नई दिल्ली/गुरुग्राम: पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पंजाब और हरियाणा में जासूसी गिरोहों का पर्दाफाश होने के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. ताजा मामला दो राज्यों से तीन संदिग्ध जासूसों की गिरफ्तारी का है.
पंजाब के गुरदासपुर जिले के अडियान गांव के सुखप्रीत सिंह और चंदू वडाला गांव के करणबीर सिंह को सोमवार को गिरफ्तार किया गया, जबकि हरियाणा पुलिस ने नूंह जिले के कांगड़का गांव से मोहम्मद तारीफ को रविवार देर शाम पकड़ा.
अडियान और चंदू वडाला जैसे सीमा क्षेत्र के गांवों से हुई गिरफ्तारी की पुष्टि पंजाब पुलिस प्रमुख गौरव यादव ने की. वहीं नूंह पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि तारीफ को संवेदनशील सैन्य जानकारी पाकिस्तानी एजेंटों को साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
पंजाब के डीजीपी के अनुसार, सुखप्रीत और करणबीर दोनों पर आरोप है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी संवेदनशील सैन्य जानकारियां, जैसे कि सैन्य बलों की आवाजाही और पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के प्रमुख रणनीतिक ठिकानों से जुड़ी सूचनाएं, आईएसआई (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) के एजेंटों को दीं.
पिछले दो हफ्तों में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने पाकिस्तान के एजेंटों को जानकारी देने के आरोप में कई संदिग्धों को पकड़ा है. हरियाणा की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ज्योति मल्होत्रा भी इन्हीं आरोपों में पुलिस हिरासत में हैं.
गुरदासपुर से सोमवार को हुआ मामला इस महीने पंजाब में इस तरह का तीसरा केस है. इससे पहले अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने इसी जिले से दो संदिग्धों को सेना की गतिविधियों और रक्षा ठिकानों से जुड़ी जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
पिछले हफ्ते, मलेरकोटला जिले से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, जो एक जासूसी गिरोह से जुड़े थे. इस गिरोह को एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश चला रहा था, जो नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात एक अधिकारी है. इसी जांच में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ज्योति मल्होत्रा का नाम भी सामने आया, जिन्हें रविवार को हिसार से गिरफ्तार किया गया था.
13 मई को विदेश मंत्रालय (MEA) ने पाकिस्तान उच्चायोग के इस अधिकारी को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर दिया, यानी उसे भारत में अब राजनयिक मान्यता प्राप्त नहीं है, क्योंकि वह “अपने आधिकारिक दर्जे के अनुरूप गतिविधियां नहीं कर रहा था.” उसी दिन पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी के खिलाफ भी वैसी ही कार्रवाई की.
पंजाब, हरियाणा में गिरफ्तार लोगों के खिलाफ मामले दर्ज
गुरदासपुर से जुड़े ताज़ा मामले में, पुलिस ने 15 मई को दोरांगला थाने में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्य) और आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत एफआईआर दर्ज की. गुरदासपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आदित्य ने बताया कि मोबाइल फोनों की फोरेंसिक जांच में सुखप्रीत और करनबीर की संलिप्तता को लेकर खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी की पुष्टि हुई है.
एसएसपी ने कहा, “जांच के दौरान यह भी सामने आया कि ये पहले नशा तस्करी के धंधे में शामिल थे, और इसी के जरिए इनका संपर्क आईएसआई एजेंटों से हुआ. इनके वित्तीय लेन-देन, जिनमें ऑनलाइन और नकद दोनों तरह के लेन-देन शामिल हैं, की भी जांच हो रही है.”
नूंह मामले में, तारीफ को ज़िला पुलिस ने चंडीगढ़ स्पेशल पुलिस फोर्स और केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर एक संयुक्त ऑपरेशन में गिरफ्तार किया. उसके खिलाफ सदर तावडू थाने में बीएनएस और ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.
तारीफ पर आरोप है कि वह लंबे समय से भारत की सैन्य गतिविधियों और रक्षा तैयारियों की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को भेज रहा था। सोमवार को उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया.
पुलिस के अनुसार, उसके फोन की जांच में सैन्य गतिविधियों से जुड़ी चैट्स, फोटो, वीडियो और इमेजेस मिलीं, जो उसने पाकिस्तानी नंबरों पर भेजी थीं. कुछ डेटा डिलीट भी मिला. पुलिस ने बताया कि तारीफ दो अलग-अलग सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहा था.
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में तारीफ ने बताया कि वह पैसे के बदले पाकिस्तान उच्चायोग, दिल्ली के एक कर्मचारी को गोपनीय जानकारी भेज रहा था.
पुलिस ने आगे बताया कि पहले हैंडलर के ट्रांसफर के बाद तारीफ ने एक अन्य अधिकारी को भी इसी तरह की सैन्य जानकारी भेजी थी.
हरियाणा में पहली गिरफ्तारी 12 मई को हुई, जब पानीपत पुलिस ने नौमान इलाही को पकड़ा. वह मूल रूप से कैराना (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है और पानीपत की हाली कॉलोनी में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था. उसी दिन कैथल पुलिस ने देवेंद्र सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार किया, जो गूहला का छात्र है. उस पर आरोप है कि पाकिस्तान यात्रा के दौरान आईएसआई एजेंटों ने पैसों का लालच देकर उसे अपने जाल में फंसा लिया था.
चार दिन बाद, 16 मई को नूंह में अर्मान को गिरफ्तार किया गया. उस पर आरोप है कि उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के निर्देश पर सिम कार्ड सप्लाई किए, पैसे ट्रांसफर किए और दिल्ली में डिफेंस एक्सपो 2025 में हिस्सा लिया.
सबसे चर्चित गिरफ्तारी 17 मई को हुई, जब हिसार पुलिस ने यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार किया. उस पर भारत के स्थानों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी साझा करने और सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की सकारात्मक छवि पेश करने का आरोप है.
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