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Sunday, 22 December, 2024
होमहेल्थवुहान लैब में काम कर चुके वैज्ञानिक का खुलासा, इंसानों ने ही बनाया था कोरोना वायरस

वुहान लैब में काम कर चुके वैज्ञानिक का खुलासा, इंसानों ने ही बनाया था कोरोना वायरस

अमेरिकी वैज्ञानिक का कहना है कि वुहान स्थित लैब में सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं थे जिसके कारण यह हादसा हुआ और वायरस लीक हो गया.

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नई दिल्ली: चीन के वुहान शहर के विवादास्पद अनुसंधान प्रयोगशाला में काम करने वाले एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. अमेरिकी वैज्ञानिक ने कहा कि COVID-19 एक ‘मानव निर्मित वायरस’ था जो लीक हो गया था.

न्यूयार्क पोस्ट ने ब्रिटिश अखबार द सन में एंड्रयू हफ के बयान के हवाले से बताया कि दो साल पहले वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से कोविड लीक हुआ था. यह संस्था चीन सरकार द्वारा संचालित और वित्त पोषित है. महामारी विज्ञानी एंड्रयू हफ ने अपनी किताब ‘द ट्रूथ अबाउट वुहान’  में दावा किया है कि महामारी अमेरिकी सरकार द्वारा चीन में कोरोनावायरस को दी जा रही फंडिंग के कारण फैली. हफ की किताब का कुछ अंश ब्रिटिश अखबार द सन में प्रकाशित हुआ है.

न्यूयार्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक एंड्रयू हफ एलायंस के पूर्व उपाध्यक्ष हैं. यह न्यूयॉर्क स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन है जो संक्रामक रोगों का अध्ययन करता है.

न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार हफ ने अपनी किताब में दावा किया कि चीन के गेन-ऑफ-फंक्शन में अपर्याप्त सुरक्षा के कारण यह हादसा हुआ.

वुहान लैब कोरोना की शुरुआत के साथ ही पूरी दुनिया में बहस का केंद्र रहा है. हालांकि चीनी अधिकारियों और लैब में काम करने वाले लोगों ने हमेशा से इस बात से इनकार किया है कि वायरस की उत्पत्ति वहीं से हुई है.

एंड्रयू हफ ने अपनी पुस्तक में दावा किया है कि प्रयोगशाला में पर्याप्त नियंत्रण साधन नहीं थे जिसके कारण प्रयोगशाला से रिसाव हुआ.

एक दशक से अधिक समय से अमेरिका का राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) चमगादड़ों पर अध्ययन कर रहा है और वुहान लैब के साथ मिलकर काम कर रहा है.

NIH बायोमेडिकल और सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए अमेरिकी सरकार की एक प्राथमिक एजेंसी है.

हफ 2014 से लेकर 2016 तक इकोहेल्थ एलायंस में काम किया जोकि एक गैर-लाभकारी संस्था है. इस संस्था ने वुहान लैब के साथ मिलकर काम किया है.


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