नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अलर्ट और और सुरक्षा चिंताओं को लेकर फोल्कोडाइन युक्त कफ सिरप पर कई देशों द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने अब डॉक्टरों और मरीजों को इसके इस्तेमाल के लिए एक सलाह जारी की है.
फोल्कोडाइन का उपयोग वयस्कों और बच्चों में सूखी खांसी के इलाज के लिए किया जाता है. WHO के अनुसार, आमतौर पर विश्व स्तर पर ओवर-द-काउंटर टैबलेट और सिरप के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है.
14 जुलाई को जारी एक सलाह में, डीसीजीआई ने कहा कि WHO ने उन लोगों में एनाफिलेक्टिक प्रतिक्रियाओं (गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाएं जो कभी-कभी जीवन के लिए खतरा हो सकती हैं) के जोखिम के बारे में मेडिकल से जुड़े लोगों और इससे संबधित अधिकारियों को सचेत किया था, जिन्होंने खांसी और सर्दी के उपचार में फोल्कोडाइन युक्त दवा ली थी.
डीसीजीआई राजीव सिंह रघुवंशी के हस्ताक्षर वाले एक एडवाइजरी में कहा गया है, “इसके अलावा, कई नियामक अधिकारियों ने खांसी और सर्दी के इलाज वाले फोल्कोडाइन की समीक्षा की है और उसे वापस ले लिया है/प्रतिबंधित कर दिया है.”
दिप्रिंट के पास एडवाइजरी की एक प्रति है.
एडवाइजरी में कहा गया है, “कुछ नियामक एजेंसियों ने स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और उपभोक्ताओं को चेतावनी जारी की है. यह ध्यान में रखते हुए कि मामला जून में एक बैठक में विषय विशेषज्ञ समिति (रोगाणुरोधी और एंटीवायरल) को भेजा गया था, ताकि खांसी और सर्दी के उपचार में फोल्कोडाइन के पूर्व उपयोग पर WHO द्वारा प्रकाशित सुरक्षा चेतावनी पर विशेषज्ञ की राय ली जा सके.”
एडवाइजरी के मुताबिक, समिति ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद डॉक्टरों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और उपभोक्ताओं को सलाह जारी करने की सिफारिश की.
दवा नियामक ने सुझाव दिया है कि डॉक्टर मरीजों को खांसी और सर्दी के इलाज के लिए फोल्कोडाइन युक्त दवा लेना बंद करने की सलाह दें और उनके लक्षणों के इलाज के लिए कोई विकल्प सुझाएं.
उन्हें यह सत्यापित करने की भी सलाह दी गई थी कि क्या न्यूरोमस्कुलर ब्लॉकिंग एजेंट (एनएमबीएएस) युक्त एनेस्थेटिक्स लेने वाले सामान्य मरीज ने पिछले 12 महीनों में फोल्कोडाइन युक्त खांसी और सर्दी की दवाएं ली हैं और ऐसे रोगियों में एनाफिलेक्टिक प्रतिक्रियाओं के बारे में भी जागरूक रहें.
नियामक ने मरीजों से खांसी और सर्दी के इलाज के लिए फोल्कोडाइन युक्त दवा लेने में सावधानी बरतने और वैकल्पिक उपचार सुझाने के लिए डॉक्टरों या फार्मासिस्टों से परामर्श करने को भी कहा.
ऐसे रोगियों के मामले में जो सामान्य एनेस्थेटिक्स लेने जा रहे हैं और पिछले 12 महीनों में खांसी और सर्दी के इलाज के लिए फोल्कोडाइन युक्त दवा ली है, उन्हें प्रक्रिया से पहले डॉक्टरों को सूचित किया जाना चाहिए.
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फोल्कोडाइन और सुरक्षा संबंधी चिंताएं
फोल्कोडाइन एक ओपिओइड आधारित कफ सप्रेसेंट है जिसका उपयोग सूखी खांसी को कम करने के लिए किया जाता है. इसका काम मस्तिष्क में कफ को दबाना है. परिणामस्वरूप, फोल्कोडाइन विभिन्न कफ सिरप में एक आम घटक है.
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि फ़ोलकोडीन को विपरीत स्थिति में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए – एक दवा या उपचार जिसका उपयोग किसी विशेष स्थिति में नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इसके हानिकारक प्रभाव पड़ने की संभावना है.
गुरुग्राम के सीके बिड़ला अस्पताल में नियोनेटोलॉजी और बाल रोग सलाहकार डॉ. श्रेया दुबे ने बताया कि फोल्कोडाइन के कुछ सामान्य दुष्प्रभावों में चक्कर आना, मतली, उल्टी और कब्ज शामिल हैं.
उन्होंने आगे कहा, “फोल्कोडाइन का उपयोग कभी-कभी कष्ट या पीड़ा को कम करने के रूप में भी किया जाता है, लेकिन इसके उपयोग की सलाह नहीं दी जाती है.”
उन्होंने यह भी कहा कि मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाओं, विशेष रूप से एनेस्थीसिया और सर्जरी के दौरान उपयोग किए जाने वाले न्यूरोमस्कुलर ब्लॉकिंग एजेंटों के साथ कोडीन की परस्पर क्रिया के कारण गंभीर एलर्जी या एनाफिलेक्टिक प्रतिक्रियाओं की रिपोर्ट दर्ज की गई है.
उन्होंने कहा, “फोल्कोडाइन से एक अलग तरह के एंटीबॉडी का उत्पादन होता है, जिससे एनेस्थीसिया के दौरान गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाओं या एनाफिलेक्सिस का खतरा 300 गुना बढ़ जाता है. इन एंटीबॉडीज़ को शरीर से साफ़ होने में कई साल लग सकते हैं.”
(संपादन: ऋषभ राज)
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