नई दिल्ली: भारत में इन्फ्लूएंजा एच3एन2 से दो मौतों की पुष्टि हुई है. मौत की पहली पुष्टि कर्नाटक में हुई है जबकि दूसरी हरियाणा में हुई है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक कर्नाटक निवासी 82 साल के हीरा गौड़ा की मौत इस वायरस के कराण हुई है. उनकी मौत बीते एक मार्च को हुई थी लेकिन आज जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने पुष्टि की कि उनकी मौत इन्फ्लुएंजा वायरस एच3एन2 से हुई है. जांच के बाद उन्हें संक्रमित पाया गया था. कर्नाटक स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक उन्हें बीते 24 मार्च को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप के मरीज थे. जबकि दूसरे व्यक्ति की जानकारी अभी उपलब्ध नहीं हो पाई है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक देश में अभी तक इन्फ्लुएंजा एच3एन2 के कुल 90 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि इन्फ्लुएंजा एच3एन1 के 8 मामले सामने आए हैं. कुछ दिन पहले ही कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने इसको लेकर एक हाई प्रोफाइल मीटिंग भी बुलाई थी जिसमें उन्होंने हर हफ्ते 25 टेस्ट करने का लक्ष्य रखा था. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था, ‘यह संक्रमण अधिकतर 15 साल से कम उम्र के बच्चे और 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग में देखा जा रहा है.’
उन्होंने आगे कहा था, ‘लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. इससे बचाव के लिए सावधानी की जरूरत है. जल्द ही दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे.‘
उन्होंने लोगों को दोबारा मास्क लगाने की अपील की. इसके कुछ दिन बाद ही मौत का पहला मामला सामने आया है.
क्या है इन्फ्लूएंजा एच3एन2 वायरस
इन्फ्लूएंजा एच3 एन2 इन्फ्लूएंजा A का सबटाइप है. इसे हांगकांग फ्लू भी कहा जाता है. कुछ दिन पहले ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने एक दिशा निर्देश जारी की थी जिसमें कहा गया था कि तेज बुखार, तेज सिरदर्द, शरीर में दर्द, गले में दर्द, तेज खांसी, सर्दी जुकाम आदि इसके लक्षण है. अगर आपमें इस तरह की कोई भी दिक्कत है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
इंडियन काउंसिल फ़ॉर मेडिकल रिसर्च ने कहा था कि मूलतः इसके लक्षण कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग, बच्चे, बूढ़े और बीमार लोगों में देखे जा सकते हैं.
Influenza A subtype H3N2 is the major cause of current respiratory illness. ICMR-DHR established pan respiratory virus surveillance across 30 VRDLs. Surveillance dashboard is accessible at https://t.co/Rx3eKefgFf@mansukhmandviya @DrBharatippawar @MoHFW_INDIA @DeptHealthRes pic.twitter.com/3ciCgsxFh0
— ICMR (@ICMRDELHI) March 3, 2023
आईएमए ने लोगों को सलाह दी थी कि इसके लक्षण मिलने पर डॉक्टरों से सलाह लेने पर ही एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करें क्योंकि एंटीबायोटिक सिर्फ बैक्टीरिया संबंधित बीमारियों में कारगर होते हैं.
Fever cases on rise – Avoid Antibiotics pic.twitter.com/WYvXX70iho
— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) March 3, 2023
इसके अलावा आईसीएमआर ने संक्रमण को रोकने के उपाय बताए थे. आईसीएमआर के मुताबिक इसमें अधिकतर उन उपायों को ही अपनाया जाना है जो कोरोना महामारी के दौरान अपनाए गए थे.
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