नई दिल्ली: अनलॉक-5 के लिए नई गाइडलाइन बुधवार को जारी हो गई, गृह मंत्रलाय ने इसमें 15 अक्टूबर से स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने की इजाजत दे दी है लेकिन अंतिम फैसला राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर छोड़ दिया है.
नतीजतन, कई बड़े राज्यों ने कम से कम महीने के अंत तक स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया है, पूरे भारत में बढ़ते कोविड-19 मामलों को इसकी वजह बताया है, केवल उत्तर प्रदेश है जो 15 अक्टूबर से चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को फिर से खोलने का विकल्प चुन रहा है.
8 सितंबर के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, स्कूलों और शिक्षा संस्थानों को फिर से खोलने का फैसला माता-पिता/अभिभावकों की सहमति से लेने की जरूरत है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले ही प्रक्रियाओं को को लेकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ एक विस्तृत सूची साझा की है, लेकिन राज्यों को अपने स्वयं के दिशानिर्देशों के तय करने की अनुमति दी है और जो भी स्थानीय जरूरतों के हिसाब से ठीक हो.
इस बीच, कॉलेजों के फिर से खोलने पर, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने गुरुवार कहा कि उनके मंत्रालय का उच्च शिक्षा विभाग स्थिति के आकलन के आधार पर गृह मंत्रालय के सलाह-मशविरा करके निर्णय ले सकता है.
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यूपी ने चरणबद्ध रि-ओपनिंग की इजाजात दी
उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में, विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श रखते हुए और माता-पिता से अनुमति लेकर, चरणबद्ध तरीके से स्कूलों के खोलने की अनुमति दी है.
कॉलेजों को फिर से खोलने को लेकर, सरकारी अधिसूचना कहा गया है कि शिक्षा मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन किया जाना चाहिए.
हालांकि, राज्य ने पीएचडी और अनुसंधान छात्रों को 15 अक्टूबर से प्रयोगशालाओं और अन्य अनुसंधान सुविधाओं के इस्तेमाल के लिए परिसर में लौटने की अनुमति दी है.
बाकी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश की रिओपनिंग में देरी
वहीं जबकि पश्चिम बंगाल ने स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला मध्य नवम्बर तक बढ़ा दिया है, महाराष्ट्र- जहां मंगलवार तक कोविड के मामले सबसे ज्यादा रिकार्ड किए गए हैं, ने कम से कम 31 अक्तूबर तक किसी संस्थान को फिर से न खोलने का फैसला किया है.
30 सितंबर की एक आधिकारिक अधिसूचना में, महाराष्ट्र सरकार ने निषिद्ध गतिविधियों की सूची के तहत स्कूलों, कॉलेजों और शिक्षा गतिविधियों को फिर से शुरू करने को 31 अक्टूबर तक बनाए रखा है.’ जारी सर्कुलर के मुताबिक स्कूल, कॉलेज, शैक्षिक और कोचिंग संस्थान 31 अक्टूबर 2020 तक बंद रहेंगे. ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग जारी रहने और इसे बढ़ाने की इजाजत रहेगी.’
आंध्र प्रदेश, दूसरा अधिक मामलों वाला राज्य है, ने भी स्कूलों के फिर से खोलने को 2 नवंबर तक टालने का निर्णय लिया है. राज्य में बुधवार तक 59,435 एक्टिव कोविड-19 के मामले थे, जिनमें से 6,190 मामले और 35 मौतें पिछले 24 घंटों में दर्ज की गई थीं.
कर्नाटक, जहां कि एक लाख से ज्यादा एक्टिव कोविड-19 मामले हैं, ने अभी तक स्कूलों के फिर से खोलने का निर्णय नहीं लिया है. मंगलवार को राज्य में रिपोर्टरों से बात करते हुए, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री, एस. सुरेश कुमार ने कहा था, ‘कृपया डरे नहीं. राज्य सरकार ने अभी तक स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला नहीं किया है. निकट भविष्य में उन्हें शुरू करने पर कोई विचार नहीं किया गया है.’
हालांकि, राज्य सरकार ने स्कूल फिर से खोलने को लेकर एसओपीज का एक सेट जारी किया है, इसमें जहां कहीं भी छात्र अधिक हों वहां क्लासेज शिफ्टों में करने, उचित निशानों के जरिए छात्रों के बीच दूरी बनाए रखने, स्कूलों को रोजाना सैनिटाइज करने और खेल गतिविधियों प्रतिबंधित करने की बात कही गई है.
दिल्ली सरकार ने, जिसने पहले 5 अक्टूबर तक स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया था, इसकी तारीख 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी है. बुधवार को जारी एक अधिसूचना में सरकार ने कहा, ‘दिल्ली में सभी प्रतिबंधित गतिविधियों के लिए यथास्थिति 31 अक्टूबर तक बनी रहेगी.’
असम, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर ने स्कूलों को पूरी तरह रिओपनिंग न करने का फैसला किया है- इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने सितंबर में पहले विद्यार्थियों को शिक्षकों से परामर्श लेने की इजाजत देने का फैसला किया था.
हालांकि, उनमें से कुछ ने स्कूलों को पूर्ण रूप से फिर से खोला जाए या नहीं, तय नहीं किया है. जे. गणेशन, हरियाणा के माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने दिप्रिंट को बताया कि चीजें ‘तैयारी के स्तर पर’ हैं.
जम्मू-कश्मीर सरकार के सूत्रों ने भी यह बताया कि इस मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
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(मधुपर्णा दास, मानसी फडके, रोहिणी स्वामी, अनीशा बेदी और अजान जावेद के इनपुट्स के साथ)
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