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Friday, 22 November, 2024
होमहेल्थबिहार के DMCH में 4 बच्चों की मौत, 1 को था कोरोना, पप्पू यादव की नीतीश से गुहार- 'बच्चों को बचा लीजिए'

बिहार के DMCH में 4 बच्चों की मौत, 1 को था कोरोना, पप्पू यादव की नीतीश से गुहार- ‘बच्चों को बचा लीजिए’

कोरोनावायरस की तीसरी लहर और इससे बड़े पैमाने पर बच्चों के प्रभावित होने की आशंका के बीच बिहार के दरभंगा मेडिकल कॉलेज में चार बच्चों की मौत हो गई है. उनमें एक बच्चा कोरोना संक्रमित था .

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नई दिल्ली: कोरोनावायरस की तीसरी लहर और इससे बड़े पैमाने पर बच्चों के प्रभावित होने की आशंका के बीच बिहार के दरभंगा मेडिकल कॉलेज में चार बच्चों की मौत हो गई है. खबर ये भी है कि उनमें एक बच्चा कोरोना संक्रमित पाया गया था जबकि तीन बच्चों की रिपोर्ट निगेटिव थी.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक तीनों बच्चों में निमोनिया के साथ सांस लेने में तकलीफ थी.

दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रिंसिपल ने बताया, ‘बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, उनमें एक बच्चा कोरोना पॉजिटिव था, बाकी तीन बच्चों की रिपोर्ट निगेटिव थी.’

प्रिंसिपल ने बातचीत में ये भी बताया कि तीन बच्चों में ‘निमोनिया जैसे लक्षण’ भी थे. उनकी हालत काफी गंभीर थी.

डीएमसीएच के सुपरीटेंडेंट डॉ. मणि भूषण शर्मा ने कहा, ‘उनमें से एक बहुत ज्यादा गंभीर था. लेकिन इस मौत को सीधे कोविड से जोड़ कर नहीं देखा जा सकता है. दो बच्चों की मौत जहां 24 घंटे की भीतर हुई वहीं दूसरे दो बच्चों की मौत अगले दिन हुई.’

डॉक्टर मणिभूषण ने यह भी बताया कि जिन चार बच्चों की मौत हुई है वे मधुबनी जिला के रहने वाले थे और उनमें से तीन एक ही फैमिली से थे. ‘बच्चों के 28 मई को भर्ती कराया गया था. तीनों में खून की भारी कमी थी और वे निमोनिया से ग्रसित थे साथ ही उन्हें बुखार भी था.’

उन्होंने आगे कहा, ‘जबकि चौथा बच्चा मैनेनजाइटिस का मरीज था और गंभीर रूप से बीमार था. इस बच्चे को 30 मई की सुबह अस्पताल लाया गया था और उसी दिन शाम में उसकी मौत हो गई थी.’


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‘बिहार के बच्चों को बचा लीजिए’

इस बीच डीएमसीएच में ही पिछले एक हफ्ते से अधिक समय से इलाज करा रहे पूर्व सांसद पप्पू यादव बच्चों की मौत पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री से गुजारिश की है कि हाथजोड़ कर निवेदन है कि बिहार के बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से बचा लीजिए.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘CM साहब करबद्ध निवेदन है बिहार के बच्चों को कोरोना के तीसरे लहर के कहर से बचा लीजिए. ये नौनिहाल आपके खस्ताहाल अस्पतालों को झेल नहीं पाएंगे.

अविलंब हस्तक्षेप कीजिए. अन्यथा,मां-बाप के आंखों के तारे टूटेंगे, मां की गोद सूनी होगी तो मर्माहत ममता के क्रोध से सारे तख्त-ओ-ताज बिखर जाएंगे. ‘

हालांकि इससे पहले भी दरभंगा अस्पताल में बच्चों की मौत पर जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था, ‘DMCH दरभंगा में चार बच्चों की मौत कोरोना से हुई. यह पहली बार है इतनी संख्या में बच्चे कोरोना के शिकार हुए हैं.

साफ संकेत है तीसरा लहर का कहर शुरू हो गया है. सरकारें अपनी पीठ थपथपाने में मस्त है. निर्दयी PM मन की बात करने में, तो स्वास्थ्य मंत्री दोषारोपण की राजनीति में व्यस्त हैं.


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8 जून तक बिहार में बढ़ा लॉकडाउन

बता दें कि बिहार में लॉकडाउन 8 जून तक बढ़ा दिया गया है. लॉकडाउन बढ़ाने की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन को एक सप्ताह अर्थात 8 जून, 2021 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. परन्तु व्यापार के लिए अतिरिक्त छूट दी जा रही है. सभी लोग मास्क पहनें और सामाजिक दूरी बनाए रखें.

अस्पतालों की बदहाली और बदइंतजामी के लिए लगातार मीडिया में छाए रहे बिहार में कोरोना से हालात धीरे-धीरे सुधरने लगे हैं. पिछले 24 घंटे में जहां डेढ़ हजार से कम केस दर्ज किए गए वहीं अब राज्य में 19 हजार से कम एक्टिव केस बचे हैं. बिहार में अब तक कोरोना के कारण  5 हजार से अधिक मौतें दर्ज की गई हैं.

हालांकि दूसरी लहर देश में अब शांत होनी शुरू हो गई है. संक्रमितों के आंकड़ों में तेजी से कमी आई है जिसके बाद कई राज्य सरकारों ने अपने अपने राज्य में अनलॉक की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.

लेकिन तीसरी लहर की बात को विशेषज्ञों द्वारा बार बार दोहराए जाने के बाद कुछ सरकारें इसपर तेजी से काम कर रही हैं. आंध्र प्रदेश सरकार ने इससे निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं.

इस दिशा में सभी तकनीकी और चिकित्सा मुद्दों पर सरकार को सलाह देने और विभिन्न प्रोटोकॉल तैयार करने तथा चिकित्सा, नर्सिंग और पैरामेडिकल कर्मियों के लिए व्यापक प्रशिक्षण आयोजित करने के वास्ते विशेषज्ञों की एपी बाल चिकित्सा कोविड-19 कार्य बल (टास्क फोर्स) का गठन किया गया है. यह कार्यबल अस्पतालों में सुविधाएं, बच्चों के लिए ऑक्सीजन मास्क, दवाओं और अन्य मुद्दों को देखेगा और आवश्यक सिफारिशें करेगा.

प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अनिल कुमार सिंघल ने कहा, ‘टास्क फोर्स को एक सप्ताह में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट देनी होगी.’


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