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Wednesday, 20 November, 2024
होमहेल्थओमीक्रॉन की पहचान करने वाली दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर बोलीं, डेल्टा और बीटा से बिलकुल अलग हैं इसके लक्षण

ओमीक्रॉन की पहचान करने वाली दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर बोलीं, डेल्टा और बीटा से बिलकुल अलग हैं इसके लक्षण

साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष कोएत्जी ने कहा यदि आप लक्षणों के बारे में क्लीनिकली अवेयर नहीं हैं तो आप आसानी से इसके लक्षणों से चूक जाएंगे और तब यह वायरस पूरी कम्यूनिटी में तेजी से फैल जाएगा.

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नई दिल्ली: ओमीक्रॉन के लक्षण क्या है, ये कितना लीथल है, ये कितनी तेजी से लोगों को शिकार बना रहा है इन सब बातों को लेकर अभी रिसर्च चल रही है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका की डॉक्टर जिसने पहली बार कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर लोगों को सजग किया था उनका कहना है कि डेल्टा और बीटा वैरिएंट की तुलना में इसके काफी अधिक म्यूटेशन हैं. अगर कोई क्लीनिकली इसके लक्षणों से जागरूक नहीं है तो वो आसानी से इसे पहचान नहीं पाएगा.

एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी ने कहा: ‘मुझे लगता है कि यह वैरिएंट कुछ समय से हमारे आसपास है. शायद दक्षिण अफ्रीका में नहीं बल्कि अन्य देशों में, क्योंकि दूसरे देशों में संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा था.’

दक्षिण अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष कोएत्जी ने कहा, ‘यदि आप लक्षणों के बारे में क्लीनिकली अवेयर नहीं हैं तो आप आसानी से इसके लक्षणों से चूक जाएंगे. यह जारी रहेगा और वायरस बाकी समुदाय में तेजी से फैल जाएगा.’

डॉ कोएत्ज़ी ने बताया कि ओमीक्रॉन में 30 से अधिक म्यूटेशन हो चुके हैं. ‘यह म्यूटेशन डेल्टा या बीटा वैरिएंट से बहुत अलग है. जब हमारे वैज्ञानिकों ने इस वैरिएंट की घोषणा की, तो उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वे अभी तक इसके बारे में सब कुछ नहीं जानते हैं. वे अभी इसकी सीक्वेसिंग कर रहे हैं.’

उन्होंने आगे कहा, इस समय हम जो जानते हैं वह यह है कि आरटी-पीसीआर जांच में यह पता लग जाएगा, यही नहीं रैपिड टेस्ट में भी कोविड की पुष्टि होगी लेकिन यदि आप इसके क्लीनिकल लक्षणों को नहीं पहचान पाते हैं तो आप ओमीक्रॉन के मरीज को पहचान नहीं पाएगें, क्योंकि वह डेल्टा की तरह नहीं है लेकिन कोविड पॉजिटिव है.

डॉक्टर कोएत्जी से जब इस नए वैरिएंट के पता लगने पर उनकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी, तो डॉक्टर बोलीं, ‘ जब मुझे इस वैरिएंट के बारे में पता चला तो मैं चौंक गई.’

विशेषज्ञ ने कहा, ‘मैंने इसकी उम्मीद नहीं की थी. हमारे पास कुछ हफ्तों तक कोई मामले नहीं थे. दक्षिण अफ्रीका में कोविड एक प्रतिशत से भी कम था.’

डॉक्टर ने आगे कहा, ‘हमने चौथी लहर की उम्मीद की थी लेकिन दिसंबर के अंत और जनवरी की शुरुआत में. इसलिए यह पूछना जल्दबाजी थी. इसलिए मैंने ऐसे लक्षणों वाले एक मरीज का परीक्षण करने का फैसला किया जो सामान्य वायरल संक्रमण से पीड़ित लग रहा था.’

मैंने सोचा कि यह एक वायरल इन्फेक्शन हो सकता है. लेकिन … वह COVID पॉजिटिव था. विशेष रूप से, 18 (नवंबर) को मैंने समान लक्षणों वाले और मामले देखे. फिर मैंने सलाहकार समिति को सतर्क किया. और पिछले सप्ताह इसकी पुष्टि हुई थी कि दक्षिण अफ्रीका में यह एक नया वैरिएंट पाया गया है.

इससे पहले गुरुवार को, भारत में ओमीक्रॉन वैरिएंट के दो मामलों का पता चला था, दोनों कर्नाटक से हैं. दुनिया भर में नए कोविड वैरिएंट के पता चलने के बाद देश की सीमाओं के भीतर भी इस वैरिएंट की पुष्टि ने तनाव पैदा कर दिया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 46 और 66 वर्ष दोनों लोगों के संपर्क में आए सभी प्राइमरी और सेकेंडरी संपर्कों की पहचान कर ली गई है और उनकी निगरानी की जा रही है, और सीओवीआईडी-प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है.


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