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Thursday, 25 April, 2024
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15 दिन बीत गए नहीं हटी मिर्जापुर के पत्रकार के ऊपर से एफआईआर, डीएम ने साधी चुप्पी

योगी सरकार के मंत्री- अधिकारी ले रहे आईआईएम में क्लास, इधर गांव की 'क्लास' की पोल खोलने वाले पत्रकार पर अभी नहीं हटी एफआईआर.

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लखनऊ/मिर्जापुर : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्री इन दिनों वीकएंड पर आईआईएम में ‘सुशासन’ की क्लास ले रहे हैं. लेकिन, जिस तरह से पत्रकारों के उत्पीड़न के आए दिन मामले आ रहे हैं. उससे सरकार की किरकिरी लगातार हो रही है. बीते दिनों मिर्जापुर के एक प्राइमरी स्कूल के मिड डे मील की पोल खोलने वाले पत्रकार पवन जायसवाल पर हुई एफआईआर को 15 दिन बीत गए. लेकिन अभी तक उनका नाम उससे नहीं हटाया गया है. वहीं, जिले के डीएम अनुराग पटेल इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.

पत्रकार पवन जायसवाल ने दिप्रिंट से बातचीत में बताया कि उनके द्वारा मिड डे मील के पूरे मामले को समाने लाने के बाद जिला प्रशासन के इशारे पर उन पर जानबूझकर जो केस दर्ज किया गया था. उसको अब 15 दिन हो गए हैं. लेकिन अब तक पुलिस ने उनका नाम एफआईआर से हटाया नहीं है. केस दर्ज होने के बाद बराबर वह पुलिस के संपर्क में है. लेकिन, अब तक न तो उनसे किसी प्रकार की पूछताछ हुई है और न ही उनसे पुलिस ने कोई संपर्क किया है. डीएम तो इस मामले में उनसे मुलाकात भी नहीं कर रहे. पवन का परिवार एफआईआर के बाद से दहशत में है.

हालांकि, पवन जिस स्थानीय मीडिया संस्थान के लिए काम करते थे. वह उनके साथ है.

गांव वाले उतरे समर्थन में

मिड डे मील में घपले का खुलासा करने वाले पत्रकार पवन जायसवाल के समर्थन में अब सिऊर गांव के लोग भी सामने आ गए है. बीते दिनों गांव पहुंचे सरकारी कर्मचारियों और अफसरों को गांव वालों ने खरी खोटी सुनाते हुए पत्रकार पर से केस वापस लेने की मांग की है. गांव वालों का कहना हैं कि सच दिखाने वाले पत्रकार को गलत तरीके से फंसाया गया. गांव वालों ने पत्रकार पवन जायसवाल पर दर्ज केस वापस लेने की मांग करते हुए अपने बच्चों को स्कूल भेजने से मना कर दिया था. उनके लिए पवन हीरो की तरह हैं. जिसने मीड डे मील में हो रहे ‘खेल’ की पोल खोली. पवन कहते हैं, ‘जब उनको इसका पता चला, तो उन्होंने खुद लोगों से अपने बच्चों को स्कूल भेजने की अपील की. इसके बाद अब स्कूल में मिड डे मील ठीक तरह से परोसा जा रहा है.’

मिड डे मील खाते हुए प्राइमरी स्कूल के बच्चे । फोटो साभार : सोशल मीडिया

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पत्रकार पवन जायसवाल की स्टोरी के बाद शिऊर गांव की बदहाली से जिला प्रशासन नींद से जाग गया है. जिला प्रशासन की टीम लगातार गांव पहुंचकर कैंप लगाकर लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ दे रही है. प्रशासन की टीम लोगों की समस्या सुनकर राशन कार्ड, बिजली कनेक्शन से लेकर प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में लोगों को जानकारी देकर उनसे फॉर्म भरवा रही है. हालांकि, गांव में अभी प्रशासन के खिलाफ रोष है.

पत्रकारों का प्रदर्शन जारी

पवन जायसवाल पर एफआईआर के बाद से आए दिन मिर्जापुर व वाराणसी में लगातार पत्रकारों के विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. सोमवार को पूर्वांचल के पत्रकारों के कई संगठनों ने एक साथ मिलकर इस मामले को लेकर प्रदर्शन किया. बीते शनिवार प्रेस काउंसिल आफ इंडिया (पीसीआई) की टीम विद्यालय पहुंची. टीम के प्राथमिक विद्यालय पहुंचने पर रसोइया ने बताया कि एक दिन बच्चों को नमक-रोटी खाने को दिया गया था. जांच रिपोर्ट जल्द ही प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन जस्टिस सीके प्रसाद को सौंपी जाएगी. रिपोर्ट के आधार पर ही जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. पवन का कहना है कि प्रेस काउंसिल की टीम ने भी उन्हें ऐसे समय में हौसला बनाए रखने को कहा.

डीएम कुछ भी बोलने को तैयार

बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा था कि वह इस मामले की जांच करवाएंगे. किसी पत्रकार पर अगर गलत कार्रवाई हुई है, तो वह उसे इंसाफ दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे. लेकिन, दूसरी ओर मिर्जापुर के डीएम तो पत्रकारों से इस मामले में कुछ बात करने को ही तैयार नहीं. दिप्रिंट ने भी उनसे कई बार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.


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वीडियो वायरल होने के बाद हुई थी एफआईआर

पिछले दिनों मिर्जापुर के एक प्राइमरी स्कूल का वीडियो बहुत वायरल हुआ था. जिसमें बच्चों को मिड डे मील में नमक- रोटी परोसा जा रहा था. अब इस प्रकरण में नया मोड़ आ गया है. दरअसल, इस प्रकरण को कवर करने वाले एक स्थानीय अखबार के पत्रकार पवन जायसवाल पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया है. मिर्जापुर जिले के विकास खंड जमालपुर के प्राथमिक विद्यालय शिउर में हुए रोटी-नमक कांड में खंड शिक्षा अधिकारी की तहरीर पर पत्रकार व ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि पर धारा 120-बी, 186,193 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इन पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने , साझा साजिश व फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया गया है. डीएम के कहने पर ही खंड शिक्षा अधिकारी ने तहरीर दी थी. पवन पर एफआईआर के बाद से जिले के पत्रकारों में प्रशासन के खिलाफ रोष बढ़ रहा है.

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