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Friday, 17 May, 2024
होमदेशकोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन के बीच छत्तीसगढ़ में फंसे झारखंड के 147 मजदूर, पहुंचाया गया उनके राज्य

कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन के बीच छत्तीसगढ़ में फंसे झारखंड के 147 मजदूर, पहुंचाया गया उनके राज्य

स्टेशन पर फंसे असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा के मजदूर भी फंसे हुए थे लेकिन जिला प्रशासन ने दो अलग कैम्पों में उन्हें रखा है और उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.

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रायपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर सोमवार की रात से फंसे झारखंड के 147 मजदूरों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश के बाद जिला प्रशासन और जोनल रेल प्रबंधन ने दो बसों में उनके गृह राज्य के लिए मंगलवार की शाम को पूरी चिकित्सकीय परीक्षण के बाद रवाना किया. ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के करीब 141 मजदूरों को जिला प्रशासन ने अपनी देखरेख में दो अन्य स्थानों में ठहराया है.

केरल से झारखंड जाने के लिए निकले ये मजदूर सोमवार रात को बिलासपुर स्टेशन पर आकर फंस गये क्योंकि कोरोनावायरस संक्रमण से सुरक्षा के मद्देनजर राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा परिवहन व्यवस्था को बंद किये जाने से कोई ट्रेन या बस सुविधा उपलब्ध नहीं थी. इसकी जानकारी जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मिली तो उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि मजदूरों के भोजन व चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराते हुए सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाये. मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन और बिलासपुर रेल ज़ोन प्रबंधन ने मंगलवार को झारखंड के मजदूरों को दो बसों में बिठाकर उनके घरों के लिए रवाना किया.

दिप्रिंट से बात करते हुए बिलासपुर कलेक्टर संजय अलंग का कहना था, ‘मुख्यमंन्त्री के आदेश के बाद झारखंड के सभी मजदूरों को उनके गृह राज्य के लिए रवाना कर दिया गया है और क्षेत्र में कोरोना विरोधी लॉकडाउन का पूरी कड़ाई से पालन किया जा रहा है.’

गौरतलब है कि बिलासपुर में फंसे हुए मजदूरों के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंन्त्री से एक ट्वीट के जरिए उनकी सुरक्षा और व्यवस्था की मांग की थी.


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स्टेशन पर फंसे असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा के मजदूर भी फंसे हुए थे लेकिन जिला प्रशासन ने दो अलग कैम्पों में उन्हें रखा है और उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.

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मजदूरों की जांच करते डॉक्टर | फोटो : पृथ्वीराज सिंह

दिप्रिंट द्वारा पूछे जाने पर बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर प्रभाकर पांडेय ने बताया, ‘एर्नाकुलम-बिलासपुर एक्सप्रेस से केरल और अन्य राज्यों में मजदूरी करने वाले 288 यात्री मजदूर बिलासपुर स्टेशन पर सोमवार की रात पहुंचे थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से आगे जाने के लिए उनकी व्यवस्था नहीं थी. सोशल मीडिया के जरिये मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के ध्यान में यह बात लाई गई’.

मुख्यमंन्त्री द्वारा जिला प्रशासन को इस सम्बन्ध में निर्देश दिया गया जिसके बाद यात्रियों से जिला प्रशासन और रेलवे के अधिकारियों ने सम्पर्क किया. पांडेय का कहना था कि ‘मंगलवार को सुबह प्रशासन द्वारा स्टेशन पर ही मजदूरों के भोजन और उनके रुकने की व्यवस्था की गयी और फिर सभी मजदूरों का डॉक्टरों द्वार चिकित्सकीय परीक्षण करने के बाद झारखंड के यात्रियों को सकुशल दो बसों में बिठाकर छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिला बलरामपुर भेजा गया है.’

पांडेय ने आगे बताया कि यहां से झारखंड प्रशासन के अधिकारी उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचायेंगे. बसों में बैठने के बाद इन मजदूरों के चेहरे पर राहत व प्रसन्नता दिखाई दी.

बस में बैठने के बाद झारखंड सिमरेगा के संदीप बड़ाईक, थॉमस मिंज, कुल्लू, गढ़वा जिले के हेमन्त कुमार, दिनेश, पलामू जिले के खुर्शीद, तैहर अंसारी, मो. अंसारी, मुश्ताक अंसारी के चेहरे पर काफी विश्वास और खुशी नजर आई. उन्होंने बताया कि उनके घर वाले बहुत परेशान हैं और कई लोगों की माता-बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है. जिला प्रशासन द्वारा झारखंड के मजदूरों के परिजनों को उनके घर आने की सूचना देने की व्यवस्था भी की गयी थी. यात्रियों को रास्ते के लिए भोजन का पैकेट भी दिया गया है.


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पांडेय ने कहा, ‘इसी ट्रेन से बिलासपुर पहुंचे केरल से ही आये ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार के यात्रियों को भी उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है. लेकिन अभी 67 मजदूरों को बिलासपुर के कम्युनिटी बिल्डिंग त्रिवेणी भवन और 61 को रेलवे के सामुदायिक भवन में ठहराया गया है. यहां उनके रहने, खाने और चिकित्सा की पूरी सुविधा प्रशासन द्वारा की जा रही है.’

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3 टिप्पणी

  1. Am Mithun mandal Jharkhand Ka niwasi hu Mai Ghar Jana chhata hu Mai kundli me feshe huaa /mob =7970680344

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