बेंगलुरु (कर्नाटक) : कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह कानून के मुताबिक बजरंग दल, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और बाकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के लेकर ‘निर्णायक कदम’ उठाएगी.
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा जारी कांग्रेस के घोषणापत्र में ये कहा गया है कि इस तरह के संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून के मुताबिक ‘निर्णायक कदम’ उठाए जाएंगे.
घोषणापत्र के मुताबिक, ‘कांग्रेस पार्टी जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले शख्स और संगठनों के खिलाफ ठोस व निर्णायक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है.’
इसमें कहा गया है, ‘हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र हैं, इसका कोई भी व्यक्ति, बजरंग दल, पीएफआई या अन्य जैसे संगठन बहुसंख्यकों या अल्पसंख्यकों के बीच शत्रुता, नफरत फैलाने के लिए उल्लंघन नहीं कर सकते.
कांग्रेस का यह घोषणापत्र कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, केपीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार और कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा की मौजूदगी में जारी किया गया.
इससे पहले अप्रैल में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी को प्रत्येक वोट प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से राज्य को बचाएगा.
शिराहट्टी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा था कि, ‘प्रत्येक वोट मायने रखता है, इसलिए सुनिश्चित करें कि यह सही नेतृत्व के पास जाए. कर्नाटक के लोग जब ‘कमल’ का चुनाव चिन्ह दबाएं तो समझें आप केवल मंत्री या विधायक या मुख्यमंत्री नहीं चुनते हैं, आपका वोट ‘महान कर्नाटक’ के निर्माण के लिए पीएम मोदी के हाथों को मजबूत करेगा. आपका वोट पीएफआई से कर्नाटक को बचाएगा.’
गौरतलब है कि पीएफआई और कई संगठन ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किए गए हैं. गृहमंत्रालय ने पिछले साल सितंबर में कई राज्यों की पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसियों की पड़ताल के बाद इनके हिंसात्मक गतिविधियों में शामिल होने के बाद यह कदम उठाया था.
कर्नाटक में 10 मई को मतदान होगा और वोटों की गिनती 13 मई को होगी.
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