क्या आपने कभी खुद को कभी उस स्थिति में पाया है जब आप अपने सिर को अनियंत्रित रूप से खुजला रहे हों और उससे छोटे-छोटे कण गिर रहे हों? अगर ऐसा आपके साथ हुआ है तो आप अकेले नहीं हैं – डैंड्रफ काफी परेशान करने वाला हो सकता है, जिससे आप डार्क कलर की शर्ट पहनने से काफी हिचकिचाते हैं.
पिट्रियासिस कैपिटिस के रूप में भी जाना जाने वाला डैंड्रफ आपके आत्मविश्वास को कम कर सकता है और आपके आत्म-सम्मान को कम कर सकता है. लेकिन सौभाग्य से, यह सिर से जुडी एक काफी सामान्य स्थिति है जिसका इलाज किया जा सकता है.
डैंड्रफ का क्या कारण है?
डैंड्रफ के बारे एक सामान्य मान्यता है कि यह साफ-सफाई न रखने की वजह से होता है. लेकिन, वास्तव में यह एक जटिल और बहुआयामी समस्या है. यदि आप डैंड्रफ की एक ऐसी समस्या से जूझ रहे हैं जो जाने का नाम नहीं ले रहा, तो यह सामान्य डैंड्रफ से कहीं अधिक सेबोरीइक डर्मेटाइटिस (एसडी) हो सकता है. सेबोरीइक डर्मेटाइटिस (एसडी) शरीर के ऑयली एरिया को टारगेट करने वाले एक्ज़िमा का क्रॉनिक रूप होता है.
लेकिन सभी समस्याओं की जड़ डैंड्रफ नहीं है – इसमें योगदान देने वाले असंख्य कारक हैं. इनमें से एक यीस्ट जैसा फंगस है जिसे मैलासेज़िया ग्लोबोसा कहा जाता है जो कि स्कैल्प के ऑयल पर पनपता है, जिससे वहां सूजन हो जाती है और स्किन सेल एक्युमुलेशन व फ्लेकिंग होता है. इसके अलावा, एक्जिमा, सोरायसिस, रोसैसिया, मुंहासे जैसी त्वचा की स्थिति और तनाव जैसे अन्य कारण, साथ ही कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस, आपके डैंड्रफ की समस्या को बढ़ा सकते हैं, जिससे इससे निपटना और भी मुश्किल हो जाता है. अत्यधिक ऑयली स्कैल्प से भी डैंड्रफ होता है.
अपने बालों को कभी-कभार धोने या बहुत अधिक हेयर प्रोडक्ट्स का उपयोग करने से उनमें ऑयल जमा हो जाता है जिससे डैंड्रफ बढ़ सकता है. इसके अलावा, अपने करियर में, मैंने देखा है कि डैंड्रफ आम तौर पर उन लोगों में होता है जिनमें इम्युनिटी का स्तर कम होता है – जैसे कि वे लोग जिनका अंग प्रत्यारोपण (ऑर्गन ट्रांसप्लांट) हुआ हो, अल्कोहलिक अग्नाशयशोथ (alcoholic pancreatitis), हेपेटाइटिस सी, या एचआईवी/एड्स से संक्रमित हुए हों. इसके अलावा, अल्जाइमर रोग, मिर्गी, गहरी मस्तिष्क की चोट, पार्किंसंस रोग और रीढ़ की हड्डी की चोट से प्रभावित व्यक्तियों में विशेष रूप से एसडी और डैंड्रफ होने का खतरा होता है.
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डैंड्रफ के विभिन्न प्रकार क्या हैं?
ड्राई स्किन डैंड्रफ: यह रूसी का एक विशिष्ट रूप है जो अक्सर सर्दियों के महीनों के दौरान दिखाई देता है जब ठंड के मौसम में और घर के अंदर की हीटिंग के कारण आपकी स्कैल्प ड्राई हो जाती है. यह छोटा, परतदार और सफेद दिखता है. इसके अलावा, गर्म पानी से नहाने से ड्राई स्किन डैंड्रफ बढ़ जाता है. एक मॉइस्चराइजिंग शैम्पू और घरेलू उपचार जैसे नारियल तेल से सिर की आरामदायक मालिश का उपयोग करने से मदद मिल सकती है.
ऑयली स्किन डैंड्रफ: यदि आपका स्कैल्प ऑयली है तो इस तरह का डैंड्रफ आपको हो सकता है, क्योंकि आपकी त्वचा के नीचे वसामय ग्रंथियां अत्यधिक सीबम बनाती हैं, जिससे आपके बाल चिपचिपे हो जाते हैं. अतिरिक्त तेल जमा होने से सिर की त्वचा में डैंड्रफ हो जाता है जो काफी असुविधा पैदा करती है. ऑयली स्किन का डैंड्रफ बड़ा होता है और पीला दिखाई दे सकता है. इससे निपटने के लिए, सैलिसिलिक एसिड-बेस्ड डैंड्रफ शैम्पू का उपयोग करने और अपने बालों को नियमित रूप से धोने का प्रयास करें.
फंगस से संबंधित डैंड्रफ: एक सामान्य फंगस मालासेज़िया स्वाभाविक रूप से मानव त्वचा पर मौजूद होता है और कुछ लोगों में सूजन पैदा कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप डैंड्रफ और एक्जिमा जैसे अन्य त्वचा रोग हो सकते हैं. इस तरह के डैंड्रफ के इलाज के लिए ऐसे शैंपू की तलाश करें जिनमें जिंक पाइरिथियोन जैसे मालासेज़िया-अवरोधक रसायन हों. शोध में कहा गया है कि इस प्रकार के शैंपू सिर की अन्य बीमारियों जैसे एसडी, सोरायसिस और एक्जिमा में मदद करते हैं. आप डाइल्यूटेड टी ट्री ट्रीटमेंट पर भी विचार कर सकते हैं या ऐसे शैंपू का उपयोग कर सकते हैं जिनमें यह सब हो.
रोग-संबंधी डैंड्रफ: सोरायसिस, एक्जिमा और एसडी जैसे त्वचा संबंधी रोग डैंड्र्फ पैदा कर सकते हैं; एसडी की वजह से वह एरिया लाल, पपड़ीदार भी हो सकता है. एसडी के कारण होने वाले डैंड्रफ के इलाज के लिए जिंक पाइरिथियोन युक्त शैम्पू का उपयोग करना सबसे प्रभावी तकनीक है. एक्जिमा के रोगियों पर परतदार धब्बे और खुजली वाली त्वचा शुष्क त्वचा वाले लोगों पर डैंड्रफ की परत से भी अधिक बड़ी हो सकती है.
समस्या से निपटने के लिए सौम्य, मॉइस्चराइजिंग शैंपू चुनें. लेकिन यदि आवश्यक हो, तो डॉक्टर से इलाज करवाएं. यदि आपको सोरायसिस है, तो आपको सिर पर पतली, चांदी जैसी चमकदार परतें या सूजन वाला पपड़ीदार एरिया दिख सकता है, अगर आपको एक ऑटो इम्यून बीमारी सोरियोसिस है तो यह तेजी से त्वचा कोशिकाओं के विकास और मोटे, पपड़ीदार पैच का कारण बनती है. लेकिन चिंता न करें – सैलिसिलिक एसिड या जिंक पाइरिथियोन युक्त कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और शैंपू स्कैल्प सोरायसिस के लक्षणों को कुछ हद तक राहत देने में मदद कर सकते हैं.
ध्यान रखने योग्य कुछ बातें
डैंड्रफ के इलाज के लिए बाजार में ढेर सारे विकल्प उपलब्ध हैं. यह जानने के लिए कि यह आपकी समस्या का समाधान कर सकता है या नहीं, इसका लेबल पढ़ें और बोतल पर दिए गए निर्देशों का पालन करें.
यदि आप कॉकेशियन या एशियाई हैं तो सप्ताह में दो बार विशेष रूप से डैंड्र्फ के लिए एक प्रोडक्ट का उपयोग करें. यदि एक शैम्पू काम नहीं करता है, तो कोयला टार, सैलिसिलिक एसिड, सेलेनियम सल्फाइड, जिंक पाइरिथियोन, पिरोक्टोन ओलामाइन, या केटोकोनाज़ोल युक्त शैंपू को बदल-बदल कर यूज़ करें.
स्कैल्प पर ऑयल बनने और अपने बालों को धोने के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग करें और नियमित शैम्पू करें.
तनाव को मैनेज करना, स्वस्थ आहार बनाए रखना और हेयरस्टाइलिंग उत्पादों को सीमित करना स्कैल्प के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है.
अपने सिर को नाखूनों से खरोंचने से बचें और स्ट्रेस मैनेजमेंट का अभ्यास करें.
चाय के पेड़ का तेल, बेकिंग सोडा, दही और त्वचा विशेषज्ञ द्वारा बताए गए एंटी-फंगल शैंपू जैसे घरेलू उपचार भी डैंड्र्फ से निपटने में प्रभावी हो सकते हैं.
यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं या कोई खेल खेलते हैं – और आपकी खोपड़ी में खुजली होती है या पसीना आता है – तो सप्ताह में एक या दो बार कंडीशनर के रूप में सेब साइडर विनेगर का उपयोग करना एक उत्कृष्ट समाधान साबित हो सकता है.
जिन लोगों के बाल रंगे हुए हैं, वे एक कटोरी में 5 चम्मच पानी के साथ 1 चम्मच सेट्रिमाइड घोल मिला सकते हैं और इसे स्कैल्प पर लगा सकते हैं और रात भर के लिए छोड़ सकते हैं. सुबह अपने बालों को एंटी-डैंड्रफ शैम्पू से धोएं और अपनी स्थिति की गंभीरता के आधार पर 3 से 5 दिनों तक इस दिनचर्या का पालन करें.
एक महत्वपूर्ण बात: डैंड्रफ दाढ़ी पर भी दिखाई दे सकता है! यह त्वचा के छिलने और फटने के रूप में दिख सकता है और इसके साथ अधिक सेंसटिविटी, खुजली, जलन और लालिमा भी हो सकती है. यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है, रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है या अत्यधिक पसीना आता है तो आपकी समस्या और भी बदतर हो सकती है. समस्या से निपटने के लिए उपर्युक्त सक्रिय सामग्रियों वाले हेयरकेयर उत्पादों का उपयोग करें.
गंभीर डैंड्रफ के कारण भौहें, नाक के आसपास और कान में भी पपड़ी जैसा हो सकता है. चरम स्थितियों में, फ्लुकोनेज़ोल या इट्रैकोनेज़ॉल जैसी गोलियों की आवश्यकता हो सकती है, खुराक और अवधि आपके डैंड्रफ की गंभीरता के आधार पर निर्धारित की जाती है.
स्वस्थ आहार और पर्याप्त पानी पीने के साथ-साथ बालों की अच्छी देखभाल की दिनचर्या से बहुत फर्क पड़ता है. हालांकि, यदि आप हमेशा डैंड्रफ और खुजली वाले स्कैल्प से जूझ रहे हैं, तो अपने नजदीकी त्वचा विशेषज्ञ से मिलें. वे इस निराशाजनक समस्या को दूर करने और फ्लेक-फ्री स्कैल्प प्राप्त करने में आपकी सहायता के लिए व्यक्तिगत उपचार और कुशल सलाह प्रदान कर सकते हैं.
(डॉ. दीपाली भारद्वाज एक त्वचा विशेषज्ञ, एंटी-एलर्जी विशेषज्ञ, लेज़र सर्जन और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित सौंदर्यशास्त्री हैं. उनका ट्विटर हैंडल @dermatdoc है. व्यक्त किए गए विचार निजी हैं.)
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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