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Sunday, 24 November, 2024
होमहेल्थआलू नहीं फ्रेंच फ्राइज खाने से बचें, उबले आलू से मधुमेह का खतरा नहीं और अन्य सब्जियां भी बीमारी से बचाती है

आलू नहीं फ्रेंच फ्राइज खाने से बचें, उबले आलू से मधुमेह का खतरा नहीं और अन्य सब्जियां भी बीमारी से बचाती है

अध्ययन में पाया गया कि जो लोग अधिक मात्रा में सब्जियां खाते हैं उनमें कम सब्जियां खाने वालों की तुलना में डायबिटीज का खतरा 21% कम होता है. फ्राइज, चिप्स, और ज्यादा मक्खन वाले व्यंजनों से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.

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बेंगलुरु: लो-कार्बोहाइड्रेट आहार का इस्तेमाल बढ़ने और स्पष्ट तौर पर उनके स्वास्थ्य लाभ नजर आने के बीच सब्जियों का राजा आलू अक्सर संदेह के घेरे में रहा है, खासकर जब डायबिटीज की बात आती है. तमाम अध्ययनों में इस तरह के संकेत दिए गए कि आलू अच्छे स्वास्थ्य में बाधक हो सकता है और इसका ज्यादा इस्तेमाल टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकता है.

हालांकि, ऑस्ट्रेलिया और डेनमार्क में हुए नए शोध बताते हैं कि यह बात पूरी तरह सच नहीं हो सकती है.

शोधकर्ताओं ने डायबिटीज के जोखिम पर आहार के प्रभाव संबंधी मौजूदा अध्ययनों का विश्लेषण किया और पाया कि जिन लोगों ने अधिक सब्जियों का सेवन किया उनमें टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा कम था.

आलू के मामले में रिसर्च टीम ने पाया कि जब उन्होंने उबले आलू को मैश किए आलू (डिश), फ्राइज और चिप्स से अलग किया, तो डायबिटीज के बढ़ते जोखिम के साथ इसका कोई संबंध नहीं पाया गया. टीम ने यह भी पाया गया कि विभिन्न रूपों में सबसे अधिक आलू खाने वाले लोग अधिक मक्खन, रेड मीट और शर्करायुक्त पेय का भी सेवन करते हैं, और यही उनमें डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है.

निष्कर्ष इस बात की पुष्टि करते हैं कि सब्जियों का अधिक इस्तेमाल टाइप-2 मधुमेह के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और यह भी कि जो लोग अधिक मात्रा में साग और फूलगोभी और ब्रोकोली जैसी सब्जियां खाते हैं, आंकड़ों के लिहाज से उनमें यह बीमारी होने की संभावना काफी कम रहती है.

अध्ययन के लेखकों ने लिखा, ‘निष्कर्ष उन मौजूदा आहार अनुशंसाओं का समर्थन करते हैं जिनमें कहा गया है कि मोटापे और उसके कारण होने वाली टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम घटाने में आलू के अलावा अन्य सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कारगर होता है.’

पीर-रिव्यूड निष्कर्ष इसी सप्ताह जर्नल डायबिटीज केयर में प्रकाशित हुए हैं.


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सब्जियों और मधुमेह के बीच संबंध

सब्जियों और आलू के अधिक सेवन और टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावनाओं के बीच रिश्ते को समझने के लिए शोधकर्ताओं ने डेनिश डाइट, कैंसर एंड हेल्थ (डीसीएच) अध्ययन के आंकड़ों का विश्लेषण किया. इस व्यापक अध्ययन में 1990 के दशक में 50 से 64 आयु वर्ग के 57,053 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था, और कोपेनहेगन में लंबे समय तक चले इस अध्ययन के दौरान उनकी आहार संबंधी आदतों, जीवनशैली और कैंसर विकसित होने के बीच किसी भी तरह के संबंध को समझने की कोशिश की गई.

अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने कई सालों तक इन प्रतिभागियों के मौजूदा डेटा और उनसे जुड़े हेल्थ डेटा का गहन विश्लेषण किया.

कुछ लोगों में टाइप-2 डायबिटीज विकसित होने से पहले 1995 में सभी प्रतिभागियों भोजन और अपने उपभोग वाले फूड ग्रुप पर विस्तृत 192-आइटम वाली प्रश्नावली भरी थी. शोधकर्ताओं ने आलू को छोड़कर अन्य सब्जियां, पूरी तरह आलू और उन्हें बनाने के तरीके जैसे उबला, भुना, कुक्ड मैस्ड और तला आलू आदि से जुड़ा डेटा नोट किया. फिर दैनिक आधार पर रेसिपी और उसकी मात्रा के संबंधित आंकड़े का विस्तृत ब्योरा नोट किया गया.

टीम ने जीवनशैली और बीमारी पर खानपान के असर के अध्ययन के लिए गैर-आलू सब्जियों को भी कई समूहों में बांटकर रखा जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, क्रुसिफेरस सब्जियां, पीली/नारंगी/लाल सब्जियां, एलियम या प्याज और लहसुन-परिवार की सब्जियां, अन्य सभी सब्जियां, और फलियां.

इसमें साबुत और रिफाइंड अनाज, रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट, पोल्ट्री, मछली, डेयरी, पशु वसा, वनस्पति तेल, चीनी और मिठाई, फल, कॉफी और चाय और मीठे शीतल पेय के सेवन के बारे में भी ब्योरा नोट किया गया.

डेटा को उम्र, लिंग, धूम्रपान की आदतों, शराब के उपभोग, शिक्षा स्तर, शारीरिक गतिविधि स्तर और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के उपयोग आदि के लिहाज से भी एडजस्ट किया गया. प्रतिभागियों में से 4,243 पुरुष और 3,452 महिलाएं टाइप-2 डायबिटीज की चपेट आईं.

आहार और हेल्थ पैटर्न

शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने आलू, या कम से कम तला आलू छोड़ दिया, वे सामान्य रूप से अन्य प्रतिभागियों की तुलना में ज्यादा स्वस्थ रहे, वे आम तौर पर ऐसी महिलाएं थीं जो कम धूम्रपान करती थीं और अधिक सब्जियों का सेवन करती थीं. उन्होंने रेड मीट और चीनी का भी कम सेवन किया और फ्राइज और चिप्स की तुलना में उबले आलू का अधिक सेवन किया.

टीम ने पाया कि सब्जियों के सेवन और डायबिटीज के जोखिम के बीच विपरीत संबंध है, जैसे सब्जियों का जितना अधिक इस्तेमाल किया जाता है, टाइप-2 डायबिटीज का खतरा उतना ही कम होता है.

इसके अलावा, हरी पत्तेदार और क्रूसिफेरस सब्जियों के सेवन के बीच एक मजबूत संबंध पाया गया, और इससे जीवनशैली के अन्य फैक्टर जोड़ने के बावजूद टाइप-2 मधुमेह का खतरा कम होता है.

इसके विपरीत, टीम ने पाया कि पूरी तौर पर सिर्फ आलू का सेवन सीधे टाइप-2 डायबिटीज से जुड़ा है, खासकर जब आलू को फ्राइज, चिप्स या बटर के साथ बने व्यंजन के रूप में खाया जाता है. उबले आलू को छोड़कर इसके अन्य रूपों में इस्तेमाल और मधुमेह के बीच एक थोड़ा कमजोर संबंध ही पाया गया जो अन्य खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल के साथ और भी कम हो गया था. लेकिन उबले आलू का बीमारी के खतरे से कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया.

टीम ने पाया कि जो लोग आलू के अन्य रूपों का सेवन करते हैं, वे ऐसे अन्य खाद्य पदार्थों का भी सेवन करते हैं जो डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाते हैं, जैसे रिफाइंड अनाज और रेड मीट. जिन लोगों ने अधिक सब्जियों का सेवन किया, वे आम तौर पर स्वास्थकर आहार और जीवनशैली भी अपनाते थे.

जिन प्रतिभागियों ने सबसे अधिक सब्जियों का सेवन किया, उनमें डायबिटीज का खतरा कम सब्जियां खाने वालों की तुलना में 21 प्रतिशत तक कम पाया गया.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

(अनुवादः रावी द्विवेदी)


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