी जांच के दायरे में आ गई है क्योंकि इसके मेडिकल स्कूल के स्टाफ— उमर मोहम्मद, मुज़म्मिल शकील और शाहीन शाहिद—का नाम सोमवार शाम हुए लाल किला कार ब्लास्ट से जुड़ गया है.

हालांकि, यह प्राइवेट यूनिवर्सिटी यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) से मान्यता प्राप्त है, लेकिन इसका मेडिकल स्कूल एनएमसी के अधिकार क्षेत्र में आता है.

एनएमसी के एक सीनियर अधिकारी ने दिप्रिंट से कहा, “यह मामला फिलहाल जांच के अधीन है. मेडिकल रेगुलेटरी अथॉरिटी के तौर पर एनएमसी जांच एजेंसियों की रिपोर्ट मिलने के बाद कानूनी नियमों के अनुसार ज़रूरी कार्रवाई करेगा.”

अल-फला यूनिवर्सिटी की स्थापना साल 2014 में हरियाणा विधानसभा के एक्ट 21 के तहत हुई थी. यह यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग, मेडिकल और हेल्थ साइंसेज, मैनेजमेंट (एमबीए), कॉमर्स, साइंस, ह्यूमैनिटीज, एजुकेशन, डिप्लोमा और डॉक्टोरल (पीएचडी) कोर्सेस ऑफर करती है.

यह यूनिवर्सिटी अल-फला चैरिटेबल ट्रस्ट की पहल है, जिसने पहले 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज खोला था और फिर 2006 में टीचर्स ट्रेनिंग स्कूल शुरू किया. इसके बाद साल 2014 में इसे यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला.

NAAC की मान्यता खत्म हो चुकी है

यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर यह लिखा है कि उसकी दो शाखाओं— अल-फला स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी और अल-फला स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग को नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) से मान्यता मिली थी, लेकिन काउंसिल के अधिकारियों का कहना है कि यह मान्यता अब वैध नहीं है.

NAAC शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है, जो उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता और मानकों को बनाए रखने के लिए उनका मूल्यांकन और मान्यता करती है.

NAAC के अधिकारियों ने साफ किया कि यूनिवर्सिटी को कभी मान्यता नहीं मिली थी, बल्कि इसकी इंजीनियरिंग और टीचर एजुकेशन कॉलेजों को पहले मान्यता दी गई थी, लेकिन अब उसकी वैधता खत्म हो चुकी है.

NAAC के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, “इंजीनियरिंग कॉलेज को 2013 में और स्कूल ऑफ टीचर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग को 2011 में मान्यता मिली थी. उस समय दोनों को ‘ए ग्रेड’ दिया गया था, लेकिन अब यह मान्यता मान्य नहीं है. NAAC की मान्यता पुरस्कार मिलने की तारीख से पांच साल तक वैध रहती है.”

अधिकारी ने आगे कहा, “अगर यूनिवर्सिटी अभी भी अपनी वेबसाइट पर मान्यता का दावा कर रही है, तो यह NAAC के नियमों के खिलाफ है.”

दिप्रिंट ने यूनिवर्सिटी अधिकारियों से ईमेल के ज़रिए इस मान्यता के दावे पर प्रतिक्रिया मांगी है. जैसे ही जवाब मिलेगा इस रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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