नई दिल्ली: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे 1,380 किलोमीटर लंबा और भारत का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे, का काम ज़ोरों पर है. ग्रीनफील्ड परियोजना (नया) के एक्सप्रेस-वे को मार्च 2023 तक लगभग 98,000 रुपए की लागत से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
एक्सप्रेस-वे पूरा होने पर यह दिल्ली और मुंबई की यात्रा की दूरी को 24 घंटे से घटा कर 12 घंटे कर देगा.
पहले फेज में एक्सप्रेस-वे 214 किलोमीटर दिल्ली-जयपुर (दौसा)-लालसोट तक और आगे 100 किलोमीटर वड़ोदरा- अंकलेश्वर के बीच मार्च 2022 तक रास्ता खोले जाने की संभावना है.
अभी तक 375 किलोमीटर से अधिक का काम पूरा हो चुका है जबकि 1200 किलोमीटर से ज्यादा का कार्य होना बाकी है.
इस प्रोजेक्ट की संकल्पना मार्च 2018 में की गई थी और 9 मार्च 2019 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी आधारशिला रखी थी.
चूंकि यह ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है इसलिए दिल्ली-मंबई एक्सप्रेस-वे की कुल जमीन अधिग्रहण की कीमत लगभग पूरे प्रोजेक्ट की लागत का 25 फीसदी है. यह ब्राउनफील्ड एक्सप्रेस-वे के मुकाबले सस्ता है.
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वन्यजीव गतिविधियों की सुरक्षा के लिए क्या किया गया?
एक्सप्रेस-वे पर वन्यजीव की गतिविधियां पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा.
मुकुंदरा सेंचुरी और माथेरान इको सेंसिटिव ज़ोन में आठ लाइनों का टनल बनाया जाएगा जिसकी वजह से वाइल्डलाइफ पर कम प्रभाव पड़ेगा.
जानवरों की सुरक्षा के लिए आठ मीटर ऊंची और आवाज़ों को रोकने वाली एक दीवार भी बनाई जाएगी.
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