नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 के 80 प्रतिशत नए मामले 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 90 जिलों से आए हैं, जो इन इलाकों में ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता की ओर इशारा कर रहे हैं. देश में कोरोनावायरस के 53% मामले दो राज्यों महाराष्ट्र और केरल में आ रहे हैं. शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यह जानकारी दी.
A video is doing rounds on social media where hundreds of tourists thronged the Kempty Falls in Mussoorie.
Are we doing the right things? Is it not an open invitation for #COVID19 virus to infect us?
– @MoHFW_INDIA #IndiaFightsCorona #Unite2FightCorona pic.twitter.com/Wn08l7QOdB
— PIB India (@PIB_India) July 9, 2021
स्वास्थ्य मंंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 66 जिलों में कोविड-19 संक्रमण दर 8 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में 10 प्रतिशत से अधिक रही.
मंत्रालय ने बताया कि देश में कोविड के हर दिन के मामलों में कमी आई है. पिछले सप्ताह रोजाना मामलों में 8 फीसदी की गिरावट है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी देते हुए कहा कि हमें लगातार सीर सावधानियां बरतने की जरूरत है. यूके, रूस और बांग्लादेश में कोविड के मामलों में दोबारा इजाफा देखा गया है.
लव अग्रवाल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में कोविड-19 होने से समय पूर्व प्रसव जैसे कुछ खतरे बढ़ सकते हैं, उनके लिए टीका लगवाना महत्वपूर्ण है.
संयुक्त सचिव ने बताया कि भारत में कोविड-19 के ‘लैम्बडा’ स्वरूप का कोई मामला नहीं आया है.
मंत्रालय ने कहा कि पर्यटक स्थलों पर लोगों के कोविड प्रोटोकॉल का पालन किए बिना एक-दूसरे के साथ घुलने-मिलने के वीडियो चिंता का सबब हैं.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें मसूरी के केम्प्टी फॉल में सैंकड़ों सैलानी उमड़ पड़े. क्या हम सही काम कर रहे हैं? क्या यह हम खुद को संक्रमित करने के लिए कोविड-19 वायरस को खुला आमंत्रण नहीं दे रहे है?
बांग्लादेश में तीसरी लहर में दूसरी लहर की तुलना में ज्यादा मामले देखने को मिले हैं. वहां की सरकार ने देश में लॉकडाउन लगाया है.
यूके में यूरो फुटबॉल मैचों के बाद मामलों में वृद्धि देखी गई इसलिए कोविड के मामलों में दोबारा से उभार को लेकर कोविड के अनुरूप व्यवहार को अपनाने की जरूरत है.
लव अग्रवाल ने बताया कि 87.5 फीसदी स्वास्थ्यकर्मियों पहली डोज दी गई, 45 साल से ऊपर वाले 90.9 फीसदी फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहली डोज दी गई है. 46.5 फीसदी 18-44 उम्र वालों को दी गई है. दूसरी डोज 62.9 फीसदी स्वास्थ्यकर्मियों को, फ्रंटलाइन वर्कर्स को 52.4 फीसदी और 45 साल से ऊपर के उम्र वालों को 14 फीसदी लोगों को.