नई दिल्ली: मध्य प्रदेश चुनाव प्रचार का आखिरी दिन मित्र से प्रतिद्वंद्वी बने प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जुबानी जंग के साथ समाप्त हुआ.
सिंधिया पर अपने अब तक के सबसे तीखे हमले में, प्रियंका ने बुधवार को भाजपा नेता को “विश्वासघाती” और “पीठ में छुरा घोंपने वाला” कहा और कहा कि वह केवल “पारिवारिक परंपरा” का पालन कर रहे हैं.
ऐसा प्रतीत होता है कि यह संदेश अप्रत्यक्ष रूप से इस बात का संदर्भ था कि किस तरह से ज्योतिरादित्य की दादी विजयाराजे सिंधिया ने 1967 में कांग्रेस में दल बदल कराकर मध्य प्रदेश में डी.पी. मिश्रा के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार को गिराया था. ठीक वैसा ही सिंधिया ने 2020 में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने में किया है.
सिंधिया ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पलटवार करते हुए प्रियंका को “पार्ट टाइम लीडर” कहा, उन्होंने कहा कि उन्हें आईना देखने की जरूरत है. सिंधिया ने लिखा, क़ाबिलियत को क़द से तोलने वाले अहंकार का पाठ पढ़ाने से पहले, कृपया स्वयं आईने में झांक लें.
उन्होंने जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा और राहुल गांधी तक पूरे गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए लिखा, “किसने चीन से भारत की रक्षा करना तो दूर, उन्हें भारतीय ज़मीन भी उपहार में दे दी? किस परिवार की दूसरी पीढ़ी ने सत्ता के लालच में आपातकाल लगाया था? और आज भी किस परिवार की वर्तमान पीढ़ी विदेशी मंचों पर जाकर देश को बदनाम कर रही है? काबिलियत को कद से तौलने वाले अहंकार का पाठ पढ़ाने से पहले, कृपया खुद को आईने में देख लें,”
2020 में सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद से यह जुबानी जंग दोनों के बीच सबसे नई है. हालांकि जब तक सिंधिया कांग्रेस में थे तब तक, उन्हें कांग्रेस में गांधी परिवार के बाद वस्तुतः नंबर 2 के रूप में देखा जाता था. पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव के रूप में प्रियंका और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी के रूप में सिंधिया ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अक्सर एक साथ प्रचार किया था.
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के गढ़ दतिया में प्रियंका ने कहा कि सिंधिया का कद भले ही छोटा है लेकिन उनका अहंकार ‘वाह भाई वाह’ है. यूपी में लोग किसी को महाराज कहकर संबोधित करने के आदी नहीं थे. पार्टी कार्यकर्ताओं ने शिकायत की कि उनका काम नहीं हुआ क्योंकि वे सिंधिया को महाराज नहीं बुला सके, प्रियंका ने कहा, उन्होंने लोगों की चुनी हुई सरकार को गिराकर उनकी पीठ में छुरा घोंपा है.
सिंधिया ने एक्स पर जवाब दिया, “कोई सबक सिखाने से पहले.. जो क्षमता को लंबाई से तौलता है, कृपया खुद को आईने में देख लें. सिंधिया परिवार ने बार-बार भ्रष्ट लोगों और वादा तोड़ने वालों के शासन को बदला है, और एक बार फिर मध्य प्रदेश के लोग आपको यहां से मिटा देंगे. ”
भाजपा नेता ने कहा कि “उन्हें एक पार्ट टाइम लीडर के रूप में उनसे यह उम्मीद नहीं थी कि वह ‘इन दोनों परंपराओं के बीच अंतर को समझने की क्षमता रखेंगी- किस परिवार के बेटों ने अफगानों से लेकर, मुगलों और अंग्रेजो तक से भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दी थी.’ और किसने चीन से भारत की रक्षा तो दूर उन्हें भारतीय जमीन ही भेंट के रूप में दे दी थी.”
2018 में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और कमल नाथ को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था. सिंधिया, जो शीर्ष पद के आकांक्षी भी थे, दो साल बाद 20 विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में कांग्रेस सरकार गिर गई. फिर बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई.
2020 में सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के साथ, कई लोग कहते हैं कि वह मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं. हालांकि राज्यसभा सांसद दावा करते रहे हैं कि वह ऐसी कोई आकांक्षा नहीं रखते हैं और सिर्फ मध्य प्रदेश के लोगों के लिए काम करना चाहते हैं.
अब तक राहुल और प्रियंका सिंधिया पर सीधे तौर पर टिप्पणी करने से बचते रहे थे. केंद्रीय मंत्री ने भी परोक्ष हमले किए लेकिन कभी गांधी परिवार का नाम नहीं लिया.
मध्य प्रदेश चुनाव प्रचार में एक बदलाव आया है, जिसमें सिंधिया गांधी परिवार की नीतियों पर आक्रामक रूप से निशाना साध रहे हैं. एक वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारी ने कहा, “वह (सिंधिया) पिछले कुछ समय से गांधी परिवार पर निशाना साध रहे हैं. हर चीज की हमेशा एक सीमा होती है और आखिरकार प्रियंका ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने मध्य प्रदेश के लोगों को धोखा दिया और उन्होंने केवल तथ्य बताए हैं.”
सितंबर में राहुल का नाम लिए बिना, सिंधिया ने कांग्रेस नेता पर वादा करने के बावजूद किसानों का कर्ज माफ करने का पार्टी का चुनावी वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया था. एक महीने पहले संसद सत्र के दौरान, सिंधिया ने राहुल की उस टिप्पणी के लिए उन पर निशाना साधा था जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मणिपुर को भारत का हिस्सा नहीं मानते हैं. उन्होंने राहुल का नाम लिए बिना कहा, ”भारत (क्षेत्रों) को अलग-अलग हिस्सों के रूप में देखना आपकी विचार प्रक्रिया है, हमारी नहीं.”
नवंबर के पहले हफ्ते में सिंधिया ने अपने गढ़ गुना में एक चुनावी रैली में राहुल पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘मोहब्बत की दुकान’ नफरत से भरी है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह (कांग्रेस) झूठ और लूट की सरकार है. वह (राहुल गांधी) कहते हैं कि उनके पास ‘मोहब्बत की दुकान’ है, लेकिन उस ‘मोहब्बत की दुकान’ में केवल नफरत की बातें हैं. एक तरफ बीजेपी की डबल इंजन सरकार है और दूसरी तरफ बिना इंजन वाली सरकार है.”
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