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Thursday, 25 April, 2024
होमहेल्थ‘अगर पॉज़िटिव निकला तो क्या होगा?’- नोएडा के रैंडम टेस्ट शुरू करते ही सीमाओं पर यात्रियों में फैला डर

‘अगर पॉज़िटिव निकला तो क्या होगा?’- नोएडा के रैंडम टेस्ट शुरू करते ही सीमाओं पर यात्रियों में फैला डर

दिल्ली में, सरकार भीड़-भाड़ वाले बाज़ारों में रैंडम तरीक़े से रैपिड एंटिजन टेस्ट कर रही है. ये फैसला ऐसे समय में लिया गया, जब लोग दिवाली से पहले, भारी संख्या में बाहर निकल रहे थे.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 मामलों और उनसे जुड़ी मौतों में तेज़ी से उछाल को देखते हुए पड़ोसी राज्यों ने संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए एहतियाती क़दम उठाने शुरू कर दिए हैं.

नोएडा ने पहले ही दिल्ली से आने वालों के लिए सीमाओं पर रैंडम टेस्टिंग शुरू कर दिया है, जबकि गुरुग्राम शनिवार से ये काम शुरू करेगा.

नोएडा प्रशासन ने बुधवार को दिल्ली-नोएडा सीमा पर रैंडम टेस्ट करने शुरू कर दिए. पिछले दो दिनों में 343 रैपिड एंटिजेन टेस्ट (आरएटी) किए गए, जिनमें 12 के नतीजे पॉज़िटिव पाए गए.

बुधवार को, डीएनडी (दिल्ली-नोएडा-डायरेक्ट) फ्लाईवे और चिल्ला बॉर्डर पर रैंडम टेस्ट किए गए, जबकि बृहस्पतिवार को अशोक नगर बॉर्डर, और बॉटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन के पास टेस्ट किए जा रहे थे.

गौतम बुद्ध नगर प्रशासन की ओर से जारी एक अधिकारिक बयान के मुताबिक़, ‘स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को 178 लोगों के टेस्ट किए, जिनमें नौ लोग संक्रमण के पॉज़िटिव पाए गए. चौरासी लोग अशोक नगर बॉर्डर पर टेस्ट किए गए, जहां तीन लोग पॉज़िटिव पाए गए, जबकि 94 लोगों के टेस्ट बॉटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन पर हुए, जिनमें छह के नतीजे पॉज़िटिव पाए गए’.

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गौतम बुद्ध नगर ज़िला अधिकारियों के अनुसार, डीएनडी फ्लाईवे और चिल्ला बॉर्डर पर 165 लोगों के टेस्ट किए गए, जिनमें से तीन लोगों में पॉज़िटिव इन्फेक्शन पाया गया.

इससे पहले गौतम बुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ), दीपक ओहरी ने कहा कि सीमावर्ती इलाक़ों में टेस्ट के दौरान, अगर कोई पॉज़िटिव पाया जाता है, तो उसे वापस दिल्ली भेज दिया जाएगा, जबकि नोएडा या ग्रेटर नोएडा निवासी, जो दिल्ली से आ रहे हैं लेकिन पॉज़िटिव हैं, वो आने दिए जाएंगे लेकिन उन्हें कोविड प्रोटोकोल्स का पालन करने को कहा जाएगा.

ओहरी ने कहा था, ‘सिर्फ निगेटिव टेस्ट वालों को ही, नोएडा में घुसने दिया जा रहा है’.

दिप्रिंट से बात करते हुए गौतम बुद्ध नगर के ज़िला मजिस्ट्रेट सुहास एलवाई ने कहा: ‘इन्फेक्शन को फैलने से रोकने के लिए रैंडम टेस्टिंग की जा रही है’.

उन्होंने आगे कहा, ‘इससे नियोक्ताओं और संस्थाओं को दिशा-निर्देश जारी करने में सहायता मिलेगी, जहां बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं और गौतम बुद्ध नगर व आसपास के इलाक़ों के बीच आते-जाते हैं, जिससे कि इन्फेक्शन को काफी हद तक क़ाबू किया जा सके’.

इस बीच, गुरुग्राम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विरेंदर यादव ने दिप्रिंट से कहा कि शनिवार से वो गुड़गांव आने वाले यात्रियों की टेस्टिंग शुरू कर देंगे.


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टेस्ट कराने में आनाकानी

जब दिप्रिंट ने अशोक नगर और बॉटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन का दौरा किया, जहां बृहस्पतिवार को रैंडम टेस्ट किए जा रहे थे तो कई यात्री अपने टेस्ट कराने में आनाकानी कर रहे थे.

अशोक नगर टेस्टिंग प्वॉइंट पर ड्यूटी पर तैनात माइक्रोबायोलजिस्ट डॉ. मृतुनजैन ने कहा, ‘कुछ लोग तो पॉज़िटिव टेस्ट आने के डर से बच रहे हैं, जबकि कुछ काम के लिए लेट होने का बहाना कर रहे हैं’.

सिर्फ यात्री ही नहीं,  ई-रिक्शॉ और ऑटो-चालकों के भी टेस्ट किए जा रहे थे, और वो सबसे ज़्यादा आनाकानी करते दिख रहे थे.

एक ई-रिक्शॉ चालक ने, जो नाम नहीं बताना चाहता था, कहा, ‘अगर मैं पॉज़िटिव आ गया तो क्या होगा? फिर मैं काम नहीं कर पाऊंगा. ऐसे में मेरे परिवार को कौन देखेगा?’

उसके पास खड़े हुए एक और ऑटो चालक ने कहा कि उसे अस्पताल में भर्ती होने का डर था, चूंकि अपने एक कमरे के क्वार्टर में, वो ख़ुद को परिवार से अलग नहीं कर पाएगा.

सरकारी अधिकारी लोगों के टेस्ट कराने से बचने से मायूस

कोविड टेस्ट कराने में आनाकानी, दिल्ली के 11 ज़िलों में फैले बाज़ारों में भी ख़ूब देखने को मिली, जहां कोविड की सकारात्मकता दर जांचने के लिए, 11 नवंबर से रैंडम टेस्टिंग शुरू किया गया था.

दिवाली से पहले दिल्लीवासियों को बड़ी संख्या में बाहर निकलते देखकर, सरकार ने भीड़ भरे बाज़ारों में रैंडम तरीक़े से, रैपिड एंटिजेन टेस्ट कराने का फैसला किया था.

लेकिन टेस्टिंग कराने को लेकर लोगों की आनाकानी ने दिल्ली के बहुत से ज़िला प्रशासन अधिकारियों को ‘निराश’ किया है.

पश्चिमी दिल्ली की ज़िला मजिस्ट्रेट नेहा बंसल ने कहा: ‘बहुत सारे दुकानदार हैं जिन्हें डर है कि उनकी दुकान सील कर दी जाएगी और हमारी टीमों के इन इलाक़ों में पहुंचने पर, वो टेस्ट कराने से मना कर देते हैं’.

एक और ज़िला मजिस्ट्रेट ने नाम न बताने की शर्त पर कहा: ‘लोगों को इसके लिए राज़ी करना एक मुश्किल काम है, और हालांकि बाज़ारों में टेस्टिंग को अनिवार्य नहीं किया गया है, लेकिन ज़्यादा भीड़ होने की वजह से ज़रूरी हो जाता है कि अधिक से अधिक लोग रैपिड एंटिजेन टेस्टिंग कराएं’.

टेस्ट कराने में आनाकानी दुनिया भर में होती है. पिछले महीने अमेरिका में, कई रिपब्लिकन सीनेटर्स ने टेस्ट कराने से मना कर दिया था. दुनियाभर में बहुत से पैरेंट्स ने अपने नवजात शिशुओं का टेस्ट कराने से मना कर दिया. ऐसी भी ख़बरें हैं कि जेलों में बंद लोगों ने भी, टेस्ट कराने से इनकार किया है.

दिल्ली के बाज़ारों में ऊंची सकारात्मकता दर

दिल्ली के ज़िलों के कुछ बाज़ारों में इस महीने, 15 प्रतिशत तक की ऊंची सकारात्मकता दर देखी गई.

शाहदरा ज़िला, गांधी नगर, कृष्णा नगर, और झिलमिल के बाज़ारों में, 11 से 19 नवंबर के बीच, 10 से 11 प्रतिशत तक की सकारात्मकता दर देखी गई. ज़िला मजिस्ट्रेट संजीव कुमार ने दिप्रिंट को बताया कि इसी अवधि में विवेक विहार के कुछ इलाक़ों में, 12 प्रतिशत सकारात्मकता दर देखी गई, जो नवंबर के कुछ शुरुआती दिनों में, 15 प्रतिशत तक पहुंच गई थी.

आनंद विहार रेलवे स्टेशन के निकट स्थित बाज़ारों में भी, इस पूरे हफ्ते 12-13 प्रतिशत सकारात्मकता दर देखी गई.

दक्षिण दिल्ली ज़िले में, जहां यूसुफ सराय और ग्रेटर कैलाश-1 एम ब्लॉक मार्केट जैसे बाज़ार हैं, ज़िला अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि वहां 11-19 नवंबर के बीच सकारात्मकता दर 5-6 प्रतिशत के बीच थी, जो दिवाली वीकएंड्स पर बढ़कर 8 प्रतिशत हो गई.

दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली ज़िले में, जहां इस समय सबसे अधिक एक्टिव मामले (6,300 से अधिक) हैं, वहां 11-19 नवंबर के बीच, बाज़ारों में रैपिड एंटिजेन टेस्टिंग में 3.3 प्रतिशत और आरटी-पीसीआर टेस्टिंग में 20-25 प्रतिशत सकारात्मकता देखी गई. लेकिन ज़िला अधिकारियों ने बाज़ारों के लिहाज से, सकारात्मकता के आंकड़े साझा नहीं किए.

ज़िला मजिस्ट्रेट विश्वेंद्र सिंह ने कहा: ‘हमारा ध्यान इस पर रहा है कि उन लोगों के ज़्यादा चालान काटे जाएं, जो मास्क नहीं पहन रहे या बाज़ारों में, सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकोल का पालन नहीं कर रहे हैं और हम ये काम जारी रखेंगे’.

पश्चिम दिल्ली ज़िले में अधिकारियों के अनुसार, 11-13 नवंबर के बीच रघुबीर नगर मार्केट में टेस्ट किए गए 16 नमूनों में से 10 नमूने पॉज़िटिव पाए गए. राजौरी गार्डन में लिए गए 74 में से 18 नमूने प़ज़िटिव निकले, और जेल रोड मार्केट से लिए गए 81 में से 20 नमूने पॉज़िटिव पाए गए.

अधिकारियों ने ये भी दावा किया कि पूरे ज़िले में पिछले हफ्ते से इस हफ्ते के बीच सकारात्मकता दर, 13 प्रतिशत से गिरकर 8.93 प्रतिशत आ गई.

उन्होंने ये भी कहा कि वो बाज़ारों के बीच, सकारात्मकता दरों का मिलान नहीं कर पाए हैं, चूंकि आप सरकार के ताज़ा निर्देशों के अनुसार, वो आरटी-पीसीआर टेस्टों की संख्या बढ़ाने में लगे हुए हैं.

लेकिन एक सीनियर ज़िला अधिकारी ने दिप्रिंट से कहा: ‘सकारात्मकता दरों की आपस में तुलना करना सही नहीं है, चूंकि ज़िले में हज़ारों की संख्या के मुकाबले, हम बाज़ारों में कम संख्या में नमूने ले रहे हैं, इसलिए हम केवल निरपेक्ष संख्या ही साझा करते हैं’.

उत्तरी दिल्ली में, ज़िला मजिस्ट्रेट दीपक शिंदे ने कहा कि पिछले दो हफ्तों में पूरे ज़िले की सकारात्मकता दर 9 प्रतिशत के आसपास चल रही है.

बाज़ारों की सकारात्मकता दर के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा कि वो बाज़ार के इलाक़ों में, सकारात्मकता स्तर का अलग से हिसाब नहीं लगा रहे.

उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन, हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि बाज़ारों से, ख़ासकर नरेला मार्केट, बी ब्लॉक मार्केट, अपर बाज़ार मार्केट और भलस्वा मार्केट से रोज़ाना नमूने लिए जाएं’.

सेंट्रल दिल्ली में सदर बाज़ार मार्केट की सकारात्मकता दरों के बारे में पूछने पर ज़िला अधिकारियों ने डिटेल्स साझा करने से मना कर दिया. सत्ताधारी पार्टी के सूत्रों ने बताया कि आप सरकार के ताज़ा प्रस्ताव में, जिन बाज़ारों को बंद करने की बात की गई थी, सदर बाज़ार उनमें से एक था.

दिप्रिंट ने टिप्पणी के लिए फोन कॉल्स और लिखित संदेशों के ज़रिए, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक नूतन मुंडेजा से संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन इस ख़बर के छपने तक कोई जवाब नहीं मिला था.

लेकिन, दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट से कहा: ‘दिल्लवासियों के हितों का ध्यान हमारे दिमाग़ में रहता है, जब हम बाज़ार में लक्ष्य के तहत टेस्टिंग का आदेश देते हैं, या ऐसे कुछ बाज़ारों को बंद करने का सुझाव देते हैं, जो हॉटस्पॉट्स बन सकते हैं. हम सबने अपने टीवी स्क्रीन्स पर, इन बाज़ारों की तस्वीरें देखी हैं’.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि वो बाज़ार संघों के नुमाइंदों से मिलकर, कोविड के अनुरूप व्यवहार करने में, उनसे सहयोग की अपील करेंगे.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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1 टिप्पणी

  1. यह एक वाहियात लेख है। टेस्टिंग में पॉजिटिव पाए जाते हैं तो आइसोलेशन में जाना है और इलाज कराना है। इसमें डर फैलने की बात करना बेवकूफी है। यदि कोई व्यक्ति पॉजिटिव है और आइसोलेशन में नहीं है तो वह कई लोगों में बीमारी फैलायेगा जो कि बेहद गंभीर खतरा है। ऐसा लेख प्रकाशित करना मानसिक दिवालियापन को दिखाता है जो कि द प्रिंट जैसे प्रतिष्ठित पोर्टल से अपेक्षित नहीं है।

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