आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में शिल्पग्राम रोड पर एक रेस्टोरेंट के बाहर बुधवार देर रात एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या ने कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले से जुड़े विवाद को जन्म दे दिया है.
आधी रात के आसपास, 27 साल के रेस्टोरेंट वेटर गुलफाम की स्कूटर सवार तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. गोलीबारी में पड़ोसी ढाबे का एक कर्मचारी सैफ अली (25) भी घायल हो गया. घटना के कुछ ही घंटों में ही, एक स्वयंभू “गौरक्षक” ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि यह हत्या पहलगाम हमले का ‘बदला’ है.
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो क्लिप में, एक व्यक्ति, जिसके साथ एक और व्यक्ति भी है, को खुद को “क्षत्रिय गौ रक्षा दल” का सदस्य बताते हुए और इस प्रकरण की ज़िम्मेदारी लेते हुए सुना जा सकता है और उसकी कमर में बंदूक और चाकू लटके भी देखे जा सकते हैं.
इसके बाद सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया कि पीड़ित को गोली मारने से पहले उसका नाम और धर्म पूछा गया था.
हालांकि, ताजगंज पुलिस ने बदला लेने की बात को “फर्ज़ी खबर” बताकर खारिज कर दिया है. आगरा पुलिस कमिश्नरेट के एक्स हैंडल ने गुरुवार रात पोस्ट किया कि जांचकर्ताओं को “आगरा में इस नाम के किसी भी गौरक्षा दल के सक्रिय होने का कोई सबूत नहीं मिला है, न ही गुलफाम के तीन साथियों ने ऐसी किसी धमकी का ज़िक्र किया है”.
उत्तर प्रदेश के आगरा में 3 लोगों ने रेस्टोरेंट वर्कर गुलफाम की गोली मारकर हत्या कर दी। फायरिंग में सैफ अली के सीने पर भी गोली के छर्रे लगे हैं।
क्षत्रिय गौरक्षा दल से जुड़े मनोज चौधरी ने एक Video जारी करके कहा– "ताजनगरी आगरा में 2 कटु* मारे गए। क्षत्रिय गोरक्षा दल इसकी… pic.twitter.com/qhNj8pw5b8
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) April 24, 2025
एक अलग पोस्ट में, पुलिस ने कहा कि गोलीबारी में घायल हुए गुलफाम के भाई सैफ ने पुष्टि की कि पीड़ित से उसका नाम या धर्म नहीं पूछा गया था. पुलिस ने लोगों को इस घटना के बारे में किसी भी झूठे नैरेटिव पर यकीन नहीं करने या उसे न फैलाने की सलाह भी दी है.
सहायक पुलिस आयुक्त (ताजगंज) अरीब अहमद के अनुसार, शुरुआती जांच से पता चला है कि शाम को पीड़ित और हमलावरों के बीच “खाने की क्वालिटी को लेकर विवाद” के कारण हत्या हुई. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 101 (हत्या) और 109 (हत्या का प्रयास) के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई है और छह पुलिस टीमें तीनों का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज और सीमा चौकियों को खंगाल रही हैं.
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— POLICE COMMISSIONERATE AGRA (@agrapolice) April 24, 2025
अहमद ने कहा कि वीडियो क्लिप में हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले दो व्यक्तियों की पहचान कर ली गई है, साथ ही कहा कि एक को हिरासत में ले लिया गया है और दूसरे को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
एक अलग वीडियो बयान में एसीपी (साइबर सेल) सुकन्या शर्मा ने सोशल मीडिया यूज़र्स को “पहलगाम बदला” का नैरेटिव का प्रचार करने के खिलाफ चेतावनी दी, इसे सांप्रदायिक तनाव को भड़काने का जानबूझकर किया गया प्रयास बताया. उन्होंने कहा, “वायरल वीडियो में दिखाए गए तथाकथित क्षत्रिय गौ रक्षा दल की आगरा में कोई संगठनात्मक उपस्थिति नहीं है. असत्यापित दावों को बढ़ावा देने वाले किसी भी खाते पर आईटी अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”
अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि साइबर जासूसों ने पहले ही भड़काऊ सामग्री फैलाने के लिए आधा दर्जन हैंडल को चिह्नित किया है.
एस.एन. मेडिकल कॉलेज के सूत्रों ने पुष्टि की है कि उसे नजदीक से गोली लगी थी और उसे “मृत अवस्था में लाया गया”. कंधे में लगी गोली निकालने के बाद सैफ की हालत स्थिर बनी हुई है.
फोरेंसिक टीमों ने अपराध स्थल से तीन कारतूस बरामद किए हैं. पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शियों के विवरण के आधार पर स्केच जारी किए हैं. शूटर 20 साल के हैं और गोलीबारी के बाद फतेहाबाद रोड की ओर भाग गए.
इस बीच, समुदाय के नेताओं ने शांति बनाए रखने की अपील की है. अंतरधार्मिक नागरिक समूह हिंदुस्तानी बिरादरी ने कहा कि वह गलत सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए स्वयंसेवकों को तैनात करेगा.
एसीपी अहमद ने कहा कि पुलिस को उम्मीद है कि 48 घंटों के भीतर “संदिग्धों को गिरफ्तार किया जाएगा”.
उन्होंने कहा कि “संदिग्धों के पकड़े जाने तक सांप्रदायिक उकसावे सहित हर पहलू पर विचार किया जा रहा है”.
इस घटना ने आगरा की रात्रि गश्ती पर बहस को फिर से हवा दे दी है, खासकर शिल्पग्राम-ताज ईस्ट गेट कॉरिडोर में, जहां पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस और उनके परिवार ने उस सुबह इस क्षेत्र और ताजमहल का दौरा किया था.
गुलफाम जिस रेस्टोरेंट में काम करता था, उसके मालिक शाहिद अली ने स्थायी बीट गश्त और सीसीटीवी अपग्रेडेशन की मांग की.
उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “लंबे समय के बाद पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. ताज के पास ऐसी घटनाएं शहर की छवि को खराब करती हैं.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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