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Tuesday, 21 January, 2025
होमएजुकेशनकौन हैं IIT मद्रास के ‘वैज्ञानिक सोच वाले व्यक्ति’ वी. कामकोटि जिनके गौमूत्र वाले दावे की हो रही है आलोचना

कौन हैं IIT मद्रास के ‘वैज्ञानिक सोच वाले व्यक्ति’ वी. कामकोटि जिनके गौमूत्र वाले दावे की हो रही है आलोचना

कामकोटि ने पिछले हफ्ते गौमूत्र के औषधीय लाभों को फायदेमंद बताया और बाद में दावा किया कि इसके ‘वैज्ञानिक प्रमाण’ हैं. आईआईटी मद्रास के लोगों का कहना है कि उनके यकीन ने कभी भी शिक्षाविदों को परेशान नहीं किया.

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चेन्नई/नई दिल्ली: गौमूत्र के औषधीय लाभों के बारे में बोलने और विपक्ष के नेताओं द्वारा उन पर “छद्म विज्ञान” को बढ़ावा देने का आरोप लगाए जाने और माफी मांगने के बाद आलोचनाओं का सामना कर रहे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के निदेशक वी. कामकोटि ने सोमवार को अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि इसके समर्थन में “वैज्ञानिक सबूत” मौजूद हैं.

मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कामकोटि ने दोहराया कि इस बात के “वैज्ञानिक सबूत” हैं कि गोमूत्र में एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं और उन्होंने इस दावे का समर्थन करते हुए पांच शोध पत्र साझा किए.

उन्होंने कहा, “गोमूत्र के एंटीफंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों को वैज्ञानिक रूप से प्रदर्शित किया गया है…संयुक्त राज्य अमेरिका की टॉप मैगज़ीन ने वैज्ञानिक सबूत छापे हैं. यह ध्यान रखना भी ज़रूरी है कि मेरी टिप्पणियां ऑर्गेनिक फार्मिंग और देशी मवेशियों की नस्लों के संरक्षण की वकालत के संदर्भ में की गई थीं, जो कृषि और समग्र अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.”

यह पूछे जाने पर कि क्या वह पंचगव्य खाते हैं — गाय के दूध, गौमूत्र, गोबर, घी और दही सहित गाय के पांच उत्पादों का मिश्रण — उन्होंने कहा, “हमारे त्यौहारों के दौरान, हम पंचगव्य खाते हैं. यह हमारे रीति-रिवाजों में है. मैं पंचगव्य खाता हूं.”

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो क्लिप में कामकोटि 15 जनवरी को चेन्नई के वेस्ट माम्बलम में एक गौशाला में मट्टू पोंगल समारोह में गायों, गौशालाओं और गायों को संरक्षित करने के लिए केंद्र सरकार की पहल के लाभों के बारे में बोलते हुए दिखाई दे रहे हैं.

तमिल में बोलते हुए कामकोटि ने एक संन्यासी की कहानी साझा की और बताया कि कैसे गोमूत्र पीने से उसका बुखार ठीक हो गया. कामकोटि को वीडियो में कहते हुए सुना जा सकता है, “एक प्रमुख संन्यासी आए और उन्हें बुखार हो गया. लोगों ने डॉक्टर को बुलाने का सुझाव दिया, लेकिन, उन्होंने तुरंत कहा — गौमूत्र टिपानी (वे गौमूत्र पीएंगे). लोग गौशाला गए और उनके लिए गौमूत्र लाए. उन्होंने इसे पीया और 15 मिनट में बुखार गायब हो गया.”

“गौमूत्र एंटी-बैक्टीरियल, एंटीफंगल है और पाचन संबंधी समस्याओं, चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम और ऐसी कई समस्याओं का इलाज है. यह एक बहुत बड़ी दवा है.”

इस बयान ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है और कई विपक्षी दलों के नेताओं ने कामकोटि की टिप्पणी की निंदा की है.

हालांकि, आईआईटी मद्रास में उनके सहकर्मियों और छात्रों का कहना है कि वह वैज्ञानिक सोच वाले एक “बैलेंस्ड” शिक्षाविद हैं.

कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने संस्थान के निदेशक के बयान की आलोचना की और शनिवार को एक पोस्ट में लिखा, “आईआईटी मद्रास के निदेशक द्वारा छद्म विज्ञान का प्रचार करना @IMAIndiaOrg के लिए सबसे अनुचित है.”

द्रविड़ मुनेत्र कषगम के नेता के. पोनमुडी ने भी टिप्पणी की निंदा की और “अवैज्ञानिक” विवरणों का समर्थन करने के लिए कामकोटि से माफी की मांग की. थानथाई पेरियार द्रविड़ कषगम के नेता के. रामकृष्णन ने मांग की कि कामकोटि या तो अपने दावे का सबूत के साथ समर्थन करें या माफी मांगें, उन्होंने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी.

इस बीच, भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कामकोटि के बयान का “राजनीतिकरण” करने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने चेन्नई में मीडियाकर्मियों से कहा, “आईआईटी-मद्रास के डायरेक्टर क्वांटम फिजिक्स के एक्सपर्ट हैं और शीर्ष सरकारी एजेंसियों के सदस्य भी रहे हैं. वे अपनी धार्मिक मान्यताओं और गायों के प्रति सम्मान में दृढ़ हैं, जो गलत नहीं है. उन्होंने किसी को भी गाय का मूत्र पीने के लिए मजबूर नहीं किया और केवल अपनी मान्यताओं को व्यक्त किया.”

आईआईटी मद्रास के सूत्रों के अनुसार, ऑर्गेनिक किसान होने के नाते कामकोटि चेन्नई और उसके आसपास की कुछ गौशालाओं से जुड़े हुए हैं.

एक सूत्र ने दिप्रिंट से कहा, “यह एक निजी कार्यक्रम था, जिसमें उन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में भाग लिया. इसका आईआईटी मद्रास से कोई लेना-देना नहीं है. मट्टू पोंगल तमिलनाडु में मवेशियों का उत्सव और एक परंपरा है और इसलिए उन्हें इसके लिए आमंत्रित किया गया था. उन्होंने ऑर्गेनिक फार्मिंग के बारे में विस्तार से बात की.”

‘वैज्ञानिक सोच वाले व्यक्ति’

जनवरी 2022 में कामकोटि को आईआईटी मद्रास का निदेशक नियुक्त किया गया था. इससे पहले, वे संस्थान के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर थे. उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की उसके बाद कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग से साइंस में पोस्ट ग्रेजुएचशन (रिसर्च बेस्ड) और पीएचडी की.

वे भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के लिए सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं.

कई फैकल्टी मेंबर्स और छात्रों ने दिप्रिंट को बताया कि जब प्रशासन की बात आती है तो कामकोटि एक “बैलेंस्ड व्यक्ति” हैं और उन्होंने संस्थान के अंदर कभी भी शिक्षाविदों की सीमा को पार नहीं किया है.

एक प्रोफेसर ने कहा, “उनकी अपनी मान्यताएं हैं और इससे शिक्षाविदों को कभी परेशानी नहीं हुई. हालांकि, वे कांची पेरियावा के कट्टर अनुयायी हैं, जिसे वे अपने कार्यालय में प्रदर्शित करने में संकोच नहीं करते हैं.” उन्होंने कहा कि कामकोटि के कमरे में अगरबत्ती की खुशबू के साथ मंदिर जैसी महक आती है.

कामकोटि के एक करीबी सूत्र ने यह भी बताया कि उनके पास पासपोर्ट भी नहीं है. “उन्होंने एक बार हमसे कहा था कि उनके पास पासपोर्ट भी नहीं है और वे किसी भी विदेशी देश की यात्रा नहीं करेंगे, क्योंकि उन्हें कांची पेरियावा के एक कनिष्ठ शिष्य, उनके गुरु ने देश से बाहर न जाने की सलाह दी थी.”

नाम न बताने की शर्त पर बीटेक फाइनल के एक स्टूडेंट ने दिप्रिंट को बताया कि कामकोटि अपनी प्रशासनिक भूमिका में प्रोफेशनल और संतुलित रहे हैं, लेकिन इस घटना ने छात्रों के बीच कुछ चिंताएं पैदा कर दी हैं.

“डायरेक्टर ने जो कहा है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. हालांकि, वे आमतौर पर वैज्ञानिक सोच वाले व्यक्ति हैं.”

छात्र ने कहा, “हालांकि, पहले भी ऐसे कई उदाहरण रहे हैं, जिनसे उनके राजनीतिक झुकाव पर संदेह पैदा हुआ है — जैसे कि हाल ही में भाजपा नेता अन्नामलाई को कैंपस में बोलने के लिए आमंत्रित किया जाना.”

अन्नामलाई पिछले साल मार्च में आईआईटी मद्रास की एक्स्ट्रा म्यूरल लेक्चर सीरीज़ में बतौर वक्ता आए थे और अप्रैल 2023 में संस्थान के साहित्यिक उत्सव में भी शामिल हुए थे. हालांकि, फैकल्टी के एक मेंबर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि इस लेक्चर सीरीज़ के लिए आम आदमी पार्टी की आतिशी सहित अन्य दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था. “यह बिल्कुल भी राजनीतिक नहीं है.”

फाइनल इयर के एक अन्य छात्र ने दिप्रिंट को बताया कि डायरेक्टर ने हमेशा वैज्ञानिक सबूतों को सबसे ऊपर रखा है. छात्र ने कहा, “भले ही उनकी व्यक्तिगत मान्यताएं अलग हों, लेकिन वे कभी भी उनके काम में बाधा नहीं डालतीं. किसकी राजनीतिक या धार्मिक मान्यताएं नहीं होतीं?”

डायरेक्टर कामकोटि

कामकोटि के नेतृत्व में, IIT मद्रास ने 2022 से महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं. 2023 में, यह ज़ांज़ीबार में एक अपतटीय परिसर स्थापित करने वाला पहला IIT बन गया. इसके अलावा, इसने राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिंग में भारत में शीर्ष रैंक वाले शैक्षणिक संस्थान के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी और 2024 में एक बार फिर शीर्ष स्थान हासिल किया है.

कामकोटि ने संस्थान के लिए प्रतिदिन एक पेटेंट दाखिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, एक ऐसा दृष्टिकोण जिसने प्रभावशाली परिणाम दिए हैं. 2023 में, स्वीकृत पेटेंट की संख्या लगभग दोगुनी हो गई, जो 2022 में 156 से बढ़कर 300 हो गई.

पिछले दो साल में कामकोटि ने इनोवेटिव एडमिशन कैटेगरी शुरू की हैं, जिससे IIT मद्रास स्पोर्ट्स और कल्चरल अचीवमेंट्स दोनों के लिए कोटा देने वाला पहला संस्थान बन गया है. नाम न बताने की शर्त पर फैकल्टी के एक सीनियर मेंबर ने कहा, “बतौर डायरेक्टर उनका नज़रिया काफी इनोवेटिव और प्रोफेशनल रहा है, लेकिन यह टिप्पणी करना अत्यधिक गैर-जिम्मेदाराना था. मुझे यकीन नहीं है कि उन्हें ऐसा कहने के लिए क्या प्रेरित किया.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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