scorecardresearch
Tuesday, 11 March, 2025
होमएजुकेशनकनाडा जाने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या में कमी, रूस में बढ़ी दिलचस्पी: सरकार ने संसद को बताया

कनाडा जाने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या में कमी, रूस में बढ़ी दिलचस्पी: सरकार ने संसद को बताया

अमेरिका, ब्रिटेन में पढ़ने वाले भारतीयों की संख्या में भी कमी आई है क्योंकि ज़्यादा स्टूडेंट्स अब फ्रांस, जर्मनी में पढ़ाई करने जा रहे हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को संसद को बताया कि 2024 में विदेश में पढ़ने वाले भारतीयों की संख्या में पिछले साल की तुलना में लगभग 15 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिसमें सबसे ज़्यादा — 41 प्रतिशत — की गिरावट कनाडा जाने वाले स्टूडेंट्स में देखी गई है.

मंत्रालय के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि पिछले साल रूस जाने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या में 2023 की तुलना में 33.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

लोकसभा सदस्य और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के नेता ई. टी. मोहम्मद बशीर द्वारा विदेशों में पढ़ने वाले भारतीयों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने निचले सदन में पिछले तीन साल के आंकड़े प्रस्तुत किए.

आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 7,50,365 भारतीय विदेश में पढ़ाई कर रहे थे. यह संख्या 2023 में बढ़कर 8,92,989 हो गई, जो महामारी के बाद की वृद्धि को दिखाती है. हालांकि, 2024 में यह घटकर 7,59,064 रह गई, जो लगभग 15 प्रतिशत की गिरावट दिखाती है.

आंकड़ों के देश-वार विभाजन से पता चला कि कनाडा में पढ़ने जाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में भारी गिरावट आई है. यह आंकड़ा 2023 में 2,33,532 से घटकर 2024 में 1,37,608 हो गया — यानी की 41 प्रतिशत की गिरावट.

पिछले साल स्टूडेंट वीज़ा नियमों को कड़ा करने के कनाडा के फैसले का भारतीय स्टूडेंट्स पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है, जिसके कारण वीज़ा रिजेक्शन बढ़े हैं, आवेदनों की जांच हुई और स्टडी परमिट रद्द होने की संभावना रही.

यह गिरावट दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव की पृष्ठभूमि में देखी जा रही है. अक्टूबर 2023 में कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया क्योंकि सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर विवाद के बीच नई दिल्ली ने राजनयिक उपस्थिति में ‘समानता’ की मांग की थी.

अक्टूबर 2024 में संबंध और बिगड़ गए, जब निज्जर की हत्या से संबंधित आरोप-प्रत्यारोप के बीच दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया.


यह भी पढ़ें: एकेडमिक स्वतंत्रता के नाम पर UGC ने CARE जर्नल लिस्ट को किया बंद, शिक्षा जगत पर क्या होगा असर


UK, US, ऑस्ट्रेलिया जाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में कमी

शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, यूनाइटेड स्टेट्स (यू.एस.), यूनाइटेड किंगडम (यू.के.) और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में पढ़ाई करने जाने वाले भारतीयों की संख्या में भी कमी आई है.

यू.एस. जाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 2023 में 2,34,473 से घटकर 2024 में 204,058 हो गई है — यानी 12.9 प्रतिशत की गिरावट. ऐसा संभवतः ट्रंप प्रशासन की नई नीतियों के बाद हुआ है, जिसके कारण पिछले साल कई स्टूडेंट्स ने यू.एस. में पढ़ने के सपने पर दोबारा सोचा होगा.

यू.के. के मामले में स्टूडेंट्स की संख्या 2023 में 1,36,921 से घटकर 2024 में 98,890 हो गई, जो 27.7 प्रतिशत की महत्वपूर्ण कमी है, संभवतः कड़े वीज़ा नियमों और पढ़ाई के बाद काम करने की नीतियों के कारण.

ऑस्ट्रेलिया में स्टूडेंट्स की संख्या में 12 प्रतिशत की गिरावट देखी गई यानी 2023 में 78,093 से घटकर 2024 में 68,572 हो गई. यह मुख्य रूप से हाल ही में नीतिगत बदलावों के कारण है, जिसमें हाई वीज़ा फीस, सख्त आवश्यकताएं और रहने से संबंधित परेशानियां शामिल हैं.

इसके अलावा, चीन की यात्रा करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में भी गिरावट आई है, जो 2023 में 7,279 से घटकर 2024 में 4,978 हो गई है.

रूस, फ्रांस, जर्मनी में संख्या बढ़ी

आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले तीन साल में रूस जाने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या काफी बढ़ी है. 2022 में 19,784 स्टूडेंट्स से बढ़कर 2023 में 23,503 और 2024 में 31,444 हो गई.

इसी तरह, फ्रांस जाने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या में भी वृद्धि हुई है, जो 2022 में 6,406 से बढ़कर 2023 में 7,484 और 2024 में 8,536 हो गई.

जर्मनी में भी स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ी है, 2024 में 34,702 स्टूडेंट्स थे, जबकि 2023 में 23,296 और 2022 में 20,684 स्टूडेंट्स देश में गए थे. न्यूजीलैंड में भी स्टूडेंट्स की संख्या तेज़ी से बढ़ी है, जहां 2022 में 1,605 से बढ़कर 2024 में 7,297 स्टूडेंट्स हो गए. इस बीच, फिलीपींस में थोड़ी गिरावट देखी गई, 2022 में 11,261 स्टूडेंट्स से बढ़कर 2024 में 8,101 हो गए.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: नीति आयोग ने राज्यों की पब्लिक यूनिवर्सिटीज़ में सुधार के लिए HEFA जैसी वित्तीय एजेंसी की सिफ़ारिश की


 

share & View comments