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बुधवार, 25 जून, 2025
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शिक्षकों से सचिवालय की ‘परिक्रमा’ न करने की अपील, जिलों में ही सुलझें समस्याएं: शिक्षा विभाग

अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि जिलों में ही जिला स्थापना समिति गठित है, जो जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मामलों की समीक्षा कर समाधान करती है.

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पटना: स्थानांतरण और स्थापना से जुड़ी समस्याओं को लेकर सचिवालय पहुंच रहे शिक्षकों को अब शिक्षा विभाग ने स्पष्ट संदेश दिया है. बिहार के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि शिक्षक अपनी शिकायतों को जिलास्तर पर ही निपटाएं और अनावश्यक रूप से सचिवालय न आएं.

डॉ. सिद्धार्थ ने पत्र में कहा है कि शिक्षकों के लगातार मुख्यालय आने से विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग का स्थापना बल करीब 10 लाख है और अगर इसका एक छोटा हिस्सा भी शिकायत लेकर मुख्यालय पहुंचता है, तो इससे विभाग का संचालन बाधित होता है.

अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि जिलों में ही जिला स्थापना समिति गठित है, जो जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मामलों की समीक्षा कर समाधान करती है. केवल अत्यंत विशेष स्थिति में ही अंतर जिला स्थानांतरण से जुड़े मामले राज्य स्तर पर विचाराधीन होते हैं.

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि शिक्षकों की शिकायतें केवल ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से ही दर्ज की जाएं. इस पोर्टल के माध्यम से शिक्षक ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं, जिसे जिला शिक्षा पदाधिकारी, निदेशक प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षा, और अन्य संबंधित अधिकारी समानांतर रूप से देख रहे हैं.

शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की शिकायतों के निष्पादन के लिए एक स्ट्रक्चर्ड वेबसाइट आधारित प्रणाली तैयार की है. जिला शिक्षा पदाधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे शिकायतों का त्वरित निष्पादन कर उसका अनुपालन प्रतिवेदन पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि राज्य स्तर पर नामित नोडल पदाधिकारी समय-समय पर मॉनिटरिंग कर सकें.

अंत में डॉ. सिद्धार्थ ने दोहराया कि “शिक्षकों को बेवजह मुख्यालय आने की आवश्यकता नहीं है. विभाग पहले से ही उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रभावी और पारदर्शी प्रणाली विकसित कर चुका है.”

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