नई दिल्ली: कोविड पॉजेटिव होने वाले चालीस प्रतिशत लोगों को संक्रमित होने के 10 महीने तक इसके प्रभाव का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन संक्रमण के समय सामान्य डायबिटिज की दवा, मेटफॉर्मिन के दो सप्ताह के कोर्स लेने के बाद प्रभावित लोगों में इसका प्रभाव कम दिख रहा है. शुक्रवार को द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन में इसकी जानकारी मिली है.
लंबे समय तक दिखने वाले लक्षण, जैसे कि थकान या सांस फूलना, जिसे कुछ लोग SARS-CoV-2 संक्रमण के 12 सप्ताह या उससे भी अधिक समय से अनुभव कर रहे हैं. इसे लॉन्ग कोविड का नाम दिया गया है. यह दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली एक उभरती पुरानी बीमारी बन गई है. अभी पहले स्थान पर संक्रमण के जोखिम को कम करने के अलावा, लंबे समय तक कोविड के प्रभाव को रोकने के लिए कोई सिद्ध उपचार या तरीका नहीं हैं.
नए रिसर्च, जिसमें 1,126 अधिक वजन (25 और उससे अधिक का बॉडी मास इंडेक्स) और मोटे लोगों (30 और उससे अधिक का बॉडी मास इंडेक्स) शामिल थे, ने पाया कि 6.3 प्रतिशत प्रतिभागियों ने SARS-CoV के लिए सकारात्मक परीक्षण के तीन दिनों के भीतर मेटफॉर्मिन लिया. इनलोगों ने 2 ने 10 महीने के भीतर लॉन्ग कोविड के प्रभाव से बचे रहे. जबकि जिन्होंने प्लेसबो लिया था उनमें यह आंकड़ा 10.4 प्रतिशत था. परीक्षण दिसंबर 2020 और जनवरी 2022 के बीच आयोजित किया गया था.
टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए मेटफोर्मिन का उपयोग किया जाता है, जो जीवन शैली से जुड़ा है और वर्षों से होता रहा है.
यह पहला प्रकाशित रैंडमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल है जो यह बताता है कि कोविड के पीक के दौरान ली गई मधुमेह की दवा दीर्घकालिक लक्षणों के जोखिम को कम करने में सक्षम हो सकती है.
अध्ययन के लेखक, यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा मेडिकल स्कूल, यूएसए के डॉ. कैरोलिन ब्रैमांटे ने एक बयान में कहा, “लॉन्ग कोविड एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है, जिसका स्थायी शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव हो सकता है, विशेष रूप से सामाजिक-आर्थिक रूप से हाशिए पर रहने वाले समूहों में.”
उन्होंने कहा, “इस बीमारी को रोकने के संभावित उपचार और तरीकों को खोजने की तत्काल आवश्यकता है. हमारे अध्ययन से पता चला है कि मेटफॉर्मिन, एक दवा जो सुरक्षित है, कम लागत वाली और व्यापक रूप से उपलब्ध है, लॉन्ग कोविड के जोखिम को काफी हद तक कम कर देती है, और लोग जल्द से जल्द इससे उबर जाते है, अगर इसे पहली बार कोरोनावायरस से संक्रमित होने पर लिया जाए.”
हालांकि, लेखक ने आगाह किया कि रिसर्च यह नहीं बताता है कि मेटफॉर्मिन उन लोगों के लिए उपचार के रूप में प्रभावी होगा जो लंबे समय से कोविड से प्रभावित हैं.
अध्ययन के सह-लेखक, मिनेसोटा विश्वविद्यालय के डेविड ओडडे ने एक बयान में कहा, “पिछले रिसर्च में पाया गया है कि मेटफॉर्मिन SARS-CoV-2 वायरस को लैब में उसके प्रतिरूप बनाने से रोकता है, जो कि वायरल प्रतिरूप के हमारे गणितीय मॉडलिंग की भविष्यवाणियों के अनुरूप है, ताकि हो सकता है कि गंभीर कोविड -19 और दोनों में कमी का कारण हो.”
हालांकि, रिसर्च की भी कुछ सीमाएं हैं. जैसा कि रिसर्च के लेखकों द्वारा स्वीकार किया गया है. इसमें यह तथ्य शामिल है कि परीक्षण में 25 वर्ष से कम आयु के बॉडी मास इंडेक्स और 30 वर्ष से कम आयु के लोगों को शामिल नहीं किया गया था.
लेखकों ने इसलिए बताया कि यह अज्ञात है कि इस अध्ययन के निष्कर्षों को उन आबादी के लिए सामान्यीकृत किया जा सकता है या नहीं.
(संपादन: ऋषभ राज)
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