नई दिल्ली: हल्दी के गर्म दूध और काढ़ा पीने से लेकर, योग करने और अश्वगंधा व गिलोय खाने तक- मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार ने, कोविड-19 की रोकथाम, और हल्के व बिना लक्षणों वाले कोविड मरीज़ों के इलाज के लिए, आधिकारिक प्रोटोकॉल जारी किया.
आयुष मंत्रालय महामारी की शुरूआत से ही आयुर्वेद को बढ़ावा दे रहा है, और दावा कर रहा है कि वैकल्पिक दवाएं, नॉवल कोरोनावायरस के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद कर सकती हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अप्रैल में, राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, मंत्रालय की सलाह को बढ़ावा दिया.
पिछले महीने स्वास्थ्य मंत्रालय ने, कोविड-19 से ठीक हो जाने के बाद होने वाले लक्षणों से निपटने के लिए, दिशानिर्देश जारी किए थे, और अब आयुष मंत्रालय ने कोविड-19 मरीज़ों के लिए, नेशनल क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकोल जारी किया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने ट्वीट किया, कि ‘प्रोटोकोल में सुधार’ भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के साथ, तालमेल में किया गया है.
प्रोटोकोल में कोविड की रोकथाम, हल्के लक्षणों के इलाज, और कोविड के बाद ख़ुद की देखभाल के लिए, अश्वगंधा, गिलोय, पिप्पली, आयुष 64 गोलियां, और योग को बढ़ावा दिया गया है.
Today, I released the 'Ayush Standard Treatment Protocol', via VC, along with MoS(I/C) @moayush @shripadynaik & Vice Chairman @NITIAayog @RajivKumar1.
It details self care guidelines for preventive health measures to help protect against #COVID19.@MoHFW_INDIA @PMOIndia pic.twitter.com/pisf28amh3
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) October 6, 2020
मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इन दवाओं के अलावा, खानपान व अन्य उपायों का भी पालन करना है, जिनकी एक लंबी लिस्ट है, जैसे हल्दी का पानी पीना, घूंट-घूंट करके काढ़ा या जोशांदा पीना, नाक के अंदर औषधीय तेल लगाना, और अजवायन या यूकेलिपटिस के तेल से भाप लेना.
प्रोटोकोल में दूसरों से दूरी बनाए रखने, हाथों की सफाई और मास्क पहनने के अलावा, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद, और हल्की-फुल्की शारीरिक कसरत पर के लिए भी कहा गया है.
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हल्के लक्षणों की रोकथाम
भारी जोखिम वाली आबादी, और कोविड मरीज़ों के प्रमुख संपर्कों में, रोकथाम या रोगनिरोधी देखभाल के लिए, प्रोटोकोल में 15 दिन या एक महीने के लिए, च्यवनप्राश के साथ अश्वगंधा, गुडुची घनवटी के डोज़ लेने की सलाह दी गई है.
बिना लक्षणों वाले मरीज़ों में, मंत्रालय ने सलाह दी है कि बीमारी को बढ़कर, लक्षणात्मक और गंभीर होने से बचने के लिए, 15 दिन तक या जैसे डॉक्टर कहे, गुडुची घनवटी, पिप्पली के साथ गुडुची, और आयुष 64 गोलियां लें.
कोविड के हल्के मरीज़ों के लिए भी, जिन्हें बुख़ार, सरदर्द, थकान, खांसी और दूसरे लक्षण हैं लेकिन सांस नहीं फूलती, गुडुची, पिप्पली और आयुष 64 गोलियों का वही मिश्रण सुझाया गया है.
आयुर्वेदिक औषधियों में अश्वगंधा को ‘मास्टर’ जड़ी-बूटी माना जाता है, जबकि गुडुची घनवटी एक गोली है, जो एक दूसरी जड़ी-बूटी गिलोय से बनाई जाती है. जड़ी-बूटी पिप्पली, जिसे लॉन्ग-पेपर भी कहा जाता है, सांस की बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होती है, और आयुष 64 मलेरिया की एक पेटेंट की हुई दवा है, जिसे आयुष मंत्रालय ने विकसित किया है.
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योग प्रोटोकोल
मंत्रालय के अनुसार, योग प्रोटोकोल कोविड की रोकथाम, और उससे ठीक होने के लिए दिया जाता है.
योग करने का उद्देश्य, जैसा कि प्रोटोकोल में कहा गया है, श्वसन व ह्रदय क्षमता बढ़ाना, तनाव और चिंता घटाना, और इम्यूनिटी बढ़ाना है.
कोविड की रोकथाम के लिए इसमें योग का एक 45 मिनट का रूटीन सुझाया गया है, जिसमें खड़ी और बैठी दोनों मुद्राएं होती हैं, और साथ ही प्रोन और सुपाइन अवस्था में, आसन व सांस का व्यायाम होता है, जिसे प्रणायाम कहते हैं. सुपाइन का मतलब होता है चेहरा ऊपर करके लेटना, जबकि प्रोन का अर्थ है चेहरा नीचे करके लेटना.
मंत्रालय के प्रोटोकॉल में, हर आसन और व्यायाम कितनी देर तक करें, ये भी सुझाया गया है.
कोविड के बाद की देखभाल के लिए, योग का एक 30 मिनट का रूटीन सुझाया गया है, जिसका उद्देश्य पलमोनरी फंक्शन, और फेफड़ों की क्षमता को सुधारने के साथ साथ, तनाव व चिंता को कम करना, और श्वांसनली के रास्ते को साफ करना है.
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I hate the journalism practised Shekhar Gupta. I condemn it. It’s anti Hindus and anti national.
Why AYUSH ministry only promoting about ayurveda and yoga . Homeopathy alsonpart of AYUSH system and every buddy know using of these medicine so many patients become cure and by these medicine people’s not infected because it’s work as a preventive..
They should promote homeopathy also
Ayurved dharti ki pratham or sbse prachin prakratik den hai jisse aaj tak koi achhuta ni hai isiliye ayush ko sbse pehle ayurved ko badhawa dena hoga