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Monday, 23 December, 2024
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बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में बढ़े खसरे के मामले, केंद्र का निर्देश अतिरिक्त खुराक देनें पर करें विचार

हाल ही में बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल और महाराष्ट्र के कुछ जिलों से खसरे के कई मामले सामने आए हैं. जबकि मुंबई में अभी तक इससे13 लोगों की मौत हो चुकी है.

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नई दिल्ली: देश में खसरे के मामलों में वृद्धि के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से संवेदनशील इलाकों में रह रहे नौ माह से पांच साल तक के सभी बच्चों को खसरा और रूबेला के टीकों की अतिरिक्त खुराक देने पर विचार करने को कहा है.

गौरतलब है कि हाल ही में बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल और महाराष्ट्र के कुछ जिलों से खसरे के कई मामले सामने आए हैं.

महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) और कुछ अन्य जिलों के तहत आने वाले इलाकों में संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है और खसरे के वायरस से करीब 10 लोगों की मौत हो चुकी है.

महाराष्ट्र के प्रधान स्वास्थ्य सचिव को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण के मामलों में यह वृद्धि जन स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत चिंताजनक है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव पी अशोक बाबू ने कहा, ‘यह भी स्पष्ट है कि ऐसे सभी भौगोलिक क्षेत्रों में प्रभावित बच्चों को मुख्यत: टीका नहीं लगा होता है और पात्र लाभार्थियों के बीच खसरा तथा रूबेला के टीके (एमआरसीवी) लगाए जाने का औसत भी राष्ट्रीय औसत से कम होता है.’

उन्होंने कहा कि इस संबंध में नीति आयोग के एक सदस्य (स्वास्थ्य) की अध्यक्षता में विशेषज्ञों के साथ बुधवार को एक बैठक की गई.

बैठक से मिली जानकारियों के आधार पर केंद्र ने कहा कि राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को संवेदनशील इलाकों में नौ माह से पांच साल के सभी बच्चों को टीके की अतिरिक्त खुराक देने पर विचार करने की सलाह दी जाती है.

सरकार ने कहा, ‘यह खुराक नौ से 12 महीने के बीच दी जाने वाली पहली खुराक और 16 से 24 माह के बीच दी जाने वाली दूसरी खुराक के अतिरिक्त होगी.’

राज्य सरकार और केंद्र-शासित प्रदेशों का प्रशासन संवेदनशील इलाकों की पहचान करेगा.

एक अधिकारी ने बताया कि उन इलाकों में छह माह से नौ माह तक की आयु के सभी बच्चों को एमआरसीवी टीके की एक खुराक दी जानी चाहिए, जहां नौ महीने से कम आयु के शिशुओं में खसरे के मामले कुल मामलों के 10 प्रतिशत से अधिक हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कहा कि यह बीमारी उन बच्चों में जानलेवा होती है, जो मध्यम और गंभीर रूप से कुपोषित हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण की पुष्टि होने पर मामले की पहचान होने के कम से कम सात दिनों बाद तक मरीज को पृथक रखना आवश्यक है.

केंद्र ने रांची (झारखंड), अहमदाबाद (गुजरात) और मलप्पुरम (केरल) में बच्चों में खसरे के मामलों की संख्या में वृद्धि का आकलन और प्रबंधन करने के लिए उच्चस्तरीय दलों को तैनात भी किया है.

मुंबई में खसरे के 13 नए मामले 

मुंबई में खसरे के 13 नए मामले सामने आने के बाद क्षेत्र में वर्ष 2022 में इससे संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 233 हो गई. वहीं, एक और व्यक्ति की मौत होने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 12 पर पहुंच गई.

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने बयान जारी कर बताया कि बुधवार को शहर के सरकारी अस्पतालों से 22 मरीजों को छुट्टी दे दी गई.

बीएमसी के सर्वेक्षणों के दौरान खसरे के 156 संदिग्ध मामलों का पता चला. यह संक्रमण आमतौर पर बच्चों में अधिक पाया जाता है.

नगर निकाय ने बताया कि मंगलवार शाम को शहर के एक अस्पताल में खसरे से पीड़ित आठ माह के एक बच्चे की मौत हो गई और इसी के साथ मृतक संख्या बढ़कर 12 हो गई. बच्चा भिवंडी का रहने वाला था.

एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि इस साल अब तक खसरे के 3,534 संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं.

बीएमसी ने बताया कि 24 वार्ड में से 11 में 22 स्थानों पर खसरा फैलने की सूचना मिली है, लेकिन 13 नए पुष्ट मामले सात अलग-अलग वार्ड में सामने आए.


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