नई दिल्ली: पाकिस्तान में चल रहा राजनीतिक संकट वीडियो-मीम के लिए एक अच्छा समय हो सकता है? क्यों नहीं!बशर्ते यह लोगों को बखूबी हंसाए. जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ‘कालीन भैया’ की आवाज में बोलते हों और पीएम इमरान खान ‘मुन्ना’ के अंदाज में बातें कर रहे हों, तो अमेज़ॉन प्राइम वीडियो के हिट क्राइम ड्रामा ‘मिर्जापुर’ के इन दो प्रमुख पात्रों की आवाज के साथ डब किए गए मीम से आपकी पेशानियों में गुदगुदी होनी तय है.
मुर्शिद न्यूज़ द्वारा तैयार की गई और पाकिस्तान के वकास अब्बासी द्वारा एडिट एक छोटी सी क्लिप में मिर्जापुर के दूसरे सीज़न के ट्रेलर में इन पात्रों के संवादों को बरकरार रखते हुए इन्हें पाकिस्तान के सैन्य और राजनीतिक वर्ग के सबसे खास शख्सों के साथ बदल दिया है और यह पाकिस्तान के वर्तमान राजनीतिक हालात को दर्शाने में एकदम सटीक साबित हुआ है.
Gaddi pe chahe hum rahein ya Muna, niyam same hoga. Mirzapur season 3. pic.twitter.com/k78is25rW7
— Naila Inayat (@nailainayat) March 30, 2022
इसके संदर्भ को जानें और आप खुद समझ जाएंगे कि वायरल हो चुका यह मीम पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक हालात पर कितना सटीक बैठता है.
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान खान सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की राह में मोड़ और घुमाव आने अभी जारी हैं और इमरान की सरकार की दो सहयोगी पार्टियों, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी), ने बुधवार को उनकी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया.
जैसे ही इन पार्टियों ने विपक्षी खेमे के प्रति अपनी वफ़ादारी का वादा किया, इस तरह की खबरें सामने आईं कि इमरान खान एक रैली करेंगे. ख़बरों में यह भी दावा किया गया था कि पाकिस्तानी पीएम इस रैली के दौरान अपनी लाज बचाने के लिहाज से इस्तीफा दे देंगे. हालांकि, जनरल बाजवा के साथ इमरान की बैठक के बाद रैली रद्द कर दी गई.
इस राजनीतिक कहानी और इस्लामाबाद और रावलपिंडी दोनों में खेले जा रहे खेलों को समेटते हुए, यह ‘मिर्जापुर’ वाला मीम पाकिस्तान में चल रहे ड्रामा को सटीक तरीके से बयां करता है.
सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएं
इन ट्रेंडिंग वीडियो पर कई लोगों ने ट्विटर के जरिए प्रतिक्रियाएं दी हैं.
‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के विदेशी मामलों के संपादक रेजाउल हसन लस्कर, जिन्होंने अतीत में पाकिस्तान से भी रिपोर्ट किया है, ने इस वीडियो को साझा करते हुए पूछा, ‘इसे बनाया किसने’. उन्होंने पाकिस्तान के ‘नया दौर मीडिया‘ के कार्यकारी संपादक मुर्तजा सोलंगी और टीवी चैनल ‘एक्सप्रेस न्यूज पाकिस्तान‘ के पत्रकार कामरान यूसुफ को इस ट्वीट में टैग किया.
Who made this? #Pakistan #voteofnoconfidence
cc @murtazasolangi @Kamran_Yousaf @umashankarsinghpic.twitter.com/jBgVUw4ToO— Rezaul Hasan Laskar (@Rezhasan) March 30, 2022
इसके बाद लस्कर के ट्वीट का जवाब देते हुए इस मीम को बनाने वालों ने इस वीडियो का श्रेय लेते हुए इसे शेयर कर उन्हें शुक्रिया कहा.
एक अन्य ट्विटर यूजर ने इस वीडियो के संपादकों को ‘जीनियस’ कहा.
To the video editer. ? ? pic.twitter.com/9wXwoyhidT
— Papa Ka Ladla ?? (@MaaKaLadla13) March 30, 2022
एक अन्य यूजर ने इमरान खान और नवजोत सिंह सिद्धू, जो हाल ही में पंजाब विधानसभा चुनाव में अपनी सीट हार गए थे, के बीच समानता दिखाई और उन्होंने कहा कि वे दोनों अब ‘आईपीएल में कमेंट्री’ कर सकते हैं. हालांकि, अभी यह दूर की कौड़ी लग सकती है.
— मुन्ना सिंह (@munna_sinngh) March 30, 2022
मिर्जापुर की जगह ‘पाकिस्तान‘
वर्तमान अविश्वास प्रस्ताव वाली कहानी के सभी महत्वपूर्ण भागीदारों – इमरान खान, कमर जावेद बाजवा, नवाज शरीफ, मरियम नवाज, बिलावल भुट्टो – को अन्य लोगों के साथ इस वीडियो में दिखाया गया है.
‘मुर्शिद न्यूज’ द्वारा संपादित यह वीडियो ‘मिर्जापुर’ के एक वॉयस-ओवर (पीछे से आने वाली आवाज) से शुरू होता है, जहां इस शो में एक स्थानीय बाहुबली बने कालीन भैया कहते हैं, ‘जो आया है वो जाएगा भी. बस मर्जी हमारी है’.
हालांकि इस शो से ली गई कालीन भैया की आवाज इस वीडियों में बनी हुई है, पर इसमें सेना प्रमुख बाजवा इमरान खान से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं. शायद, यह पाकिस्तान में सत्ता पर सेना के नियंत्रण की ओर बखूबी इशारा करता है.
एक अन्य बदले हुई दृश्य में, बाजवा को इमरान खान से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह उन्हें सभी जरूरी वोटों के जुटाने का आश्वासन देते हैं. शो में इस सीन में कालीन भैया मुख्यमंत्री को अपने समर्थन के बारे में जानकारी देते हैं. अविश्वास मत के बड़े संदर्भ को देखते हुए, पात्रों को एकदम सही रूप से बदल दिया गया है.
नवाज शरीफ ‘मिर्जापुर’ वाले शो के ‘गुड्डू पंडित’ की भूमिका में हैं. गुड्डू की कालीन भैया के साथ अदावत है और वह उससे बदला लेने के लिए दूसरे सीज़न में वापस आता है. इसकी समानता इस अविश्वास प्रस्ताव को शरीफ की वापसी के मौके के रूप में देखते हुए की जा सकती है.
(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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