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Sunday, 6 October, 2024
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‘हमारे बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि’, NCERT के 7वीं के छात्र पढ़ेंगे जवानों के सर्वोच्च बलिदानों की कहानी

रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य स्कूली बच्चों में देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण और साहस और बलिदान के मूल्यों को विकसित करना और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाना है.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के सातवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में इस वर्ष से राष्ट्रीय समर स्मारक पर एक नया चैप्टर शामिल किया गया है. जिसका मकसद छात्रों को अंदर देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण, साहस और बलिदान के मूल्यों को विकसित करना और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी को आगे बढ़ाना है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कक्षा सातवीं के एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने वाले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अध्याय पर चर्चा करते हुए कहा कि, “एनसीईआरटी आने वाले वर्ष में नई किताबें लाने का प्रयास कर रहा है. यह सब छात्रों को यह बताने के उद्देश्य से किया जा रहा है कि भारत ने कैसे कोविड प्रबंधन, जी20 शिखर सम्मेलन, चंद्रयान मिशन आदि को अंजाम दिया और इससे छात्रों की आलोचनात्मक सोच, तार्किक मानसिकता को आगे बढ़ाना है.

इस वर्ष कक्षा सातवीं के एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में शामिल राष्ट्रीय युद्ध स्मारक – ‘हमारे बहादुर सैनिकों को एक श्रद्धांजलि’ – पर एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा, “यह बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था. यह आश्चर्य की बात है कि पहले ऐसा क्यों नहीं किया गया. ”

सकलानी ने कहा कि यह इस साल मार्च से पढ़ाया जा रहा है जब पाठ्यपुस्तक जारी की गई थी.”

इस चैप्टर के जोड़े जाने को लेकर रक्षा मंत्रालय ने कहा कि, ‘हमारे बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि’ – को कक्षा सातवीं के एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य स्कूली बच्चों में देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण और साहस और बलिदान के मूल्यों को विकसित करना और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाना है.

मंत्रालय के बयान के अनुसार, रक्षा और शिक्षा मंत्रालयों की इस संयुक्त पहल का मकसद स्कूली छात्रों में देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण, साहस और बलिदान की भावना का विकास करना तथा राष्ट्र निर्माण में युवाओं की हिस्सेदारी बढ़ाना है.

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ‘‘ इस अध्याय में आजादी के बाद सेवा के दौरान सशस्त्र बलों के जवानों के सर्वोच्च बलिदान के अलावा राष्ट्रीय समर स्मारक के इतिहास, महत्व और अवधारणा का उल्लेख किया गया है.’’

 

रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि, इस अध्याय में दो मित्र पत्रों का आदान- प्रदान करते हैं और आजादी के लिए वीर जवानों के प्रति आभार का भाव साझा करते हैं जो उनके बलिदान के कारण मिली.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को नयी दिल्ली में राष्ट्रीय समर स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया था.


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