नई दिल्ली: ओडिशा राज्य में इस वर्ष जनवरी और फरवरी महीने में एकत्र किए गए 225 सैम्पल्स में से कुल 59 में H3N2 इन्फ्लुएंजा मामलों की पुष्टि हुई है. क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) भुवनेश्वर की निदेशक डॉ संघमित्रा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ‘इसके लक्षण बुखार और खांसी आदि सहित सीजनल फ्लू वायरस के समान हैं.’
राज्य भर में H3N2 वायरस के मामलों में तेज उछाल के बीच, ओडिशा के स्वास्थ्य सचिव ने रविवार को सभी जिला प्रशासनों को सतर्क रहने और स्वास्थ्य सुविधा स्तर पर इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (SARI) की निगरानी करने का निर्देश दिया.
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने एक प्रेस बयान में कहा कि, ‘H1N1 और H3N2 इन्फ्लुएंजा ए वायरस के उपप्रकार हैं. यह सामान्य फ्लू वायरस दिसंबर से मार्च तक बच्चों और बुजुर्गों में काफी आम है.’
उन्होंने आगे कहा कि हैंडवाशिंग, व्यक्तिगत स्वच्छता और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना ही पहले की तरह इसके लिए प्रमुख उपाय हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने आगे कहा, ‘हमारे 30 डीपीएचएल हमारे 23 आरटीपीसीआर प्रयोगशालाओं और डीपीएचएल में नियमित रूप से सैम्पल्स का परीक्षण करके आईएलआई और एसएआरआई मामलों की प्रवृत्ति की निगरानी कर रहे हैं. हमारे 30 डीपीएचएल नियमित आधार पर H1N1 परीक्षण कर रहे हैं. यदि भविष्य में इसमें तेज़ी देखी जाती है, तो हमारे पास परीक्षण करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा और लैब मौजूद है.’
स्वास्थ्य विभाग ने कहा, ‘हमारा राज्य कोविड मामलों का पता लगाने के लिए आईएलआई और एसएआरआई मामलों के सैम्पल्स का लगातार परीक्षण कर रहे है, जिला आईडीएसपी यूनिट तैयार हैं और स्थिति की लगातार निगरानी हो रही हैं.’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कर्नाटक और हरियाणा ने अब तक H3N2 इन्फ्लूएंजा से एक-एक मौत की पुष्टि की है. H3N2 प्रमुख उपप्रकार रहा है जिसके बाद H1N1 आया है. ये दोनों उपप्रकार इन्फ्लुएंजा ‘ए’ के प्रकार हैं.
हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि H3N2 सहित सीजनल इन्फ्लूएंजा से मार्च के अंत से हरियाणा और कर्नाटक में एक-एक मौत होने का दावा किया गया है.
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