नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में लगातार आठवें दिन भी सर्वर खराब रहा. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के दो विश्लेषकों के निलंबन के बाद साइबर सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोप में और भी निलंबन हो सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, ‘सैनिटाइजिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है, पहले यह 15 थे लेकिन अब 50 में से 25 सर्वर और 400 से अधिक एंडपॉइंट कंप्यूटर स्कैन किए जा चुके हैं. भविष्य की सुरक्षा के लिए एंटीवायरस अपलोडिंग भी शुरू कर दी गई है.’
मंगलवार को एम्स ने एक बयान भी जारी किया कि जिसमें कहा गया कि ई-हॉस्पिटल डेटा को बहाल कर दिया गया है. उसने बयान में कहा, ‘ई-हॉस्पिटल डेटा को सर्वर पर बहाल कर दिया गया है. सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को साफ किया जा रहा है. इस प्रक्रिया में कुछ समय लग रहा है. अस्पताल सेवाओं के लिए डेटा की मात्रा और बड़ी संख्या में सर्वर/कंप्यूटर साइबर सुरक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं.’
इसने आगे कहा, ‘सभी अस्पताल सेवाएं, जिनमें आउट पेशेंट, इन-पेशेंट, प्रयोगशालाएं आदि शामिल हैं, मैनुअल मोड पर चलती हैं.’
स्रोत के अनुसार, ‘राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी जांच में शामिल हो गई है. इंडिया कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-आईएन), दिल्ली पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि पहले से ही जांच में मौजूद हैं.’
जांच एजेंसियों की सिफारिशों के बाद एम्स दिल्ली में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी.
प्रयोगशाला सूचना प्रणाली (एलआईएस) डेटाबेस और अन्य निर्भर डेटाबेस को बहाल कर दिया गया है.
इससे पहले एम्स ने मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का एक नया सेट भी जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि ई-अस्पताल के डाउन होने तक अस्पताल में मरीजों का प्रवेश, डिस्चार्ज और स्थानांतरण मैन्युअल रूप से किया जाएगा.
इसने आगे कहा कि कार्यसमिति के निर्देशानुसार मृत्यु या जन्म प्रमाण पत्र मैन्युअल रूप से प्रपत्रों पर बनाए जाने हैं.
इसमें आगे कहा गया कि वर्किंग कमेटी के निर्देश के अनुसार केवल जरूरी सैंपल भेजे जाएं और वह भी भरे हुए फॉर्म के साथ.
अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने 23 नवंबर को अपने सर्वर में खराबी की सूचना दी थी.
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