scorecardresearch
Sunday, 3 November, 2024
होमचुनावराहुल ने तेलंगाना में उठाया रोजगार का मुद्दा, कहा- राज्य सरकार के पास युवाओं की बात सुनने का समय नहीं

राहुल ने तेलंगाना में उठाया रोजगार का मुद्दा, कहा- राज्य सरकार के पास युवाओं की बात सुनने का समय नहीं

राहुल गांधी ने तेलंगाना के संगारेड्डी में एक जनसभा में कहा, "मैं कल शाम बेरोजगार युवाओं से मिला. उन्होंने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं में अपना पूरा प्रयास और पैसा लगाने के बाद भी पेपर लीक के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिली."

Text Size:

संगारेड्डी (तेलंगाना) : आगामी तेलंगाना विधानसभा चुनावों से पहले, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रविवार को तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसके पास राज्य के युवाओं की बात सुनने का समय नहीं है.

राहुल गांधी ने तेलंगाना के संगारेड्डी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैं कल शाम बेरोजगार युवाओं से मिला. उन्होंने मुझे बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं में अपना पूरा प्रयास और पैसा लगाने के बाद भी पेपर लीक के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिली.”

उन्होंने कहा, “यहां की सरकार के पास उनकी समस्याएं सुनने का समय नहीं है. वे तेलंगाना का भविष्य हैं और इस सरकार ने उनकी उपेक्षा की है.”

कांग्रेस सरकारों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, ‘जहां-जहां कांग्रेस की सरकार है, मैं मुख्यमंत्री से कहता हूं कि वह गरीबों, किसानों और मजदूरों का सारा पैसा लौटा दें, जो कि विपक्षी दलों ने उनसे छीन रखा है.’

इससे पहले शनिवार को राहुल गांधी ने तेलंगाना के हैदराबाद के अशोक नगर में युवाओं से बातचीत की.

गांधी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “आज अशोकनगर, हैदराबाद में, मैं उन युवाओं से मिला जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. मैं इस बात से प्रभावित हुआ कि उन्हें उम्मीद थी कि तेलंगाना बनने पर उन्हें कामयाबी मिलेगी, लेकिन राज्य के गठन के 10 वर्षों बाद भी उनकी आकांक्षाएं पूरी नहीं हुई हैं.”

कांग्रेस सांसद ने कहा, “केसीआर के 10 साल के शासन के दौरान तेलंगाना के युवाओं को न्याय नहीं मिला. नोटिफिकेशन की कमी, अदालती मामलों और पेपर लीक के कारण, 30 लाख बेरोजगार युवाओं को बुरी तरह से नुकसान हुआ है. जिस तेलंगाना के लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी, वहां वे अथाह दुर्दशा में हैं.”

राज्य में बीआरएस सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, “तेलंगाना के युवा पिछले 10 सालों में सरकार के कुशासन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. लेकिन वे क्षमता से भरे हुए हैं, जैसा कि आज हैदराबाद के अशोक नगर में उनके साथ मेरी बातचीत से साफ था.” उनके सपनों को हकीकत में बदलना हमारा फर्ज है, यही कारण है कि हमने तेलंगाना में अपनी सरकार के पहले वर्ष के भीतर 2 लाख सरकारी नौकरियों को भरने के लिए एक नौकरी कैलेंडर जारी किया है. यह सिर्फ एक नौकरी नहीं है वादा; यह कांग्रेस की गारंटी है!”

इससे पहले इस साल सितंबर में, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने छात्रों द्वारा दायर कई याचिकाओं के बाद, राज्य सरकार में समूह -1 सेवाओं के लिए भर्ती के लिए 11 जून को तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीएसपीएससी) द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षाओं को रद्द करने का आदेश दिया था, जिन्होंने आरोप लगाया था परीक्षा के संचालन में दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया है.

यह दूसरी बार था जब वही परीक्षा रद्द की गई थी. इससे पहले मार्च में, टीएसपीएससी ने कथित पेपर लीक घोटाले के बाद परीक्षा रद्द कर दी थी, जो पिछले साल अक्टूबर में आयोजित की गई थी.

इस बीच, टीएसपीएससी परीक्षा अधिसूचना के “स्थगित” होने के कारण, अशोक नगर क्षेत्र में, जिसे छात्रों का हब माना जाता है, जहां, तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीएसपीएससी) की परीक्षा रद्द करने पर एक युवा अभ्यर्थी ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी, जिससे राज्य में सनसनी पैदा हो गई. इसको लेकर विपक्षी नेता सत्तारूढ़ केसीआर सरकार पर निशाना साध रहे हैं.

मृतक महिला की पहचान प्रवाल्लिका के रूप में हुई और जिसकी उम्र लगभग 25 वर्ष है, उसने अशोक नगर के एक छात्रावास में अपने कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या की.

कांग्रेस के राज्य प्रमुख रेवंत रेड्डी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “अशोक नगर में आत्महत्या करने वाली लड़की प्रवल्लिका के लिए हजारों आवाजें न्याय की मांग कर रही हैं, लेकिन केसीआर सुन नहीं रहे हैं. इस सज्जन के शासन में मानव जीवन का कोई मूल्य नहीं है. इस राक्षसी शासन में हत्या, आत्महत्या और बलात्कार के अलावा युवाओं की किस्मत में कुछ नहीं है. प्रवल्लिका का सुसाइड नोट यह दिखाता है. सरकार को छात्र की आत्महत्या पर जवाब देना चाहिए.”

इस मौत पर बीजेपी सांसद के लक्ष्मण ने दुख जाहिर किया, उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “एक मेहनती छात्र प्रवल्लिका की आत्महत्या एक दर्दनाक खबर है. वह कई महीनों से लगन के साथ परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी. लेकिन बीआरएस सरकार द्वारा बार-बार परीक्षा रद्द करने और स्थगित करने के कारण उसने इतना बड़ा कदम उठाया है.”

इस बीच, राज्य में 30 नवंबर को मतदान होना है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.

तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है.


यह भी पढ़ें : ‘लुटेरे पूंजीपतियों के लोन माफ किए, हमारे नहीं’, MSP और कर्जमाफी के लिए किसान फिर सड़क पर उतरे


 

share & View comments