नई दिल्ली: देश में कोविड की तीसरी लहर के बीच अपनी तैयारियां पुख्ता करने में जुटे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली ने शुक्रवार से अस्पताल में मरीजों की रुटीन भर्ती, अन्य नियमित स्वास्थ्य सेवाएं और गैर-जरूरी सर्जरी पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी.
केंद्र और दिल्ली सरकार की तरफ से जारी बुलेटिन के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में देशभर से कोविड-19 के करीब एक लाख नए मामले सामने आए, जिनमें से 15,097 अकेले दिल्ली के हैं.
एम्स दिल्ली के चिकित्सा अधीक्षक डी.के. शर्मा ने शुक्रवार को जारी एक सर्कुलर में कहा कि सभी स्पेशलिटी क्लीनिकों को भी फिलहाल बंद कर दिया जाना चाहिए.
सर्कुलर में में यह भी कहा गया है कि एम्स और उसके सभी केंद्रों में ओपीडी सेवाएं मिलना जारी रहेंगी लेकिन इन्हें पहले से पंजीकरण कराने वाले मरीजों तक ही सीमित रखा गया है.
सर्कुलर के मुताबिक, स्पेशलिटी क्लिनिक के फॉलो-अप मरीजों को फॉलो-अप अपॉइंटमेंट स्लॉट के भीतर ही पंजीकृत किया जाएगा.
इसमें यह भी कहा गया है, ‘अगले आदेश तक मरीजों की रुटीन भर्ती, अन्य नियमित प्रक्रियाएं/गैरजरूरी सर्जरी अस्थायी रूप से बंद रहेगी,’
शुक्रवार को जारी एक अन्य सर्कुलर के मुताबिक, एम्स के ट्रॉमा इमरजेंसी विभाग को शनिवार को परिसर के भीतर ही एक अलग इमारत में शिफ्ट कर दिया जाएगा.
पिछले साल अप्रैल में जब देश में कोविड की दूसरी लहर के दौरान मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि हो गई थी तब भी अस्पताल ने मरीजों में संक्रमण फैलने से रोकने और उपलब्ध संसाधनों का एकदम उपयुक्त तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए इसी तरह का फैसला लिया था.
दिल्ली सरकार के कोविड डैशबोर्ड पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार दोपहर तक राष्ट्रीय राजधानी में 13,904 कोविड बेड में से कुल 1,423 भर चुके थे. एम्स के कोविड वार्ड में 103 बेड हैं, जिनमें से 28 ही खाली बचे हैं.
दिल्ली में 12,794 ऑक्सीजन बेड में से 1,352 भर चुके हैं, जबकि 3,817 आईसीयू बेड में से 233 पर कोविड मरीज भर्ती हैं. इसके अलावा 90 कोविड मरीज को वेंटिलेटर के साथ वाले आईसीयू बेड पर रखा गया है.
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